नागपुर: “ आध्यात्मिकता से जीवन में कर्म में कुशलता तथा उत्कृष्टता….“ – राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी आशा दीदी जी

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नागपुर महाराष्ट्र: – प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय एवं राजयोगा एज्युकेशन एन्ड रिसर्च फाऊंडेशन के संयुक्त तत्वाधान से जामठा स्थित विश्व सरोवर में प्रशासक, कार्यपालकों के लिये आध्यात्मिकता द्वारा प्रशासन में उत्कृष्टता विषय पर रविवार को महासम्मेलन आयोजित किया गया था! इस अवसर पर दिल्ली से पधारी प्रशासक वर्ग की अध्यक्षा राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी आशा दीदी ने प्रशासक वर्ग को संबोधित करते हुए कहा कि आज के मौजूदा हालात को देखते हुए लोगों ने अध्यात्म के महत्व को मानना शुरू किया है। जीवन को अच्छी तरह जी सके उसी का नाम स्प्रीच्युअल्टी है। उन्होंने कहा कि स्प्रीच्युअल्टी के लिये स्वयं को जानना अर्थात मैं कौन? उससे कनेक्ट रहना मैं अपने भाग्य का निर्माता स्वयं मै हू। आज जो लोग अपने जीवन में शांति चाहते हैं वह कहां से मिलेगी ? प्रेम हमारी मुलभूत चीज है। उत्कृष्टता केवल व्यावसायिक स्तर पर सफल होने का नाम नहीं है, बल्कि मेरे हाथों से एैसा काम हो जिससे सबका कल्याण हो। हम ऐसा कर्म करें जिससे हमारा जीवन सुख शांतिमय व तनाव मुक्त हो। देना ही लेना है, आप जितना देते हैं उतना आपको प्राप्त होता है। जो देंगे वह आपको मिलेगा। प्रशासकों को निर्भय होना बहुत जरूरी है यह गुण स्प्रीच्युअल्टी से प्राप्त होगा। दूसरों से ब्लेसिंग पाने के लिये हमें काबिल बनना पड़ता है। ब्लेसिंग कठिन समय में हमें सहयोग देती है। आध्यात्मिकता से जीवन में यथार्थ निर्णय की कला विकसित होती है अतः आपको जीवन में धोखा खाने से बचाएगी। मूल्यों की धारणा से जीवन तनाव मुक्त, निश्चित बनेगा आप में निमित्त और निर्माण भाव आयेगा।माउंट आबू से पधारे मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. प्रेम मसंद जी ने कहा कि हम अपने जीवन में हमेशा दूसरों से तुलना करते रहते हैं जबकि सूर्य और चंद्रमा एक दूसरे से तुलना नहीं करते, दोनों अपना अपना काम करते रहते हैं। दूसरों से तुलना करने के कारण हमारी खुशी गायब हो रही है मन की बीमारियां उत्पन्न हो रही है बीमारी आत्मा में हो रही है जिसके कारण हमारा तन भी बीमार हो रहा है। जो सॉप्टवेयर में है वह हार्डवेयर में हो रहा है अपनी खुशी को किसी चीज से अटैच करने पर दुःख की प्राप्ति होती है जबकि मेडिटेशन से समस्याएं समाप्त होती है, कमजोरियां मिटती है खुश रहने के टिप्स बताते हुए उन्होंने कहा कि हमेशा मन में यह संकल्प करें कि I am OK यू आर ओके एंड एवरीथिंग इज ओके। अपने आपसे प्यार करें औरों से भी प्यार करें अगर खुद से प्यार नहीं करते तो बीमारी उत्पन्न होती है। अपने को मेडिटेशन से ठीक करें और आगे बढे उन्होंने मन की एक्सरसाइज के साथ तन की भी एक्सरसाइज करायी।
माउंट आबू से पधारे मुख्यालय कोऑर्डिनेटर बीके हरीश भाई ने एडमिनिस्टेªशन विंग की जानकारी देते हुए बताया कि यह विंग पिछले तीस साल से सफलतापूर्वक कार्य कर रहा है संस्था समाज के सभी वर्ग के लिये अपनी सेवाएं प्रदान करती है। आज सेवा का भाव स्वार्थ में परिवर्तन हो रहा है उन्होंने आगे कहा कि कहा कि राजयोग से रूलिंग पावर, कंट्रोलिंग पावर बढती है। जीवन में पॉजिटिव चेंज आता है। आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग लोगों के जीवन में परिवर्तन लाता है। लाखों भाई बहन मूल्यों को अपने जीवन में लाने का प्रयास करते हैं। स्वयं पर राज्य करने की टेक्निक इस ईश्वरीय विश्व विद्यालय में सिखाई जाती है। अगर हमारा मन अशांत है तो सही निर्णय नहीं ले सकते तनाव से हमारी कार्यक्षमता प्रभावित होती है। कार्य करते कार्यकुशलता को बढाना इस सम्मेलन का लक्ष्य है।
