नागपुर: ब्रह्माकुमारीज् के विश्व शांती सरोवर में “नशा मुक्त भारत अभियान MOU लॉंचिंग कार्यक्रम सम्पन्न”

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नागपुर,महाराष्ट्र: आज ब्रह्माकुमारीज् विश्व शांति सरोवर, जामठा में भारत भुमी को नशा मुक्त बनाने के लिये भारत सरकार के सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय और ब्रह्माकुमारीज् द्वारा चलाया जा रहा ”नशामुक्त भारत अभियान” का विदर्भ स्तरीय लॉंचिंग कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। नशा मुक्ति के बारे में जागरुकता पैदा करने तथा उसके दुष्प्रभाव के प्रति जागरुकता पैदा करने ताकी हम वर्तमान और भावी पीढी को इस दलदल से बचा सके। जो लोग नशा छोडना चाहते है, उन्हें सहयोग करने, उन्हें प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रुपसे प्रेरीत करने ब्रह्माकुमारीज् संगठन के राष्ट्रव्यापी नेटवर्क की  ताकत को, समाज के एक व्यापक वर्ग तक पहुचानें के लिये, ब्रह्माकुमारीज के मेडिकल विंग और सामाजिक न्याय और अधिकारीता मंत्रालय के बीच 4 मार्च 2023 को नई दिल्ली में समझौते पर MOU हस्ताक्षर किए गए। यह अभियान ब्रह्माकुमारीज व्दारा सभी राज्यो एवं केंद्र प्रशासिक प्रदेशों के 342 जिल्हों में लॉंच किया जाएगा आज इसका विदर्भ स्तरीय लॉंचिंग सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर डॉ. सुभाष चौधरी, वाइस चांसलर, राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज, नागपूर विद्यापीठ, श्री शरद चव्हाण, डीपी कमिश्नर समाज कल्याण वर्धा मंच पर उपस्थित थे। कार्यक्रम के आरंभ में नागपुर विभाग की संचालिका, राजयोगिनी बी.के. रजनी दीदी जी ने सभी आगंतुक मेहमानों का शब्दसुमनों से स्वागत किया।
कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता के रुप में बी.के. डॉ. सचिन परब, नॅशनल कोऑर्डिनेटर उपस्थित थे।
आप मेरा भारत, नशामुक्त भारत अभियान के राष्ट्रीय संयोजक है। वैश्विक तंबाकु निर्मुलन अभियान के प्रकल्प निर्देशक, वैद्यकिय प्रभाग-राजयोग शिक्षा एवं शोध प्रतिष्ठान के संयुक्त सचीव तथा भारतीय औषधी एवं अनुसंधान के वैद्यकिय सलाहकार आप है। आप माय इंडिया एडिक्शन फ्री इंडिया के राष्ट्रीय समन्वयक है। Global Initiative of tobacco awareness के आप डायरेक्टर है। आप राजयोगा एज्युकेशन और रिसर्च फाउंडेशन के सिनीयर फॅकल्टि मेंबर है। उन्होने अपने वक्तव्य में कहां, कि नशा एक दिमागी बीमारी है और बार-बार होती रहती है, जो नकारात्मक परिणामों के बावजूद, अवांछित पदार्थ या व्यवहार का निरंतर उपयोग करता है। नशीले पदार्थों का उपयोग करता है और व्यवहार संबंधी लत का शिकार होता है। उन्होंने आगे कहां कि सबसे बडी ताकत हमारे युथ है। हमारी इस ताकत को नशे का व्यापार करने वाले कमजोर कर रहे है। यदि हमने नशा मुक्ति अभियान पर काम नहीं किया तो भारत के सभी राज्यों की स्थिती बिगड जायेगी। व्यसनों में खर्रे का प्रचलन भी बढता जा रहा है, उन्होंने एक गांव के स्कुल का हवाला देते हुये कहां कि, इस स्कुल में 50 प्रतिशत लडके लडकियां खर्र्रा खाते है।
टिचर्स भी खर्र्रा खाते है। जब टिचर्स ही इस लत कि शिकार हो तो छात्रा को इस नशे से कोन बचायेगा। सभी को पता है इससे क्या नुकसान होता है, परंतु मन की कमजोरी उन्हें इस नशे से रोक नहीं पाती। आगे उन्होने कहां कि, ब्रह्माकुमारी नशा छुडाते नही है परंतु हम नशा ऐसा चढाते है की बाकी नशे ऑटोमॅटिक खत्म होते है। एडिक्शन ब्रेन में होता है। अगर किसी में विटॅमिन कमी है तो विटॅमिन लेंगे वैसे ही डोपामिन की कमी के कारण नशे के आदती बनते जा रहे है। मेडिटेशन से डोपामिन जनरेट होता है साथ ही मन को नियंत्रित करने के लिये, मनोबल बढाता है। जिससे नशामुक्त बनने की इंसान में क्षमता आती है। उन्होंने कहा कोई व्यसनी बुरा नहीं होता, उनसे तिरस्कार करना ठीक नहीं है। उन्होंने आदिनाथ नामक एक व्यक्ती का उदाहरण देते हुये कहा कि, राजयोग के साप्ताहिक कोर्स से उनको 22 वर्षो के नशे से मुक्ति मिली। राजयोग जीवन शैली अपनाने से विभिन्न प्रकार के नशों से मुक्त होने का अध्ययन किया गया। राजयोगी जीवन शैली अपनाने के फलस्वरूप 65 प्रतिशत लोगों ने 1 महीने में और 85 प्रतिशत लोगों ने 1 वर्ष में अपने नशे की आदतों का शिकार हुये। मात्र 1 प्रतिशत छोड नहीं पाये। व्यसन छोडने वाले लोगों में से 52 प्रति. लोगों ने अन्य लोगों को भी व्यसन और नशे से मुक्त होने के कार्य में सहयोग दिया।
उमरेड सेवा केंद्र की संचालिका बी. के. रेखा दीदी ने राजयोग मेडिटेशन का अनुभव कराया। मंच संचालन मौदा की संचालिका ब्रह्माकुमारी अर्चना दीदी ने किया तथा आभार प्रदर्शन राजयोगी ब्रह्माकुमार प्रेमप्रकाश भाई जी किया।

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