हरिद्वार: ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा रक्षाबंधन के पावन पर्व के उपलक्ष्य में सन्त गोष्ठी का आयोजन किया गया

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महन्त दुर्गादास जी, महन्त गोविन्द दास जी,महन्त सूरजदास जी ,महन्त रविदेव शास्त्री जी,महन्त गुरमीत सिंह जी, म म दिनेशानंद गिरी जी, महन्त हरिहरा नन्द जी,महन्त ज्ञानानन्द जी, बी .के मनोरमा दीदी जी, म म संतोषानन्द जी,महन्त गणेशानंद जी,महन्त दिनेश दास जी,महन्त अम्रताननद जी, महन्त विज्ञानानन्द पूरी जी , महन्त कमलेशानन्द जी , बी के मीना , बी.के मन्जू व अन्य  

हरिद्वार ,उत्तराखंड:इस कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए  महामंडलेश्वर स्वामी  संतोषानन्द  जी महाराज (परमाध्यक्ष- अवधूत मण्डल आश्रम -हरिद्वर ) ने कहा कि ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय समाज में मूल्यों की खुशबू तो फैला रहा है साथ -साथ रक्षाबंधन जैसे पवित्र त्यौहार के उपलक्ष्य में ब्रह्माकुमारी बहने हरिद्वार के सभी प्रमुख सन्तो को  राखी बान्धकर सन्त समाज की दुआए तथा रक्षा का वचन भी प्राप्त कर रही  हैं |

इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए  महामंडलेश्वर स्वामी  दिनेशानन्द जी महाराज ( परमाध्यक्ष- शंकर आश्रम, हरिद्वार ) ने कहा कि इस समय समाज को सुख, शान्ति  और संयम की  सबसे ज्यादा आवश्यकता है | यह विश्व विद्यालय राजयोग के माध्यम से समाज के हर वर्ग को सुख शान्ति और संयम सिखा रहा है | इसकी जितनी प्रशंशा की जाए उतनी कम है |

महन्त डॉ. हरिहरा नन्द जी ( अध्यक्ष – श्री गरीबदासीय, आश्रम, हरिद्वार ) ने कहा की हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सन्त गोष्ठी का आयोजन किया गया | यह ब्रह्माकुमारी बहनों की बहुत पुरानी परमपरा रही है पहले मैं अपने पूज्य गुरुदेव डॉ. श्याम सुन्दर दास जी महाराज के साथ आश्रम पर आता था | स्वामी जी ने आदरणीया दादी प्रकाशमणि जी , आदरणीया दादी जानकी जी  आदरणीया दादी चन्द्रमणि जी तथा आदरणीया प्रेम बहन जी को याद कर सन्त गोष्ठी का पूरा इतिहास बताया | 

महन्त रविदेव शास्त्री जी ( सहअध्यक्ष- श्री गरीबदासीय, आश्रम, हरिद्वार ) ने कहा कि वैसे तो संतो की कोई बहन नहीं होती परन्तु ब्रह्माकुमारी बहनों का स्नेह पाकर आत्मा बहुत प्रसन्न होतो है | सन्तों की शुभ कमाना है कि ब्रह्माकुमारी बहने ऐसे ही समाज सेवा करती रहे तथा समाज को भी पावन बनाए विश्व को भी पावन बनाए , यही मेरी इनके प्रति शुभ इच्छा है |

सन्त गोष्ठी के लिए बी.के  मनोरमा दीदी जी ( अध्यक्षा – धार्मिक प्रभाग -RERF,ब्रह्माकुमारीज) ने  प्रयाग (इलाहाबाद ) से पधार कर सभी बड़े सन्तो के साथ दीप्प्रज्वालित कर  कार्यक्रम का  सुभारम्भ किया तथा आदरणीया दादी रतनमोहिनी जी का पत्र पढ़कर सुनाया और मधुबन से भेजी गई राखी को समझाते हुए आध्यात्मिक रहस्य समझाया | तत्पचात सभी सन्तो को ईश्वरीय याद का तिलक लगाकर राखी का पवित्र धागा सभी सन्तो बांधा| बी के  मन्जू दीदी, बी के मीना दीदी एवं बी के सुशील भाई ने सभी का मुख मीठा कराया |

इन सबके के अतिरिक्त 40 सन्त महन्त इस कार्यक्रम में उपस्थित रहें |

महन्त विज्ञानानन्द पूरी जी,बी के मीना,महन्त कमलेशानन्द जी,महन्त गोविन्द दास जी,महन्त सूरजदास जी, महन्त हरिहरानन्द जी ,महन्त अम्रताननद जी, बी.के मनोरमा दीदी जी, महन्त रविदेव शास्त्री जी,महन्त गुरमीत सिंह जी,म म दिनेशानंद गिरी जी,महन्त गणेशानंद जी, बी के सुशील 

बी के मीना,महन्त कमलेशानन्द जी,महन्त गोविन्द दास जी,महन्त सूरजदास जी, महन्त हरिहरानन्द जी ,महन्त अम्रताननद जी, बी.के मनोरमा दीदी जी, महन्त रविदेव शास्त्री जी,महन्त गुरमीत सिंह जी,म म दिनेशानंद गिरी जी,महन्त गणेशानंद जी, बी के मन्जू 

महन्त अम्रताननद जी को राखी बांधते हुए  बी के मनोरमा दीदी जी  व अन्य 

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