कुरुक्षेत्र,हरियाणा: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेवा केंद्र में राजयोगिनी सरोज बहन जी का 34 वां स्वर्णिम जन्मदिन प्रातः कालीन मुरली क्लास के बाद धूमधाम से मनाया गया । राजयोगिनी सरोज बहन ईश्वरीय सेवा में 34 वर्षों से लगातार अपनी सेवाएं दे रही है। भौतिकता वादी संसार के सब सुख सुविधाओं को त्याग कर मर्यादित विश्व कल्याण के जीवन को अपनाकर नारी शक्ति का गौरव बढ़ाया । इस अवसर पर सभी बी के भाई बहन अपनी शुभकामनाएं देने पहुंचे।मंच संचालन करते हुए बी.के सुनीता मित्तल ने बताया कि दिव्यता की मूर्ति, करुणा, दया ,सहनशीलता, त्याग, तपस्या ,संतुष्टता, विनम्रता ,कोमलता, सादा जीवन उच्च विचार आदि न जाने कितने गुणों की भंडार ऐसी अलौकिक जन्म लुधियाना की पावन भूमि पर मुंशी राम जी के घर हुआ । लौकिक में दो भाईयों का अंग संग होने पर भी अपना संपूर्ण जीवन प्रभु को अर्पित कर दिया। बचपन में लौकिक माता-पिता ज्ञान में चलते थे ,उन्हीं के संस्कारों से पोषित पल्लवित होकर अपने जीवन को दिव्य बना दिया । उन्होंने बताया कि 1989 में लौकिक परिवार से अलौकिक परिवार में आई । माउंट आबू में ट्रेनिंग लेकर अहमदाबाद, अमृतसर ,जम्मू ,सहारनपुर में सेवा का सफर तय करते हुए 1993 में कुरुक्षेत्र सेवा केंद्र में 30 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रही है । हमारा परम सौभाग्य है कि ऐसी महान विभूति का हमें मार्गदर्शन मिला है। बीके राधा दीदी ने तिलक, ताज, और फूलों की माला से बड़ी बहन जी का स्वागत अभिनंदन किया । इस अवसर पर बी.के नेहा और बी.के अमित भाई ने अपनी भावनाओं और प्यार को प्रतिबिंबित करने के लिए अपने अनुभव साझा किये। कार्यक्रम में नन्ने मुन्ने बच्चों ने हैप्पी बर्थडे टू यू गीत के साथ अपनी दुआएं दी । बीके प्रियंका , मीनाक्षी , विद्या , गौरव और अमित भाई द्वारा कविता, समूह गायन, सामूहिक नृत्य की प्रस्तुति ने कार्यक्रम को भव्यता प्रदान की और वातावरण को संगीतमय बना दिया । कुरुक्षेत्र रेडियो स्टेशन पर कार्यरत बृजभूषण शर्मा जी ने हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जीवन का उद्देश्य इनके मुख मंडल और बात से उजागर होता है। आनंद ,शांति, सौम्यता, चैन को पैदा करने के लिए अभ्यास चाहिए परंतु बहन जी को तो प्राकृतिक रूप से वरदान में मिला हुआ है । बहन जी के व्यक्तित्व से प्रभावित होते हुए कहा कि यदि हम सब भी बहन जी के वास्तविक रूप को जीवनशैली में अपना लें तो हम भी धन्य हो जाएंगे, ऐसा बहन जी का व्यक्तित्व है। अंत में बड़ी बहन जी के जीवन से संबंधित वीडियो दिखाकर सबका ध्यान आकर्षित किया और आध्यात्मिक गीतों की मधुर धुन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ और बड़ी बहन जी ने सभी बीके भाई बहनों को अपने हाथों से ईश्वरीय प्रसाद और सौगात दी।
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