मुख पृष्ठआजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओरदेवबंद: कर्मो से ही मनुष्य महान या कंगाल बनता है-भगवान भाई

देवबंद: कर्मो से ही मनुष्य महान या कंगाल बनता है-भगवान भाई

देवबंद (उत्तर प्रदेश ):

 मनुष्य जीवन बड़ा अनमोल है। उसे व्यर्थ कर्म कर व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए। वास्तव में मनुष्य की गलतियां ही उसे सहीं रूप में इंसान बनाती हैं। केवल हमें उस की हुई गलतियों को स्वयं ही महसूस कर उसे परिवर्तन करने की आवश्यकता है। कर्मो से ही मनुष्य महान या कंगाल बनता है| उक्त उदगार माउंट आबू से आये हुए बी के भगवान भाई जी ने कहे | वे उप कारागृह में बंदियों (कैदियों) को संस्कार परिवर्तन एवं व्यवहार शुद्धि विषय पर संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि यह कारागृह आपके लिए तपोस्थली है, जिसमें एकांत में बैठकर स्वयं के बारे में टटोलना है, सोचना है कि वह इस संसार में क्यों आया हैं। उसके जीवन का क्या उद्देश्य है। भगवान ने उसे किस उद्देश्य से इस संसार में भेजा है। वह यहां आकर क्या कर रहा है। वास्तव में उसे क्या करना चाहिए। ऐसा चिंतन कर अपने व्यवहार और संस्कारों का परिवर्तन करना है। उन्होंने कहा कि कोई भी मनुष्य जन्म से अपराधी नहीं होता। वह इस संसार में आने के बाद गलत संग, गलत शिक्षा, व्यसन, नशा, काम, क्रोध, लोभ, लालच आदि बुराइयों को कारण अपराधी बन जाता है। गलत कर्म ही मनुष्य को दुष्प्रवृत्ति वाला बनाते हैं। जीवन में अपराध होने पर मनुष्य को कारागृह में लाया जाता है, इसलिए यह कारागृह नहीं बल्कि सुधारगृह है। सरकार ने आपको अपने आप में सुधार लाने के लिए यहां रखा है। उन्होंने कहा कि गलतियों का चिंतन कर तनाव में आने के बजाय उसमें बदलाव लाना जरूरी है। तनाव में आने से अनेक शारीरिक बीमारियां होने की संभावना होती है। तनाव से दूर रहने के लिए गीता का महा वाक्य सदा याद रखो कि जो हुआ वह अच्छा है जो हो रहा है वह अच्छा और जो होने वाला वह और अच्छे से अच्छा होगा। भगवान भाई ने कहा कि जीवन की समस्या कुछ पिछले जन्मों के गलत कर्मो के कारण आती, इसलिए कर्मो को श्रेष्ठ बनाने का प्रयास करें।

•       स्थानीय ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से  बी के  सुधा बहन जी ने बताया कि मनुष्य ने विषय वासनाओं की चादर ओढ़ी हुई है जो भगवान से वेमुख कर देती है। अगर भगवान से सर्व सम्बन्धों से याद किया जाए तो भगवान की शक्ति आ जाएगी और तन-मन में खुशी शान्ति आ जाएगी व सर्व मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएगी।

•       जेल अधीक्षक महेंद्र पाल जी  ने भी अपने सम्बोधन में बन्दियों को बताया कि आप जैसा सोचोगे वैसा ही बन जाओगे। अत: हमें सदैव अच्छा सोचना चाहिए तथा बुरी आदत को छोड़ देना चाहिए।

डिप्टी जेलर श्रीराज कुमार जी ने ब्रह्माकुमारीज संस्था ऐसे कार्यक्रमों के लिए   धन्यवाद किया भविष्य में ऐसे कार्यक्रम करने हेतु ब्रह्माकुमारी को निमन्त्रण भी दिया

•       बी के जगपाल भाई जी ने बताया कि बताई बातों को अपने जीवन में प्रयोग करोगे तो अवश्य ही आप बुरी आदतों को छोड दोगे तथा अपने आप अच्छा सोचने लगेंगे और जेल से छुटने के बाद अच्छे नागरिक की तरह जीवन यापन करेंगे। 

•       कार्यक्रम के अंत में आपराध मुक्त बनने,मनोबल बढाने ,बुरी आदतों को छोड़ने और संस्कार परिवर्तन के लिए भगवान भाई ने कॉमेंट्री द्वारा मेडिटेश राजयोग कराया

•       कार्यक्रम में डिप्टी जेलर कल्पना , समाजसेवी चौधरी भूपेंद्र सिंह,आजाद भाई और जेल स्टाफ भी उपस्थित थे |

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