ब्रह्माकुमारी संस्था के द्वारा नशा मुक्ति के लिए दी जा रही जानकारी

0
559

जबलपुर, मध्य प्रदेश। घमापुर बाबा टोला – प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर दिलाई गई शपथ ।                                   डॉ एस के पांडेय (पूर्व सिविल सर्जन विक्टोरिया हॉस्पिटल)  ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर इस विषय पर जानकारी देते हुए कहा कि हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 31 मई 1987 में की थी पूरे दुनिया में प्रतिवर्ष लगभग 70 लाख लोग तंबाकू के प्रयोग के कारण मर जाते हैं इसलिए इस दिन को मनाने के पीछे यही है कि आम जनता तंबाकू से होने  वाले नुकसान को जाने और तंबाकू से बने पदार्थों से दूर रहें। जिंदगी भगवान का दिया हुआ सबसे खूबसूरत तोहफा है इस तोहफे को कुछ लोग तो बहुत संजो कर रखते हैं पर कुछ इस तोहफे को शराब ड्रग्स और तंबाकू जैसी चीजों से खूबसूरत जिंदगी को बदसूरत बना देते हैं बदसूरत बनाने वाली यह चीजें अक्सर जिंदगी ही खत्म कर देती है। तंबाकू भी ऐसा ही एक धीमा जहर है तंबाकू में 4000 से भी अधिक रसायन होते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है इनमें से 48 ऐसे रसायन होते हैं जो विभिन्न प्रकार के कैंसर के कारक हैं। साथ साथ यह भी बताया कि सिगरेट पीने वालों के नजदीक उपस्थित लोग भी एक चौथाई सिगरेट का धुआं स्वांस द्वारा अंदर लेते हैं और रोग ग्रस्त हो जाते हैं विशेष महिलाएं तथा बच्चे।     

पूर्व पार्षद माधुरी सोनकर ने कहा की तंबाकू के दुष्परिणामों को जानने के बाद अगर कोई व्यक्ति तंबाकू छोड़ने के बारे में सोच रहा है तो सबसे पहले उसे छोड़ने के लिए ईमानदारी के साथ दृढ़ संकल्प लेना होगा।   

भवरताल नेपियर टाउन सेवाकेंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी भावना  बहन ने राजयोग के बारे में बताते हुए कहा कि हर समस्या का समाधान है। राजयोग में एक ऐसा शक्ति है जो बुराई को छोड़ना सहज हो जाता है और अच्छाई आ जाता है संस्था में  बहुत लोग उदाहरण हैं जो राजयोग मेडिटेशन करके नशे से संपूर्ण मुक्त हुए हैं इसके लिए हमें स्वयं की पहचान होनी चाहिए साथ साथ परमात्मा की पहचान। अध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग मेडिटेशन प्रतिदिन करने से मेडिटेशन नशे और बुराई को छोड़ने में मेडिसिन का काम करता है।                      

कार्यक्रम में उपस्थित रामाचार्य पंडित जी ने कहा की जिस प्रकार सतयुग में अन्न शुद्धि से मन प्रफुल्लित रहता है इसी प्रकार यदि हमारा अन्न शुद्ध हो जाये तो मन से जुडी बहुत सी बीमारियों से हम सहज ही छूट जाएंगे और जो की किसी व्यक्ति के जीवन में नशा मुक्ति के लिए एक सफल कदम हो सकता है। नशा से कैसे मुक्त हो इस बात को सरल रीति से समझाने के लिए नशा मुक्ति चित्र प्रदर्शिनी लगाई गई, लोगों में जागरूकता लाने के लिए ड्रामा भी प्रस्तुत किया गया साथ ही नशा छोड़ने के लिए ब्रह्माकुमारी वर्षा, बीके पूनम ने संकल्प पत्र भी भरवाए।

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें