कोरबा-गेवरा,छत्तीसगढ़। प्रत्येक वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के तौर पर सेलिब्रेट किया जाता है इसी तारतम्य में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के द्वारा संपूर्ण विश्व भर में संस्था से जुड़े सदस्य गणों के माध्यम से कुल 75 लाख पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है । जिसमें संस्था का उद्देश्य न केवल पौधारोपण है बल्कि पौधारोपण के पश्चात पौधे की देखभाल कर उसकी पालना करना कर उसे सींचकर उन्हें बड़ा करना भी है और 5 जून से 25 अगस्त तक यह कार्यक्रम ब्रह्मकुमारी संस्था के द्वारा विश्व भर में व्याप्त अलग अलग सेवा केंद्रों के माध्यम से संकल्प को अंजाम दिया जाएगा
इसी तारतम्य में आज 12 जून 2022 को यह कार्यक्रम प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की शाखा गेवरा में संपन्न हुआ जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर एसईसीएल गेवरा क्षेत्र के महाप्रबंधक एच के साहा जी उपस्थित रहे । उनके साथ ही डॉक्टर वी राम के वर्मा जी (एन सी एच गेवरा क्षेत्र) भी उपस्थित रहे । साथ ही नगर पालिका परिषद के पार्षद संगीता साहू पार्षद अंजना जायसवाल जी उपस्थित रहे वहीं ब्रह्माकुमारी संस्था को रिप्रेजेंट करते ब्रह्म कुमारी कुसुम दीदी व ब्रह्म कुमारी रचना बहन मंच पर उपस्थित थे ।
कुमारी पूर्वी जी के द्वारा अतिथियों के स्वागत में मनोरम नृत्य प्रस्तुत कर अतिथिगणों का स्वागत किया गया ।
एस ई सी एल के महाप्रबंधक एच के साहा जी के द्वारा अपने उद्बोधन में बतलाया गया कि भारत में जिन स्थानों पर जैसे कि अस्पतालों में तथा विभिन्न संस्थानों में आज बिजली अत्यंत आवश्यक चीजों में से एक है जिसके बिना जीवन की परिकल्पना कर पाना असंभव है । और ऊर्जा का अन्य विकल्प जो कोयले की जगह लेकर ऊर्जा की हो रही खपत व आवश्यकता की भरपाई कर सके ऊर्जा का ऐसा स्रोत अब तक हमारे सामने नहीं आया है । तो हम गेवरा क्षेत्र जोकि एसिया के नम्बर वन कोल् माइंस हैं जो सर्वाधिक कोयला उत्पादन करते हैं । 50 मिलियन टन प्रतिवर्ष । और अगर इसी तीव्र गति से अगर हम उत्पादन करते गए तो अधिक से अधिक और 15 वर्ष हम उत्पादन कर पाएंगे उसके पश्चात यह गेवरा खदान बिल्कुल उसी तरह बंद हो जाएगा जिस तरह बांकीमोंगरा या अन्य खदानें बंद हुई है । माइनिंग के लिए हमें भूमिगत कोयले को बाहर निकालने हेतु जमीन के ऊपर के पेड़ों को काटना ही पड़ता है । बदले में हम पौधरोपण भी करते हैं पर पालना ना हो पाने के कारण जितनी पेड़ों की कटाई होती है बदले में उतने ही पेड़ प्रकृति में जीवित अवस्था में पौधरोपण के पश्चात भी ना बचने के वजह से इको सिस्टम प्रभावित होती है । हमें इस पौधारोपण के लक्ष्य के अपनाना चाहिए और कम से कम एक पौधा अपने अपने घरों में लगाकर उसे ताउम्र पालना देने का प्रयत्न करना चाहिए ।
डॉक्टर देवनाथ जी के द्वारा अपने उद्बोधन में बतलाया गया कि किस तरह औद्योगिकरण के लिए वृक्षों की बलि दी जा रही है । और एक ओर पौधे तो लगाए जाते हैं मगर पालना देखरेख ना होने से किस तरह वह व्यर्थ हो पर्यावरण प्रभावित हो रहा है । आगे उन्होंने कहा कि हम सबनें कोरोना काल मे यह देखा कि किस तरह ऑक्सीजन की कमी की वजह से लोगों ने दम तोड़ा, हमें अगली पीढ़ी के लिए ऊर्जा को बचाना होगा ।
पार्षद सुनीता साहू जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमें अधिक से अधिक वृक्ष लगाने चाहिए ।
पार्षद अंजना जायसवाल जी ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पौधरोपण करने हेतु सभी से अपील किये
आगे एन सी एच गेवरा से सभा में पधारे मंचस्थ डॉक्टर वी राम के वर्मा जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमें कम से कम कागजों का उपयोग करना चाहिए और अल्टरनेट उपाय के तौर पर हमें डिजिटल बनना चाहिए हमें वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अपनाना चाहिए और वर्षा के पानी को भूमि में जाने हेतु अपने घर के इर्द गिर्द जगह बनानी चाहिए । पौधों के या फिर वृक्षों के चारों ओर सिमेंटिंग नहीं करना चाहिए इससे वर्षा का पानी पौधों या वृक्षों के जड़ों के अंदर नहीं जा पाता ।
बहन बिके कुसुम दीदी जी के द्वारा ब्रह्माकुमारी संस्था के द्वारा लिए गए संकल्प के संदर्भ में सबको रूबरू करवाया गया कि किस तरह संस्था नें 75 लाख पौधरोपण के साथ उनकी पालना का लक्ष्य रखा हुआ है । आगे उन्होंने कहा कि जितना पानी हम कूलर में भरते हैं अगर उसका दस प्रतिशत भी पौधों में डालने लगें तो इससे वृक्ष बड़े होकर स्वक्ष हवा देंगे और हमें सिंथेटिक चीजों के माध्यम से हवा लेने की जद्दोजहद नहीं करनी पड़ेगी ।
ब्रह्माकुमारी सुनीता दीदी जी के द्वारा मेडिटेशन कॉमेंट्री करवाकर गहन शांति की अनुभूति सभा में उपस्थित जनों को कराई गई ।
अंत में बहन ज्योति दीदी जी के द्वारा सभा में पधारे सभी आगंतुकों का व अतिथिगणों का अपना क़ीमती समय निकालकर कार्यक्रम को सफल बनाने में उपस्थिति प्रदान करने हेतु आभार व्यक्त किया गया । सभी अतिथियों को स्लोगन फ्रेम, प्रसाद व एक एक पौधा भेंट किया गया, परमात्मा के प्रसाद के साथ अपने अपने घरों में लगाने हेतु एक एक पौधा प्राप्त कर सभी अतिथिगण प्रस्थान किये ।