ज्ञानशिखर ओमशान्ति भवन में अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का शुभारंभ

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ब्रह्माकुमारी संस्थान ज्ञानशिखर ओमशान्ति भवन में योग महोत्सव का शुभारंभ हुआ

इंदौर,मध्य प्रदेश। आजादी के अमृत महोत्सव तथा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में वैश्विक थीम- “मानवता के लिये योग“ पर आज प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा ज्ञानशिखर ओमशान्ति भवन में प्रातः कालीन सभा में ”योग द्वारा संबंधों में मधुरता“ विषय पर दिव्य सम्बोधन हुआ।

अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्य अतिथि सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि राजयोग के अभ्यास से मन के विचारों को शांत तथा सकारात्मक बनाने में बहुत मदद मिलती है। आपने अपने पार्षद के कार्यकाल का अनुभव बताते हुए कहा कि प्रातः काल उठते ही लोगों के पानी, सफाई आदि समस्याओं के फोन आते थे जिससे नकारात्मक विचारों से आवेश के वश मन अशान्त, परेशान हो जाता था। लेकिन जबसे राजयोग मेडिटेशन का परिचय मिला तो मन के विचारों को सकारात्मक बनाने की प्रेरणा मिली तथा लोगों की समस्याएं शांत मन से सुनता इससे लोग भी खुश होते और समस्याओं का समाधान भी तत्परता से हो जाता, हमें भी खुशी मिलती । इसी तरह उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोच से कार्य तथा व्यवहार करने से पार्षद से सांसद बनने सफलता मिली।
इंदौर जोन की मुख्य क्षेत्रीय समन्वयक ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने कहा कि शारीरिक एक्सरसाइज एवं आसन प्राणायाम के द्वारा निश्चित रुप से शरीर को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है, लेकिन राजयोग जीवन में सम्पूर्ण स्वास्थ्य प्रदान करता है । वर्तमान समय प्रदूषित वायुमण्डल एवं भागमभाग जिंदगी में मनुष्य तनाव एवं अनेक मनोरोगों से ग्रस्त हैं  इन मनोरोगों से निजात दिलाने, मन को स्वस्थ और शक्तिशाली बनाने के लिए राजयोग मेडिटेशन एक कारगर उपाय है। यह हमारी एक सकारात्मक जीवनशैली है। आपने बताया कि आपसी विश्वास, प्रेम, सहयोग और सद्भावना की कमी से हमारे संबंधों में टकराहट आ जाती है। राजयोग के माध्यम से परमात्मा पिता से संबंध जोड़तें हैं तो इन गुणों को धारण करने से हमारे आपसी संबंध भी मधुर बन जाते हैं।

इस अवसर पर रेनेसा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति स्वप्निल कोठारी ने कहा कि कष्ट और दुख मनुष्य को बहुत परेशान करते हैं ये समानार्थी नहीं है। कष्ट शारीरिक होते हैं और दुख मानसिक होते हैं । योग हमारे अंदर हर स्थिति में सम्यक दृष्टिकोण प्रदान करता है। जाति भेद, धर्म भेद को मिटाता है, हमारे अंदर गहराई और न बदली जा सकने वाली चीजों की स्वीकारोक्ति लाता है। यह भीतर की यात्रा और आनंद की अनुभूति कराता है।

सुप्रसिद्ध मोटिवेशनल स्पीकर एवं हेल्थ टेªनर डाॅ. दिलीप नलगे ने कहा कि क्रोध और अह्म संबंधों में दूरी बढ़ाता है। आपने ब्रह्माकुमारी संस्थान की पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी प्रकाशमणी जी का स्मरण करते हुए कहा कि दादी जी का मूल मंत्र था कि जीवन में हारमनी तब होगी, जब संबंधों में मधुरता के लिए हार मान लेंगे। आपने बहुत सुंदर गीत के माध्यम से राजयोग की महत्ता को स्पष्ट किया ।

योग टेम्पल के संचालक योगी मनोज गर्ग ने अपनी शुभकामनायें देते हुए 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर अग्रसेन चैराहा सपना संगीता रोड़ पर आयोजित सामूहिक योग कार्यक्रम में सभी को आमंत्रित किया।
शक्ति निकेतन के संचालिका ब्रह्माकुमारी करुणा दीदी ने कहा कि राजयोग हमें स्वयं का बोध कराता है एवं मन को शांति प्रदान कराता है। आपने योग की गहन अनुभूति कराई।

कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। शक्ति निकेतन की छात्राओं ने योगा नृत्य कर सभी का मन मोह लिया। ब्रह्माकुमारी उषा बहन, ब्रह्माकुमारी छाया बहन ने आये हुये अतिथियों का पुष्प गुच्छ एवं बैज लगाकर स्वागत किया । संचालन ब्रह्माकुमारी अनिता बहन ने किया। प्रातः कालीन सत्र में योगा टीचर श्रीमती ममता भार्गव ने प्रोटोकॉल के अनुसार प्राणायाम एवं शारीरिक एक्सरसाइज कराये।

“कल कर लो स्वास्थ्य मुट्ठी में“ पांच दिवसीय संपूर्ण स्वास्थ्य शिविर के तीसरे सत्र में डाॅ. दिलीप नलगे द्वारा स्वास्थ्य, खुशी और समृद्धि विषय पर प्रकाश ड़ाला जायेगा। 

   

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