उत्तराखण्ड-गढ़वाल में तनाव-मुक्त प्रशासन का अभियान​

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गढ़वाल,उत्तराखण्ड: 75वें आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम संसार की ओर … प्रोजेक्ट के अन्तर्गत प्रशासनिक सेवा प्रभाग, आबू पर्वत तथा ब्रह्माकुमारीज गढ़वाल सेवाकेन्द्रों द्वारा गढ़वाल क्षेत्र, उत्तराखण्ड के शासन एवं प्रशासन के अधिकारियों की आध्यात्मिक सेवा करने हेतु 10 दिन तक `तनावमुक्त प्रशासन’ अभियान दिनांकः 10-5-2022 से 19-5-2022 तक चलाया गया। इस अभियान के अन्तर्गत किए गए कार्यक्रमों की सूची, फोटोज तथा वीडियो निम्नलिखित हैं।

10-05-2022
(1) पौड़ी गढ़वाल में जिला अधिकारी कार्यालय समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों के लिए कार्यक्रम।
(2) पौड़ी गढ़वाल में पुलिस लाइन पुलिस अधिकारियों एवं जवानों के लिए कार्यक्रम।
11-05-2022
(1) रुद्रप्रयाग जिला अधिकारी कार्यालय में समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों के लिए कार्यक्रम
12-05-2022
(1) गोपेश्वर-चमोली पुलिस लाइन में पुलिस अधिकारियों एवं जवानों के लिए कार्यक्रम।
(2) गोपेश्वर-चमोली में पब्लिक कार्यक्रम
13-05-2022
(1) गोपेश्वर-चमोली के जिला स्तरीय अधिकारियों के लिए कार्यक्रम।
14-05-2022
(1) श्रीनगर-गढ़वाल के नगर निगम के अधिकारियों एवम् कर्मचारियों के लिए कार्यक्रम।
(2) श्रीनगर गढ़वाल के राजकीय आयुर्विज्ञान एवं शोध संस्थान् के छात्रों एवम् फैकल्टी मेम्बर्स के लिए कार्यक्रम।
15-05-2022
(1) उत्तरकाशी आई.टी.बी.पी. के अधिकारियों एवं जवानों के लिए कार्यक्रम।
16-05-2022
(1) उत्तरकाशी आई.टी.बी.पी., माहीदान के अधिकारियों एवं जवानों के लिए कार्यक्रम।
(2) उत्तरकाशी जिलाधिकारी कार्यालय में जिलाधिकारी के साथ आध्यात्मिक चर्चा।
17-05-2022
(1) नई टिहरी के टी.एच.डी.सी. इंडिया लिमिटेड के अधिकारियों के लिए कार्यक्रम।
(2) नई टिहरी के सी.आई.एस.एफ. के अधिकारियों एवं जवानां के लिए कार्यक्रम।
(3) मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय में जनपद स्तरीय अधिकारियों के लिए कार्यक्रम।
18-05-2022
(1) हरिद्वार जिला अधिकारी कार्यालय में जनपद स्तरीय अधिकारियों के लिए कार्यक्रम
(2) रूड़की नगर निगम में अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए कार्यक्रम।

          तनाव मुक्त प्रशासन विषय में मुख्य वक्ता के रूप में उत्तर प्रदेश के विशेषज्ञ तथा पूर्व आईएएस एवं पूर्व आयुक्त बी.के. सीताराम मीणा ने कहा कि तनाव के मुख्य कारणों में से एक कारण है असंतुष्टता। असंतुष्टता को दूर करने के लिए हमें दूसरों पर शासन करने के बजाय स्वयं पर शासन करने की कला सीखनी चाहिए। और यह कला आध्यात्मिक ज्ञान एवं राजयोग मेडिटेशन के अभ्यास से ही आ सकती हैं।
          कार्यक्रम में विशिष्ट वक्ता प्रशासनिक सेवा प्रभाग के मुख्यालय संयोजक बी.के. हरीश भाई ने कहा कि कर्म करते हुए योगी बनना, यही भारत का प्रचीन योग है। कर्मयोगी मनुष्य ही सही मायने में तनाव मुक्त कर्म कर सकता है। उन्होंने कहा कि हमें सर्विस मोटिवेट रहते हुए सबसे ज्यादा दुआएं कमानी चाहिए और यह दुआएं हमारे जीवन में गुप्त रूप से मदद करती है। अंत में उन्होंने सभी अधिकारियों को ब्रह्माकुमारीज के हेडक्वार्टर, माउण्ट आबू आने का निमंत्रण भी दिया।
          कार्यक्रम अध्यक्ष एवं नेशनल को-कोऑर्डिनेटर स्पोर्ट्स विंग बी.के. मेहर चंद जी ने कहा कि भारत देश योगियों का देश रहा है, जिसमें ध्यान का बड़ा महत्व है, किंतु आज हम ध्यान को छोड़ धन की ओर भाग रहे हैं। हमें जरूरत है कि सर्व शास्त्र शिरोमणि भगवत गीता में सिखाए गए राजयोग जीवन शैली को अपनाकर अपने जीवन को सुख और शांति से भरपूर करें।
          इस अवसर पर मोहाली, पंजाब से पधारी राजयोग प्रशिक्षिका बी.के. सुमन बहन ने समस्त श्रोताओं को राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास करवाया।
         अभियान के द्वारा समस्त अधिकारियों ने माना कि तनाव-मुक्त होने के लिए ब्रह्माकुमारी॰ज के द्वारा सिखाए जा रहे राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास बेहद जरूरी हे। साथ ही उन्होंने माउण्ट आबू, राजस्थान आने का भी निमन्त्रण स्वीकार किया। इस अभियान के दौरान उत्तराखण्ड – गढ़वाल के करीब 2000 प्रशासनिक अधिकारियों की आध्यात्मिक सेवा हुई।
          डेप्युटी कमांडेट सीआईएसएफ श्री प्रदीप मिश्राजी ने कहा कि समय का सदुपयोग करते हुए जीवन में हमें हर दिन जरूर कुछ नया सीखना चाहिए, जिसमें अध्यात्म हमें बहुत मदद करता है जिसमें राजयोग जीवन शैली को अपनाने का प्रयास हमें जरूर करना चाहिए।
          वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली राजकीय आयुर्विज्ञान एवम् शोध संस्थान, श्रीनगर गढ़वाल के प्रधानाचार्य डॉ. सी.एम.एस. रावत ने कहा कि ब्रह्माकुमारी॰ज संस्था का धन्यवाद देते हुए कहा कि राजयोग मेडिटेशन के द्वारा मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत ही सराहनीय कार्य कर रह हें।
          इस अभियान के दौरान उत्तराखण्ड गढ़वाल सेवाकेन्द्रों की प्रभारी बी.के. नीलम बहन जी, टी.एच.डी.सी. के उप प्रबंधक श्री ओ.पी. तिवारी जी, जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग मयूर दीक्षित जी, जिलाधिकारी उत्तरकाशी अभिषेक रोहिल्ली जी, जिलाधिकारी पौडी श्री विजयकुमार, जिलाधिकारी हरिद्वार श्री विजय शंकर जी, मुख्य विकास अधिकारी टिहरी नमामि बंसल जी आदि ने बहुत सहयोग दिया।

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