डोभी,मध्य प्रदेश। ब्रह्माकुमारी प्रीति दीदी की गरिमा मई उपस्थिति में रक्षाबंधन पावन पर्व के उपलक्ष्य में आध्यत्मिक स्नेह मिलन का कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसकी शुरुआत परमात्म स्मृति के साथ हुई, सभी का स्वागत तिलक व बैच लगा कर किया गया। कु. मानवी ने भी नृत्य द्वारा सभी का स्वागत किया, सभी ने मिलकर शुभ भावना के दीप प्रज्ज्वलन किये।
बालब्रह्मचारणी राजयोगिनी आदरणीय ब्रह्मा कुमारी प्रीति दीदी ने सभी को सम्बोधित करते हुए रक्षाबंधन का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा- रक्षाबंधन सभी पर्वो में एक अनोखा पर्व ही नही, भारत की संस्कृति तथा मानवीय मूल्यों को उजागर करने वाला, अनेक आध्यात्मिक रहस्यो को प्रकाशित करने वाला और भाई बहन के वैश्विक रिश्ते की स्मृति दिलाने वाला एक परमात्म उपहार है।
इस पर्व पर रक्षा सूत्र बांधने से पूर्व बहन, भाई के मस्तक पर चंदन का तिलक लगाती है जो शुद्ध, शीतल और सुगंधित जीवन जीने की प्रेरणा देता है। तिलक दाएं हाथ से किया जाता है तथा राखी भी दाएं हाथ पर बांधी जाती है। यह विधि हमे यह प्रेरणा देती है कि हम सदा राइट अर्थात सकारात्मक चिंतन करते हुए राइट अर्थात श्रेष्ठ कर्म ही करें । जिससे आत्मा अनिष्ट परिणामो से , दुःखी व अशांत होने से सुरक्षित रहेगी। मिठाई खिलाने के पीछे भी मन को और सम्बन्धो को मीठा बनाने का राज़ भरा है।
एक पिता परमात्मा और सारा विश्व एक परिवार है। एक पिता की संतान हम सब आत्मिक नाते से भाई-भाई हैं। इस अनुभूति से आत्मिक दृष्टि , वृत्ति व कृति बनती है जिससे आत्मा अनेक विकारी, दुखदायी वृत्तियों के बंधनों से मुक्त होकर सच्ची स्वतंत्रता का अनुभव करती है। तत्पश्चात ही वह परमपवित्र परमपिता परमात्मा से जन्म-जन्मांतर के लिए अविनाशी , सच्चे सुख और शांति का वर्सा प्राप्त करने की हकदार बनती है।
वर्तमान समय मे ऐसी ही आध्यात्मिक राखी स्वयं और सर्व को बांधने की जरूरत है।
लखन लाल बड़कुर, अरविंद सोदिया व सूर्यकांत दीवगैयां ने अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की इस अवसर पर मोहनलाल राय, दीनदयाल राय, देवीसिंह भड्डर , रूपसिंह बगीचावाले, चौ.मनोहर, केवल सिंह मातावाले,गेंदालाल वाठा, लालजी विश्वकर्मा, लक्ष्मण पटेल,चौ. नीलेश,लेखराम बरबारे, ठाकुर प्रसाद,चंद्रशेखर, चौ.विजय सिंह भड्डर, गोरेलाल घटिया वाले, मनोज कुमार वर्मा, राहुल जैन सहित बड़ी संख्या में मात्र शक्ति उपस्थित रही।
अंत मे राखी बांधते ,तिलक लगाते,सौगात भेंट कर कार्यक्रम का समापन हुआ।