  भोपाल की नेशनल कोऑर्डिनेटर अवधेश बहन ने कमजोरी को समाप्त करने के लिये सकारात्मकता को अपनाना होगा। यह सकारात्मकता हमें राजयोग से प्राप्त होगी। मेडिटेशन हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है। मेडिटशन हमें अटेंशन की टेबलेट खिलाता है।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज् नागपुर विभाग की संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी रजनी दीदी जी को युर्निवसीटी ऑफ सेंट्रल अमेरीका से उपलब्ध डॉक्टरेट डीग्री से मुंबई से पधारे डॉ. राजकुमार कोल्हे जी द्वारा सम्मानीत किया गया। कार्यक्रम के दौरान श्रीमती समीना खान,Administrative Judge Industrial Court   ने कहा कि मैंेने यहां आकर ओम शांति बोलना सीख लिया है और यह सबको सिखना चाहिये हमें एैसा काम करना चाहिये जिससे लोगों का विश्वास न्यायपालिका पर बना रहे उन्होंने एैसे सम्मेलन के लिये आयोजकों का धन्यवाद अदा किया। मध्य रेलवे के डी.आर.एम. श्री तुषार कांत पांडे जी ने कहा कि आज का दिन उनके जीवन में अद्भुत और अविस्मरणीय दिवस रहा है। इस समय पर विशेष श्री रंगनाथ नायकडे (IFS) Chief Conservator Forest  (Territorial) भी मौजुद थे, यहां से हम बहुत अच्छी उर्जा लेकर जा रहे है, यहा पर प्रशासकों के लिये विषय भी बहुत अच्छा रखा है। मै यहां पर आध्यात्मिक पावर को महसूस कर रहा हुं। 
कार्यक्रम के आरंभ में महासम्मेलन का उद्घाटन करने श्री संदीप पाटिल,IPS DIGP -Gadchiroli Camp Nagpur, श्री सुधीर पाठक, Trustee Madhav Netralaya & Senior Vice President Mahindra & Mahindra, श्री श्रीकांत दुबे, Vice President & Plant Head, Mahindra and Mahindra,  श्री प्रशांत बुरडे, Superintending Engineer, Maharashtra Jivan Pradhikarn, श्री गोविंदप्रसाद उपाध्याय,Working Director, B.V. S. S – Shri Ayurved College and Pakvasa Hospital, Nagpur,  डॉ. अरविंद महल्ले, Dean Administration – Raisoni Engineering College, Nagpur,  डॉ. समीर पिंगले, Director- SCMS- Symbiosis Centre for Management Studies, Nagpur,   डॉ. शिल्पा खापरकर, जिल्हा कल्याण अधिकारी, प्रशांत सवाई, Dy. Director – Director of Tourism,  श्रीमती प्रज्ञा त्रिवेदी,Chairman Albedo Vision Mumbai,  श्री समीर बेंद्रे, Chief of Operations Persistent System Ltd. ,  श्री विशाल अग्रवाल, President VIA and Director Plasto India,  श्री गुरुदत्त रॉय, Director HR Yantra India Ltd.Ordnance Factory, श्री विजय भगत, Kendra Pramukh, Utkarsha Pratishthan,  श्री सुधांशु भुषण Asst. General Manager Punjab national Bank, श्री डॉ. सुनील झां, Superintendent Mining Geologist,  डॉ. मनिषा पाटील, President, Orange City Homeopathic Organisation,  श्री विजय भगत, Kendra Pramukh, Utkarsha Pratishthan,  श्री राकेश खुराणा, मैनेजिंग डायरेक्टर, चानवी प्लास्टिक, बुटीबोरी आदि अतिथियों ने दीप प्रज्वलित किया।
इस कार्यक्रम में कुमार-कुमारीयो ने नृत्य प्रदर्शित किया। आभार प्रदर्शन ब्रह्माकुमार प्रेमप्रकाश भाई ने किया और मंच संचालन ब्रह्माकुमारी उर्मिल दीदी ने किया। बी.के. लक्ष्मी बहन ने राजयोग मेडिटेशन के द्वारा अंतर्जगत की यात्रा करायी। आज का यह महासम्मेलन नागपुर तथा विदर्भ प्रशासन क्षेत्र लिये बहुत ही अविस्मरणीय रहा। सभी आगंतुक प्रशासकीय अधिकारियों ने कार्यक्रम की सराहना की तथा अपने कार्यालयों में राजयोग मेडिटेशन कोर्स को आयोजित करने की इच्छा जाहिर की। इस कार्यक्रम का करीब 1500 अधिकारियों ने लाभ लिया।ीप प्रज्वलित किया।


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