दावणगेरे: ‘तनाव मुक्त प्रशासन’ विषय पर कार्यक्रम

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दावणगेरे,कर्नाटक: ब्रह्माकुमारीज के शिवाद्याय मंदिर सेवा केंद्र में तनाव मुक्त प्रशासन के विषय पर  दिल्ली की ओ.आर.सी. की निर्देशिका बी.के आशा दीदी ने प्रशंसकों को यह कहा कि जीवन में सशक्त विचारों के चिंतन से सकारात्मक रूप से आगे बढ़ना चाहिए। 1980 में एक रिसर्च हुआ था जिसके अनुसार मनुष्य के मन में प्रतिदिन 35000 सभी अधिक विचार उत्पन्न होते हैं। अब इसकी संख्या ज्यादा हुई होगी। मन में आने वाले विचारों को मेडिटेशन के द्वारा सही दिशा में ले जा सकते हैं। किसी भी पद में अहंकार न होना चाहिए। सब कुछ मैं ही हूं, मुझसे ही सब कुछ हो रहा है, यह अहंकार की भावना नहीं होनी चाहिए। अधिकार शाश्वत नहीं है, सेवा भावना से हमें कार्य करने चाहिए। ईमानदारी, पारदर्शिता होनी चाहिए। जीवन का आनंद लेते हुए हमें अपने कार्य क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहिए। तभी हमें बहुत खुशी होगी।

जिला न्यायाधीश श्रीमती राजेश्वरी आर हेगड़े ने कहा कि तार्किक विचारों के द्वारा सकारात्मक रूप से चलना ही जीवन है। तनाव मुक्त प्रशासन का यह प्रवचन मुझ पर बहुत ही गहरा प्रभाव डाला है। इस कार्यक्रम में हुबली सब जोन के निर्देशक बी.के बसवराज भाई जी, संचालक हुबली सब जोन की प्रभारी निर्मला बहन, सिरसी सेवाकेंद्र प्रभारी बी.के वीणा, दावणगेरे सेवाकेंद्र प्रभारी बी.के लीला, दावणगेरे विश्वविद्यालय के उप कुलपति प्रोफेसर बी. कुंभार, बापूजी एजुकेशन संगठन के सदस्य अथनी एस वीरन्ना, जी एम विश्वविद्यालय के डीन प्रोफेसर जी एम. पाटिल भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।

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