मातेश्वरी जी ने जीवन की हर घड़ी को अंतिम घड़ी समझकर श्रेष्ठ कर्म किया…
भिलाई,छत्तीसगढ़:- प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदंबा जी की 58वी पुण्य स्मृति दिवस को सेक्टर 7 स्थित पीस ऑडिटोरियम में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर मनाया गया।
प्रातः अमृत वेले ब्रह्ममुहूर्त से ही सभी ब्रह्मा वत्स संगठित रूप से राजयोग का अभ्यास किए। राजयोग सत्र के पश्चात भिलाई सेवाकेंद्रों की निदेशिका ब्रह्माकुमारी आशा दीदी ने मातेश्वरी जगदंबा जी के जीवन के संस्मरण सुनाते हुए बताया कि परमात्मा का कहना और मातेश्वरी जी का उन शिक्षाओं को अपने स्वरूप ,व्यवहार में धारण करना यही उन्हें सबसे आगे ले गया और संस्था की प्रथम मुख्य प्रशासक बनी।
मातेश्वरी जी किसी को कहकर नहीं बल्कि अपनी सूक्ष्म शक्तियों एवं दैवीय धारणा स्वरुप आचरण से शिक्षा देती थी, उनसे सभी को मां की पालना मिलती थी।
मातेश्वरी जी ने परमात्मा के महामन्त्र जीवन की हर घड़ी को अंतिम घड़ी समझकर श्रेष्ठ कर्म किया इसीलिए वह नंबर वन बन, संस्था की प्रथम मुख्य प्रशासक बनी।
आप कहा करती थी कि हमारी चलन ऐसी दैवीय हो जिससे धरती तथा प्रकृति के पांचों तत्वों को भी सुख मिले।
इस अवसर पर मातेश्वरी जी के निमित्त परमात्मा को भोग स्वीकार कराया गया ।
ज्ञात हो कि मातेश्वरी जी के पूण्य स्मृति दिवस के उपलक्ष्य पर संपूर्ण जोन में “मम्मा सम बने पवित्र” 21 दिवसीय योग तपस्या कार्यक्रम छत्तीसगढ़, उड़ीसा, राजस्थान के सभी सेवा केंद्रों में प्रारंभ हुआ था |