हल्दिपोखर: अपराध मुक्त समाज के लिए नैतिक शिक्षा आवश्यक – भगवान भाई

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हल्दिपोखर (झारखण्ड):

दिन प्रतिदिन समाज में बढ़ती हिंसा एवं अपराध एक चिंतनीय विषय है नैतिक शिक्षा के द्वारा अपराध मुक्त समाज का निर्माण किया जा सकता है | अपराध मुक्त समाज के लिए नैतिक शिक्षा आवश्यक है | उक्त उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय मुख्यालय माउंट आबू से पधारे हुए राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहे । वे उत्क्रमित मध्य विद्यालय , पावारू  में छात्र , छात्रा और शिक्षकों  नैतिक शिक्षा  का वर्तमान में महत्व विषय पर बोल रहे थे| 5000 स्कूलों में नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ा कर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने वाले ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहा कि को कुसंग, व्यसन, सिनेमा और फैशन से आज की युवा पीढ़ी भटक रही है  जिससे वर्तमान समय अपराध बढ़ते जा रहे हैं| उन्होंने बताया कि नैतिक शिक्षा और आध्यात्मिकता से ही युवा पीढ़ी को सही दिशा मिल सकती है |नैतिक शिक्षा से ही मानवीय मन में रचनात्मक और सकारात्मक चेतना का विकास होता है |आज समाज देश और विश्व की स्थिति को हम देख रहे है भौतिक विकास तेजी से हो रहा है | भौतिक विकास से समाज विकसित नहीं  होता बल्कि नैतिक शिक्षा से मानसिक, बौद्धिक, शारीरिक विकास होगा |उन्होंने कहा कि शिक्षा एक बीज है और जीवन एक वृक्ष हैं जब तक हमारे जीवन रूपी वृक्ष को नम्रता ,धैर्यता ,भाईचारा ,आपसी  स्नेह, सत्यता इमानदारी आदि सद्गुण रूपी फल नहीं आते तब तक हमारी शिक्षा अधूरी है। नैतिकता से हमारे व्यवहार संस्कार में निखार आता है|

भगवान भाई ने कहा कि नैतिक शिक्षा से समाज मैं फैली हुई ईर्ष्या घृणा नफरत वैर विरोध और अहंकार को नष्ट किया जा सकता है ।संस्कारित शिक्षा की कमी ही वर्तमान समय अपराधों के मुल कारण है |उन्होंने कहा कि हम विकसित देशों की श्रेणी में शामिल होने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन समाज में फैली हुई दुर्भावना और हिंसा चिंता का विषय है | उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में सामना कर तनावमुक्त बनने के  नैतिक शिक्षा की जरूरत है अपराध मुक्त बनने के लिए आत्मानुभूति की आवश्यकता है |भगवान भाई ने कहा कि चरित्रवान बनना , विकार ,व्यसन-नशा और बुराइयों से स्वयं को मुक्त कर ज्योति या प्रकाश की और असत्यता से सत्य की ओर ले जाए वही सच्चा ज्ञान है| उन्होंने बताया कि जब तक हमारे व्यवहारिक जीवन में परोपकार त्याग उदारता नम्रता सहनशीलता आदि सद्गुण नहीं आते तब तक हमारी शिक्षा अधूरी है|उन्होंने कहा कि  आज के बच्चे कल का समाज है | अगर कल के समाज को अपराध मुक्त बनाना चाहते हैं तो वर्तमान के बच्चों को नैतिक शिक्षा से संस्कारित करने की आवश्यकता है| कार्यक्रम के अंत में मनोबल बढ़ाने के लिए राजयोग  का अभ्यास कराया ।

प्रिंसिपल सुभाषचंद्र सरदार ने कहा कि नैतिक शिक्षा की कमी के कारण मानसिक बीमारियां , शरीर की अनेक बिमारिया हो जाती है जीवन में रूखापन आता है  |

बी के गोपाल भाई जी ने कहा कि नैतिक शिक्षा से बच्चो में संस्कार आते है । कार्यक्रम में बी के प्रकाश भाई के साथ शिक्षक स्टाफ भी उपस्थित थे | कार्यक्रम के अंत में मेडिटेशन भी कराया गया |

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