धमतरी: दादी प्रकाशमणि जी के 16 वे पुण्य स्मृति दिवस को विश्व बंधुत्व दिवस के रूप में मनाया गया

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धमतरी, छत्तीसगढ़। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय धमतरी द्वारा संस्था की पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी प्रकाशमणि जी के पुण्य स्मृति दिवस पर दादीजी की तस्वीर पर माल्यार्पण कर दीप जलाकर श्रधांजलि दी गई | इस अवसर पर मुख्य रूपसे उपस्थित थी माननीय बहन चेतना ठाकुर जज, धमतरी ,सरिता दीदी एवम ब्रह्माकुमार भाई बहने |

          दादीजी के जीवन के संस्मरण सुनाते हुए सरिता दीदी ने कहा संस्था के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा ने 1969 में अध्यात्म की मशाल दादी जी को सोंप दी और स्वयं सम्पूर्ण बने | ब्रह्मा बाबा के अव्यक्त होने के पश्चात् संस्था की मुख्य प्रशासिका दादी प्रकाशमणि जी ने इतने विशाल आध्यत्मिक संगठन का सफल नेतृत्व करते हुए परमात्म अवतरण का सन्देश पुरे विश्व में फैलाया | ऐसी महान विभूति का जन्म दीपावली के शुभ दिन 1922 में अविभाजित भारत के सिंध प्रान्त के हैदराबाद शहर में हुवा था |

        दादी जी बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि थी | उनका इस संस्था में एक स्नेहमयी , लगनशील आज्ञाकारी कुमारी के रूप में पदार्पण हुवा | अपने 14 वर्ष की अल्पायु में ही आपने अपना जीवन मानव कल्याण हेतु प्रभु अर्पण कर दिया |

      आपके कुशल नेत्रत्व के कारण संस्थान को संयुक्त राष्ट्र संघ ने गैर सरकारी संस्था के तौर पर आर्थिक एवम सामाजिक परिषद का परामर्शक सदस्य बनाया एवम यूनिसेफ ने भी अपने कार्यो में अपना सहभागी बनाया | संयुक्त राष्ट्र संघ ने सन 1987 में एक अंतर्राष्ट्रीय तथा 5 राष्ट्रीय स्तर के शांतिदूत पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया |

     ऐसी महान विभूति दादी ने 25 अगस्त 2007 को भौतिक देह त्याग नई दुनिया के निर्माण हेतु अव्यक्त यात्रा को प्रस्थान किया | उन्हें सारा ईश्वरीय परिवार शत शत नमन करता है | इस अवसर पर सभा में करीब 200 भाई बहने उपस्थित थे |

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