खरगोन:नारी सृष्टि की अनमोल धरोहर है महिला खुशहाल होगी तो परिवार और समाज भी खुशहाल बनेगा

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खरगोन, मध्य प्रदेश। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के खरगोन सेवाकेंद्र द्वारा “अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस” पर आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्‍य विषय रहा “खुशहाल महिला, खुशहाल परिवार” | इस अवसर पर नगर की मुख्य गणमान्य महिला अतिथि उपस्थित थी, जिसमें मुख्‍य रूप से मोमीज ग्रुप की अध्यक्ष बहन शोभा खोड़े जी, समाजसेवी बहन गरिमा राठौर जी, कृषि अनुसंधान केन्द्र की साईंटिस्ट बहन अनिता शुक्ला, वार्ड क्रमांक 5 की पार्षद बहन श्वेता महाजन तथा पूर्व पार्षद बहन गायत्री गोस्वामी उपस्थित थी। कार्यक्रम की अध्यक्ष राजयोगिनी ब्रम्हाकुमारी किरण दीदी ने की।   मुख्य अतिथि बहन अनिता शुक्ला ने कहा कि – जहॉं नारियों को पूजा जाता है, सराहा जाता है, सम्मान दिया जाता है, वहॉं देवतागण निवास करते है। पहले महिलाओं को सम्मान दिया जाता था लेकिन धीरे धीरे दहेज प्रथ , पर्दा प्रथा, सती प्रथा जैसी कुरूतियों आईं जहॉं महिला का सम्मान कम हुआ लेकिन आज वुमन एम्पावरमेंट को देखते हुए महिला का एजुकेशन देखते हुए हम देख रहे है कि काफी बदलाव आया है। पहले बेटिया घर के काम काज तक सीमित थी, लेकिन आज महिला डॉक्टर है, इंजीनियर है, कलेक्टर है, मिनिस्टर है, ब्रम्हाकुमारी में शिक्षाविद की मसीहा ओर भारत देश की राष्ट्रपति और विश्व की गौरव सभी बहने है। आज देश का उत्थान में महिला का योगदान है। आज कृषक से लेकर अंतरिक्ष तक महिला है, टेक्सी डायवर से लेकर पायलट तक एक महिला है, हर क्षेत्र्र में नारी का योगदान है नारी सृष्टि की रचियता है, पृथ्वी की अनमोल धरोहर है। महिला खुशहाल होगी तो निश्चित है पुरा परिवार खुश रहेगा, शिक्षित बनेगा और समाज में एक अच्छा माहौल बनेगा।     सर्वप्रथम ब्रह्माकुमारी बहनों ने अतिथियों का स्वागत एवं सम्मान पुष्प गुच्छो, चुनरी, ताज, तिलक आदि से किया एवं दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया, साथ ही एनटीपीसी सेल्‍दा से आये भ्राता नारायण जी ने भारत फिर भरपूर बनेगा के गीत की सुंदर प्रस्‍तुत दी, तो वही कत्‍थक नृत्‍यांगना तथा एनटीपीसी पॉवर प्लांट बल भारती की टीचर बहन कु. मोनालिका देबनाथ ने नारी के सम्मान में सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया | ब्र.कु. किरण दीदी ने बताया कि महिला परिवार की धुरी है, उसकी मनः स्थिति घर परिवार के वातावरण को अधिक प्रभावित करती है।  वर्तमान विश्व में भौतिक विकास अपने चरम पर है लेकिन मनुष्य का जीवन अनेक तनाव, उलझनों, चिंताओं परेशानियों से युक्त है। समस्याएं तो जीवन में आती रहती हैं,पर इन सबके बीच रहते हुये भी खुशनुमः जीवन जीना एक कला है। आध्यात्मिकता एवं राजयोग का अभ्यास जीवन के प्रति सही दृष्टिकोण का विकास करता है, ओर विपरीत परिस्थितियों में भी खुशहाल जीवन जीने की क्षमता विकसित करता है। बहन श्वेता महाजन
ने कहा की समाज में महिलाएं किसी से कम नहीं है। महिला सम्मान को लेकर सामूहिक पहल की ज़रुरत है। समाज को मुख्यधारा से जोड़ने व परिवार तक का निर्माण करने में महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। इस अवसर पर अन्य अतिथियों ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी इस स्‍वर्णिम युग में अपने मार्ग से भटक रही है इसलिये बचपन से ही बच्चों में संस्कार और आत्म निर्भरता जैसे गुणो को बढ़ाने में सहयोग करें। उन्‍होने महिलाओं की आध्यात्मिक एवं भावनात्मक उन्नति की बात को महत्वपूर्ण बताते हुए उन्हें दुर्गा, काली के रूप में निर्भयता की शक्ति से सम्पन्न बताया। अतिथियों ने ब्रम्‍हाकुमारी संस्‍था को नारी के द्वारा संचालित किये जाने को अहम भूमिका बताया। इस अवसर पर समाज में उल्‍लेखिनीय कार्य करने वाली महिलाओं का सम्‍मान भी किया गया। अंत में ब्रह्माकुमारी देवकन्या बहन ने सभी का आभार माना।

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