कादमा (हरियाणा): मानव जाति के सुरक्षित भविष्य के लिए प्रकृति का संरक्षण ही एकमात्र रास्ता है। पर्यावरण किसी जाति,धर्म, सम्प्रदाय, क्षेत्र का नहीं बल्कि समस्त जीव जगत का विषय है। विश्व युवक केन्द्र के तत्वावधान में ग्रामीण विकास मण्डल द्वारा आयोजित “पर्यावरण सम्मेलन” में पर्यावरण विशेषज्ञ डॉक्टर आर एन यादव ने यह विचार व्यक्त किए। जिले के बधवाना स्थित एक निजी वाटिका में आयोजित कार्यक्रम में प्रमुख पर्यावरण वैज्ञानिक डॉ यादव ने उपस्थित नागरिकों से आग्रह किया कि अपने बच्चों के लिए भौतिक साधनों की बजाय अपनी सकारात्मक सोच के साथ सांस लेने के लिए शुद्ध हवा और पानी छोड़कर जाना प्राथमिकता होनी चाहिए। प्रकृति शोषण का विचार ही मनुष्य की सबसे बड़ी नादानी है। अपने अध्यक्षीय संबोधन में कादमा – झोझूकलां क्षेत्रीय प्रभारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने कहा कि आज के नौजवानों के लिए पर्यावरण संरक्षण का काम स्वतंत्रता संग्राम जैसा ही है। इसके लिए सम्पूर्ण मनोयोग से जुट जाना चाहिए।अब बातें करने का नहीं व्यवहार बदलने का समय है। व्यवहार में शतक सकारात्मकता के लिए आध्यात्मिकता आवश्यक है जिसके लिए हमें हर रोज मेडिटेशन राजयोग का अभ्यास कुछ पल बहुत जरूरी है क्योंकि मानसिक प्रदूषण को हम मेडिटेशन से सकारात्मक चिंतन के द्वारा ठीक कर सकते हैं जिसका प्रभाव समूचे पर्यावरण पर पड़ेगा।बतौर विशिष्ट अतिथि प्रसिद्ध पर्यावरण साहित्यकार डॉ मखन लाल ने पानी और पर्यावरण चेतना को लेकर समाज के व्यवहार पर तीखा कटाक्ष किया। उन्होंने कहा जिस डाली पर बैठे हैं उसे ही काटने का काम कर इतिहास में मूर्खता की नई मिसाल बना रहे हैं। आज मेरा मानना है कि कलमकार के लिए प्रकृति की रक्षा जागरण से लिखने के लिए कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। कार्यक्रम के आयोजक प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता राजेन्द्र कुमार ने बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस से विश्व युवक केन्द्र ने देशभर की सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर पर्यावरण चेतना का बृहद अभियान शुरू किया है जिसके अन्तर्गत चेतना रैली, सम्नेलन, कार्यशाला और पौधारोपण के कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इस अवसर पर आयोजकों द्वारा ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया वही बहन वसुधा व नीलम बहन ने सभी अतिथि गणों को ईश्वरीय साहित्य भेंट किया। इस अवसर पर भ्राता राजेंद्र कुमार द्वारा रचित “बादलों की साजिश” कविता संग्रह पुस्तक व पर्यावरण साहित्यकार डॉ मक्खन लाल तंवर द्वारा लिखित पुस्तक “पर्यावरण दोहावली” का विमोचन भी किया गया।कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता रवि जांगड़ा, सुनील कुमार, नथु राम, बस्ती राम, महावीर सिंह, प्रवीण कुमार ज्योति शर्मा , महिला प्रेरक सविता सोनी सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिकों ने भाग लिया। कार्यक्रम में मंच संचालन ब्रह्माकुमार सुनील ने किया।
मुख पृष्ठ आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर कादमा: पर्यावरण सम्मेलन में ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन को विशेष आमंत्रित किया गया