– स्वस्थ, तंदुरुस्त एवं खेल युवा विषय पर ब्रह्माकुमारीज व भारत सरकार के युवा मंत्रालय के द्वारा आयोजित। ।
इंदौर,मध्य प्रदेश। किसी भी कार्य में सफल होने के लिए एकाग्रता का होना बहुत आवश्यक है। एकाग्रता के लिए दिल की गहराइयों से हम क्या देखते हैं क्या सुनते हैं ,क्या करते हैं। जैसा हम देखते हैं सुनते हैं वही हम बन जाते हैं। एकाग्रता के लिए हमारा लक्ष्य के ऊपर अटेंशन होना बेहद जरूरी है ।विद्यार्थियों को कहा जाता है ध्यान से काम करो, ध्यान से पढ़ाई करो । लेकिन मजे की बात यह है कि किसी भी कक्षा में ध्यान क्या है इसे कैसे किया जाता है यह नहीं सिखाया जाता है क्योंकि आज हमारा मन बाहर की बातों में जैसे सिनेमा, गेम्स(आईपीएल क्रिकेट), टी. वी. प्रोग्राम्स आदि मे इतना ज्यादा इंवॉल्व कि वह जरूरी कार्यों में फोकस नहीं कर पाता है। यह विचार मुंबई से पधारे अंतरराष्ट्रीय ट्रेनर प्रोफेसर इ .वी .गिरीश ने न्यू पलासिया में स्थित ब्रह्मा कुमारीज के ओम शांति भवन में भारत सरकार के युवा एवं खेल मंत्रालय तथा ब्रह्माकुमारीज के संयुक्त प्रयास द्वारा स्वस्थ, तंदुरुस्त एवं खेल एजेंडा युवाओं के लिए इस विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला में संबोधित करते हुए बताया। आपने बताया कि वर्ष 2018 में दिल्ली में डीएडिक्शन सेंटर खोला गया इससे पता चलता है की मन कितना कमजोर है। एकाग्रता को समझाने के लिए 3 ईडियट फिल्म का उदाहरण दिया आपने सामने बैठे स्टूडेंट से फिल्म का बीच का सीन पूछा जो लगभग सभी को याद था। बाद में उन्होंने कुछ सप्ताह पहले क्लास में पढ़ाए गए टॉपिक के बारे में पूछा तो कुछ स्टूडेंट ही जवाब दे पाए।आपने बताया कि इसमें अटेंशन बहुत बड़ी चीज है इसलिए 4 साल पहले देखी फिल्म का एक डायलॉग याद है और 4 सप्ताह पहले अटेंड की गई क्लास का टॉपिक याद करने में मुश्किल अनुभव हुई क्योंकि हमारा दिमाग पिक्चर को याद रखता है इसलिए हमें यदि कोई चीज याद करनी है तो हमें अपने मन में उसकी पिक्चर बना लेनी चाहिए यह याद करने की सरल विधि है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि भ्राता मकरंद देउसकर पुलिस कमिश्नर ने युवा को परिभाषित करते हुए बताया कि जो भी व्यक्ति नई संभावना ढूंढता है जो नई नई चीजें सीखता है अपने आसपास का माहौल बेहतर बनाता है, लोगों और अपने समाज के लिए कार्य करता है वह युवा है। ब्रह्मा कुमारीज का राजयोग एकाग्रता के लिए बहुत ही सहज और सरल है जिसे जीवन में अपनाना चाहिए ।नेहरू युवा केंद्र कि निर्देशिका तारा पारगी ने कहा ब्रह्मा कुमारी द्वारा युवाओं के लिए आयोजित यह कार्यशाला बहुत ही अहम है क्योंकि इसमें सिखाई जाने वाली बातें आपको जीवन के हर क्षेत्र में कहीं ना कहीं काम जरूर आयेंगी । आपने स्पष्ट कहा कि अगर ब्रह्मा कुमारीज जैसी लाइफस्टाइल हम भी अपने जीवन में अपनाएं तो हमारे जीवन में शान्ति, प्रेम, मधुरता व एकाग्रता आदि अनेक गुणों का अनुभव सहज करें। बहिन रचना ठाकुर रजिस्ट्रार डीएवीवी ने बताया इस तरह की कार्यशाला हमारे युवाओं के लिए बहुत ही आवश्यक है। जिंदगी तो सभी जीते हैं लेकिन जिंदगी जीने की कला कम ही लोग जानते हैं ।जीवन जीने की कला के कुछ सूत्र आपने युवाओं के साथ साझा किए। इसमें हम अपने तन-मन-मस्तिष्क को स्वस्थ रखें। खुद को स्वीकार करें और स्वयं से प्यार करें। किसी से भी ईर्ष्या ना करें। । सकारात्मकता हमें हर प्रकार की बुराई से बचाती है और ईश्वर से जुड़ने में मदद करती है । ब्रह्मा कुमारीज के क्षेत्रीय प्रसासिका राजयोगिनी आरती दीदी जी ने कहा कि आज युवाओं को रोजगार की दरकार है जिसमें एकाग्रता का बड़ा अहम रोल है।मनुष्य सुख,शांति और समृद्धि के लिए दर-दर भटकता है लेकिन उसे यह पता ही नहीं है कि जिस खजाने की उसको तलाश है, वह तो उसके अंदर ही है । इसके लिये राजयोग द्वारा परमपिता परमात्मा का सत्य परिचय होना आवश्यक है..आप जब स्वयं को ईश्वर से जोड़ते हैं तो आपमें परोपकारीता का गुण स्वतः ही आता है जो आपके जीवन में आनंद की स्थिति का दायरा बढ़ता है और सच्ची खुशहाली की अनुभूति भी कराता है। आप घर- परिवार में रहते हुए भी हर चीज को प्राप्त करके सुख-शान्ति व समृद्धि से भरपूर जीवन जी सकते है। अंत में आए हुए सभी मेहमानों ने कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित करके किया। इस कार्यक्रम में शहर के बड़ी संख्या में युवा छात्र-छात्राएं मौजूद थी। यह 3 दिवसीय कार्यशाला 20 अप्रैल तक प्रतिदिन सवेरे 8:30 से 9:30 तक आयोजित की जा रही है।