जाने बेल के फायदे और नुकसान

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बेल का नाम सुनते ही सबसे पहले हमें इसके जूस की याद आती है। ये एक प्रकार का फल है। इस फल की तासीर ठंडी होने की वजह से गर्मियों में सड़क किनारे और बाजार में जूस के ठेलों पर इस फल का जूस तेजी से बिकना शुरू हो जाता है। इस फल को हम जूस के रूप में ज्य़ादा इस्तेमाल करते हैं और इसे सामान्य रूप से खाया भी जा सकता है। इसके प्रयोग से कई स्वास्थ्य समस्याओं का हल घर बैठे ही दूर हो सकता है।

बेल के फायदे

  1. सिरदर्द में…
    बेल में विटामिन सी की मात्रा पाई जाती है और विटामिन सी का सेवन माइग्रेन के रोगियों में न्यूरोजेनिक सूजन को ठीक करने के काम कर सकता है।
  2. पीलिया में…
    पीलिया होने का एक कारण लीवर में सूजन होना माना जाता है। वैसे तो पारंपरिक तौर पर बहुत पहले से ही पीलिया के इलाज के लिए बेल का प्रयोग किया जा रहा है। वहीं, इस पर किए गए वैज्ञानिक रिसर्च में पाया गया है कि बेल के फल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो लीवर में होने वाली सूजन को कम कर पीलिया के उपचार में मदद कर सकते हैं।
  3. कॉलरा में…
    कॉलरा एक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो दस्त का कारण बन जाता है। इससे बचने के लिए बेल फल का सेवन फायदा पहुंचा सकता है। दरअसल, बेल फल में एंटी-डायरिया गतिविधि पाई जाती है। अगर इसके जूस का सेवन किया जाए, तो बेल फल की एंटीडायरियल गतिविधि कॉलरा की समस्या के दौरान होने वाली डायरिया की शिकायत को कम करने में प्रभावी असर दिखा सकती है।
  4. आँखों के स्वास्थ्य में…
    स्वस्थ आँखों के ज़रिए ही हम अपने आस-पास की खूबसूरती को देख पाते हैं। आँखों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए बेल फल खाना फायदेमंद हो सकता है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि बेल फल में विटामिन ए की मात्रा पाई जाती है। विटामिन ए का सेवन आँखों की रोशनी को बेहतर करने में मदद कर सकता है।
  5. कब्ज की स्थिति में…
    कब्ज की समस्या में भी बेल का सेवन फायदा पहुंचा सकता है, क्योंकि इसमें क्रूड फाइबर की मात्रा पाई जाती है। क्रूड फाइबर पाचन में मदद करने के साथ कब्ज की समस्या को दूर करने में भी काम आ सकता है।
  6. बवासीर के इलाज के लिए
    बवासीर की स्थिति में मलाश्य के आस-पास वाली नसों में सूजन आ जाती है और दर्द बना रहता है। बवासीर होने की मुख्य वजह में कब्ज की समस्या और लॉ फाइबर डाइट भी शामिल है। यह बवासीर से होने वाले जोखिम को कम कर सकता है।
  7. एनीमिया की स्थिति में फायदेमंद
    एनीमिया एक ऐसी स्थिति है, जिसके कारण खून में रेड ब्लड सेल्स की कमी हो जाती है। इसका सबसे आम कारण है शरीर में आयरन की कमी। वहीं, बेल के गुदे को खाकर आयरन की पूर्ति की जा सकती है क्योंकि बेल फल में आयरन की मात्रा पाई जाती है, जो एनीमिया को ठीक करने में मदद कर सकता है।
  8. टीबी रोग के लिए…
    टीबी रोग से बचने के लिए भी बेल फल के फायदे देखे जा सकते हैं। एक मेडिकल रिसर्च में पाया गया है कि बेल फल में एंटी-माइक्रोबियल क्रिया पाई जाती है। अध्ययन में यह भी बताया गया कि टीबी रोग के लिए यह क्रिया प्रभावी रूप से कार्य करते हुए एम टयूबरक्लोसिस- टीबी रोग के जि़म्मेदार बैक्टीरिया की वजह से होने वाले दुष्प्रभाव को कम कर सकती है।
  9. बाल झडऩे की समस्या में…
    बेल के फायदे बाल झडऩे की समस्या को भी ठीक कर सकते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि आयरन और जि़ंक की कमी से बाल झडऩे की समस्या होती है। ये दोनों पोषक तत्व बेल फल में पाए जाते हैं। इनके सेवन से बालों के झडऩे की समस्या को रोका जा सकता है।

बेल में पाये जाने वाले पौष्टिक तत्व…
प्रोटीन, मिनरल, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, फास्फोरस, पोटैशियम, विटामिन सी।

कब खाएं : बेल को दिनभर में किसी भी समय खा सकते हैं। हालांकि, इसका उपयोग दोपहर में ज्य़ादा किया जाता है। इसकी तासीर ठंडी होती है, इसलिए इसका सेवन गर्मियों में ही करना फायदेमंद होता है।

बेल के नुकसान…
बेल खाते समय इसके बीज को निकाल लें, नहीं तो इसके बीज गले में फंस सकते हैं।
बेल में शुगर की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जिसका अधिक सेवन टाइप 2 डायबिटीज व हाई ब्लड प्रेशर का कारण भी बन सकता है। इसलिए, इसके अधिक सेवन से बचें।
बेल में फास्फोरस की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। किडनी की बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए अधिक फास्फोरस नुकसान पहुंचा सकता है।
बेल में कैल्शियम की मात्रा भी पाई जाती है, जिसका अधिक सेवन किडनी स्टोन का कारण बन सकता है।
अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से नुकसान भी हो सकते हैं।

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