मुख पृष्ठआजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओरबडगांव: नैतिकता और चरित्रता ही सुख-शांति की नींव—भगवान भाई

बडगांव: नैतिकता और चरित्रता ही सुख-शांति की नींव—भगवान भाई

बडगांव (उत्तर प्रदेश):

नैतिकता और चरित्रता ही सुख-शांति की नींव है ।इसलिए वर्तमान के समय प्रमाण भौतिक शिक्षा के साथ साथ बच्चो को नैतिक शिक्षा की भी आवश्यकता है । उक्त उदगार माउंट आबू राजस्थान से प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहे| वे जनता इंटर कालेज में छात्र ,छात्राए और शिक्षको को जीवन में नीतिक शिक्षा का महत्व विषय पर बोल रहे थे |

उन्होंने कहा कि भौतिक शिक्षा से भौतिकता का विकास होगा और नैतिक शिक्षा से सर्वागिंण विकास होगा | नैतिक शिक्षा से ही हम अपने व्यक्तित्व का निर्माण करते है जो आगे चलकर कठिन परिस्थितियों का सामना करने का आत्मविवेक व आत्मबल प्रदान करता है । उन्होंने कहा की नैतिकता के अंग हैं – सच बोलना, चोरी न करना,अहिंसा, दूसरों के प्रति उदारता, शिष्टता, विनम्रता, सुशीलता आदि।

प्रिन्सिपल प्रदीप कुमार जी ने भी अपना उद्बोधन देते हुए कहा की नैतिक शिक्षा से ही छात्र-छात्राओं में सशक्तिकरण आ सकता है। उन्होंने आगे बताया कि नैतिकता के बिना जीवन अंधकार में हैं। नैतिक मूल्यों की कमी के कारण अज्ञानता, सामाजिक, कुरीतियां व्यसन, नशा, व्यभिचार आदि के कारण समाज पतन की ओर जाता है

 ब्रह्माकुमारीज राजयोग सेवाकेंद्र के वरिष्ठ राजयोगी बी.के.जगपाल भाई जी कहा कि जब तक जीवन में आध्यात्मिकता नही है तब तक जीवन में नैतिकता नही आती है आध्यात्मिकता की परिभाषा बताते हुए उन्होंने कहा की स्वयं को जानना .पिता परमात्मा को जानना और उसको याद करना ही आध्यात्मिकता है जिसको राजयोग कहते है |राजयोग को अपनी दिनचर्या का अंग बनाने की अपील किया

कार्यक्रम की शुरुवात स्वागत से की गयी  और अंत में बी के भगवान भाई जी ने मन की एकाग्रता बढाने हेतु राजयोग मेंडिटेशन भी कराया |

स्थानीय ब्रह्माकुमारी राजयोग सेवाकेंद्र से  बी.के.बिट्टू  भाई , कृष्ण पाल भाई,रत्न भाई जी  आदि सभी शिक्षक स्टाफ भी उपस्थित थे |

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