‘दया और करुणा के लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण , वर्ष 2022’ एवं ‘कल्प तरुह’ का उद्घाटन

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लोकसभा अध्यक्ष ने आध्यात्मिक सशक्तिकरण वर्ष की शुरुआत की

“आत्म विकास के लिए आध्यात्म जरूरी है”-  ओम बिरला

“स्कूल, कॉलेजों में आध्यात्मिक ज्ञान व योग शामिल करना आवश्यक है”-  ओम बिरला

 “ब्रह्माकुमारी संस्था सारे विश्व में  वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना विकसित कर रही है”-  ओम बिरला

लोकसभा अध्यक्ष ने ब्रह्माकुमारियों की कल्प-तरुह वृक्षारोपण परियोजना शुरू की

नई दिल्ली : लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ ने राजयोग के माध्यम देश दुनिया के करोड़ों लोगों के जीवन को परिवर्तित किया है और आध्यात्मिकता से आत्म विकास की सीख दी है। यह बात उन्होंने आज यहां तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित एक सार्वजनिक समारोह में 2022-23 को ‘दया और करुणा के लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण के वर्ष’ के रूप में मनाने के लिए ब्रह्माकुमारी संगठन के अखिल भारतीय अभियान की शुरुआत करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जिसकी संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम्की भावना से चल रही है और ब्रह्माकुमारी संस्था सारे विश्व यही भावना विकसित कर रही है और राजयोग के माध्यम से आंतरिक उर्जा को सक्रिय कर रही है। उन्होंने कहा कि स्कूल, कॉलेजों में आध्यात्मिक ज्ञान व योग शामिल करना आवश्यक है।

उन्होंने ब्रह्माकुमारियों की कल्प-तरुह वृक्षारोपण परियोजना एवं इसके मोबाईल ऐप का शुभारम्भ करते हुए संस्था द्वारा मानवता के लिए चलाये जा रहे आध्यात्मिक जागृति, प्रकृति, पर्यावरण आदि सम्बंधित अभियानों की सराहना करते हुए जन जन को इससे जुड़ने का आह्वान किया ।

उन्होंने कहा कि देश की आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में, ब्रह्माकुमारीज़ संगठन ने वर्ष के लिए इस उपयुक्त थीम को चुना है जो न केवल पूरे भारत को बल्कि संपूर्ण मानव जाति को सार्वभौमिक भाईचारे और “एक विश्व” के आध्यात्मिक सूत्र के माध्यम से एकजुट करने में सक्षम है।

ब्रह्माकुमारीज़ के अतिरिक्त महासचिव राजयोगी ब्रह्माकुमार बृजमोहन ने इस अवसर पर कहा कि मनुष्य जब हरे भरे, अर्थात विकारों रहित, सम्पूर्ण पवित्र बन जायेंगे तो वृक्ष भी हरे भरे हो जायेंगे और सृष्टि नेचुरल स्वर्ग बन जाएगी।

उन्होंने कहा कि परमात्मा ही दया और करुणा के सागर है वो एक ही बार आकर सारी सृष्टि पर ही दया और करुणा करते है, मन की शुद्धि और आत्मा की शुद्धि करते है क्योंकि मूल स्त्रोत को सुधारने से ही स्थाई और सम्पूर्ण सुधार होता है । परमात्मा से अपने में इतनी दया और करुणा भरें कि हरेक के लिए मन में शुभ भावना और शुभ कामना आ जाये ।

कल्पतरु वृक्षारोपण राष्ट्रीय परियोजना की भारत संयोजिका राजयोगिनी बी के आशा ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ संगठन भारत में अपने हजारों राजयोग केंद्रों के माध्यम से 40 लाख से अधिक पेड़, ‘1 व्यक्ति 1 पौधा’ के आदर्श वाक्य के साथ लगाएगा जो लोगों को प्रकृति और पर्यावरण के अनुकूल बनने और जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने में मदद करेगा।

एक प्रतिज्ञा प्रपत्र पढ़ा गया, जिसमें सार्वभौमिक भाईचारे, विश्व परिवार की भावना, सभी प्राणियों, प्रकृति और पर्यावरण के लिए प्रेम और सम्मान, सभी धर्मों का समभाव से सम्मान, मन वचन कर्म से किसी को दुःख नहीं देने, मानवीय मूल्यों को अपनाने का संकल्प लेने का आग्रह किया गया। अंत में, जीवन में इन प्रतिज्ञाओं को बनाए रखने तथा स्वयं और विश्व में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए, कम से कम 15 मिनट का समय प्रतिदिन मौन/ ध्यान/ प्रार्थना में देने के लिए सभा द्वारा प्रतिज्ञा की गयी । 

            इस अवसर पर शुभकामनाएं देने वालों में मुख्य रूप से गिव मी ट्रीज ट्रस्ट के संस्थापक स्वामी प्रेम परिवर्तन (पीपल बाबा) ; क्लीन द माइंड, ग्रीन द अर्थ  के संस्थापक श्री वी श्रीनिवास राजू; भारत में मॉरीशस के उच्चायुक्त एच. ई. श्रीमती एस. बी. हनुमानजी; भारत में मंगोलिया दूतावास के राजदूत एच. ई. गेनबोल्ट आदि शामिल रहे । 

               प्रसिद्ध गायक श्री हरीश मोयल ने अपने प्रोजेक्ट-थीम आधारित, आत्मा को जगाने वाले गीतों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

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