बेंगलुरु : ब्रह्माकुमारीज राजयोग सेवाकेंद्र ,अभिगेरे में नए ‘भाग्यविधाता भवन’ का उद्घाटन समारोह

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बेंगलुरु (कर्नाटक): माउंट आबू के राजयोगी बी के सूरज भाई ने कहा कि राजयोग सेवाकेंद्र विश्व में बढ़ती हिंसा, तनाव ,अशांति के बीच राजयोग मेडिटेशन द्वारा शांति की शीतलता प्रदान करने वाला बनेगा | हर दुखी मानव की  सभी समस्याओं के समाधान का समाधान करेगा |इस सेवाकेंद्र द्वारा दिया जानेवाले ज्ञान से  हमारा मन शक्तिशाली होता है और हमारा जीवन सदा के लिए तनावमुक्त व ख़ुशनुमा बन जाता है  | स्थानीय ब्रह्माकुमारीज राजयोग सेवाकेंद्र , अभिगेरे में  नए भवन भाग्यविधाता  भवन का उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे |

बी के भगवान भाई जी ने कहा कि आज लोगों के पास तमाम सुख-सुविधाओं के साधन हैं, लेकिन मानसिक शांति नहीं है। राजयोग के अभ्यास से हमारा मन शांत होता है और विचारों में सकारात्मकता आती है। आप सभी राजयोग का अभ्यास सीखकर अपने जीवन को सुख-शांति और आनंदमय बना सकते हैं। उन्होंने  कहा कि गीता में धर्म ग्लानि के जो चिंह बताए गए हैं वह सभी वर्तमान युग पर हम सभी देख रहे हैं। गीता में अपने वायदे अनुसार परमपिता परमात्मा का दिव्य अवतरण हो चुका है। इस सेवाकेंद्र द्वारा परमात्मा स्वयं सच्चा गीता ज्ञान और सहज राजयोग मेडिटेशन की शिक्षा देकर हमें नर से नारायण और नारी से श्रीलक्ष्मी बनने की शिक्षा दे रहे हैं | उन्होंने कहा यहाँ लोगो की लाइन लगेगी |

बी के गीता बहन जी ने कहा कि सकारात्मक विचार से समस्या समाधान में बदल जाती है। एक दूसरों के प्रति सकारातमक विचार रखने से आपसीभाई चारा बना रहता है।

DR PRAMEELA CHIF MEDICAL OFFICER  जी ने कहा की हमें स्वयं के अंदर झांकने की, लेकिन हमारी आधी से ज्यादा शक्ति दूसरों को देखने, दूसरों के अवगुणों को देखने, दूसरों से उम्मीद रखने में व्यर्थ हो जाती है। हमें इससे बचना चाहिए और अपनी शक्ति को कल्याणकारी रचनात्मक कार्य में लगाना चाहिए

बी के लीला बहन जी ने राजयोग मेडिटेशन के प्रशिक्षण के माध्यम से जीवन जीने की कला को जान सिखाया जाएगा। । उन्होंने  ने कहा कि राजयोग के निरंतर अभ्यास के द्वारा हम अपने कर्म इद्रियों को संयमित कर अपने आंतरिक सद्गुणों का विकास कर सकते

हैं।

श्री श्रीधर –CEO  ने कहा कि अपने अंदर दिव्य गुणों की धारणा करना ही धर्म की राह पर चलना है।

कडाप्पा की गीता बहन जी ने ने सभी को राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास कराते हुए गहन शांति की अनुभूति कराई।

बी के सुमा  बहन जी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया |

बी के शारदा बहन जी ने  कहा कि मन बुद्धि के द्वारा चांद सूर्य से पार रहने वाली परम शक्ति को मन बुद्धि से याद कर उनके गुणों का गुणगान करना ही राजयोग है

कुछ बच्चो ने डांस भी कराया |दीप प्रज्वलन भी कराया |

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