छतरपुर: ब्रह्माकुमारीज द्वारा युवा पीढ़ी को नई दिशा दिखाने के लिए ट्रेनिंग कार्यक्रम

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ब्रह्माकुमारीज का आगाज ‘चलो चले परिवर्तन पथ पर’

युवा पीढ़ी उन्नति की सीढ़ी बनकर भारत को ऊंचाइयों पर ले जा सकती है- बीके शैलजा 

छतरपुर,मध्य प्रदेश। नई पीढ़ी में उभरती अनेक प्रकार की समस्याएं जैसे सोशल मीडिया के धोखे को परखने की शक्ति की कमी, अपनी धर्म संस्कृति के प्रति रूखापन, पारिवारिक प्रेम से कटकर बाहर में प्यार तलाश करती युवा पीढ़ी, रिश्तों में मर्यादा की कमीं, अपने लक्ष्य के प्रति उदासीनता, आंतरिक रुप से कमजोर मन इन सभी बातों को देखते हुए प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय किशोर सागर द्वारा ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट एवं बीई की छात्राओं के लिए सप्त दिवसीय कार्यक्रम ‘चलो चलें परिवर्तन पथ पर’ का आयोजन किया गया।
उक्त कार्यक्रम में छतरपुर सेवाकेंद्र प्रभारी बीके शैलजा ने कहा की परिवर्तन का मतलब कुछ छोड़ना नहीं है बल्कि अपनी कुछ आदतों को सुधारना है। सबसे पहला परिवर्तन हमें अपने विचारों का करना है जब विचार श्रेष्ठ होंगे तो हमारा आहार और व्यवहार अपने आप ही श्रेष्ठ हो जाएगा। परिवार हमारा रक्षा कवच है उस कवच के अंदर ही हमारी सुरक्षा है, जीवन में आने वाली अनेक प्रकार की चुनौतियों का सामना आप परिवार के सहयोग से सहज कर सकते हो। रिश्तो में वफादारी और विश्वास का होना बहुत जरूरी है। हमारी भारतीय संस्कृति और संस्कार हमारी अनमोल धरोहर हैं इस धरोहर को सहेजना हमारी जिम्मेदारी है। उन्नति के मार्ग में आगे बढ़ना है और सबको बढ़ाना है। हमारी संस्कृति और संस्कारों की रक्षा का दायित्व युवा पीढ़ी के हाथ में है तो चलो चलें कुछ परिवर्तन करें और अपने देश का और अपनों का नाम रोशन करें।
इस कार्यक्रम में शामिल छात्राएं सात दिनों तक विद्यालय के इसी पावन प्रांगण में रहीं और ब्रह्माकुमारीज के दिनचर्या का प्रतिदिन अनुसरण किया जो दिनचर्या प्रातः 4:00 बजे से शुरू होती थी। सुबह उठने को लेकर छात्राओं ने अपने अनुभव सांझा किए जिसमें छात्राओं ने कहा की पहली बार हम लोग लगातार 7 दिनों तक सुबह 4:00 बजे उठे हैं इसके पहले हमने कभी उगता हुआ सूरज देखा ही नहीं था, देर तक पढ़ना या मोबाइल चलाना और सुबह 8:00 बजे जागना यह हमारी दिनचर्या थी, घर का खाना में बिल्कुल अच्छा नहीं लगता था कोल्ड ड्रिंक, पिज्जा, बर्गर यह अच्छा लगता था लेकिन यहां पर हमें जो सात्विक भोजन खिलाया गया वह सब हम लोगों ने बहुत प्यार से खाया और जो पौष्टिक आहार नहीं खाते थे वह भी खाना सीख गए। आगे भी हम लोग इस दिनचर्या को पालन करेंगे क्योंकि हमें इसका महत्व समझ में आ गया है और जीवन में आने वाली विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करने के लिए आध्यात्मिकता की शक्ति की आवश्यकता है यह हम सभी ने महसूस किया।
ब्रह्माकुमारी बहनों ने इन छात्राओं को प्रतिदिन अलग-अलग विषयों पर ध्यान खिंचवाया और उनसे संबंधित एक्टिविटीज भी कराई। विश्वनाथ सेवाकेंद्र प्रभारी बीके रमा, बीके रीना, बीके कल्पना, बीके रेखा, रजनी बहन एवं अन्य बहनों के सहयोग से यह कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में 35 छात्राओं ने भाग लिया।

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