मुख पृष्ठआजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओरवासिम: नैतिक शिक्षा से युवाओं को मिलेगी नई दिशा-भगवान भाई

वासिम: नैतिक शिक्षा से युवाओं को मिलेगी नई दिशा-भगवान भाई

वासिम  (महाराष्ट्र) : समाज की सेवा करने के लिए समर्पित भाव चाहिए पेशेंट की सेवा करने हेतु  दया भाव , मात्रत्व भाव ,सेवा भाव से उनकी सेवा करनी है उन्होंने बताया की हमे इमानदार बन समाज की सेवा करनी है धन के लालच में आकर अपने मानवता को नही छोडना है | सच्ची सेवा से  हमे दुवाये मिलती है दुवाये ही हमारी सच्ची सम्पति है |इस नर्सिंग ट्रेनिंग के सथा ईमानदारी भाईचारा दया करुणा मातृत्व भाव सहनशीलता आदि सद्गुणों को भी सीखकर जाना है | इसलिए वर्तमान के समय प्रमाण भौतिक शिक्षा के साथ साथ बच्चो को  नैतिक शिक्षा की भी आवश्यकता है । उक्त उदगार माउंट आबू राजस्थान से प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहे| वे  मदर टेरेसा  कालेज ऑफ नर्सिंग में  नैतिक शिक्षा और सकारत्मक चिंतन से सशक्त युवा विषय संबोधन  करते हुए  बोल रहे थे |

 भगवान भाई ने कहा कि भौतिक शिक्षा से हम रोजगार प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन परिवार, समाज, कार्यस्थल में परेशानी या चुनौती का मुकाबला नहीं कर सकते है | युवा उच्च शिक्षा प्राप्त करके डॉक्टर, इंजीनियर बनकर धनोपार्जन कर सुख-सुविधा युक्त जीवन निर्वाह करना चाहते हैं, परंतु जब उनका उद्देश्य पूर्ण नहीं हो पाता तो उनका मन असंतुष्ट हो उठता है और मानसिक संतुलन गड़बड़ा जाता है। शिक्षा से प्राप्त उपलब्धियां उन्हें निर्थक प्रतीत होती हैं।

उन्होंने कहा कि   नैतिक शिक्षा से युवाओं को मिलेगी दिशा मिल सकती है | भौतिक शिक्षा से भौतिकता का विकास होगा और नैतिक शिक्षा से सर्वागिंण विकास होगा | नैतिक शिक्षा से ही हम अपने व्यक्तित्व का निर्माण करते है जो आगे चलकर कठिन परिस्थितियों का सामना करने का आत्मविवेक व आत्मबल प्रदान करता है ।

डायरेक्टर पूजा गोरुले  जी ने भी अपना उद्बोधन देते हुए कहा की नैतिक शिक्षा से ही छात्र-छात्राओं में सशक्तिकरण आ सकता है।

प्रिंसिपल पूनम राजपूत जी ने कहा  कि नैतिकता के बिना जीवन अंधकार में हैं। नैतिक मूल्यों की कमी के कारण अज्ञानता, सामाजिक, कुरीतियां व्यसन, नशा, व्यभिचार आदि के कारण समाज पतन की ओर जाता है |

स्थानीय ब्रह्माकुमारीज सेवाकेंद्र राजयोग शिक्षिका बी के पार्वती बहन  जी   ने कहा कि  नैतिक गुणों के बल पर ही मनुष्य वंदनीय बनता है। सारी दुनिया में नैतिकता अर्थात सच्चरित्रता के बल पर ही धन-दौलत, सुख और वैभव की नींव खड़ी है। उन्होंने कहा की  जब तक जीवन में आध्यात्मिकता नही है तब तक जीवन में नैतिकता नही आती है |उन्होंने कहा कि  नैतिक शिक्षा के अभाव के कारण ही आज जगत में अनुशासनहीनता, अपराध ,नशा-व्यसन, क्रोध,झगड़े आपसी मन मुटाव बढ़ता जा रहा है।

कार्यक्रम में बी के सुरेश भाई बी के भावना कुमारी , नर्सिंग ट्यूटर स्नेहा मनोहर , खुशबु  गुलाने और सभी स्टाफ भी उपस्थित था |

कार्यक्रम की शुरुवात दीप प्रज्वलन से और स्वागत से किया गया |

अंत में बी के भगवान भाई जी ने मन की एकाग्रता बढाने हेतु राजयोग मेंडिटेशन भी कराया |

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