अखिल भारतीय संत सम्मेलन का शुभारम्भ

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विश्व शांति और सद्भाव के लिए परमात्मा के सत्य स्वरूप को पहचानना जरूरी -स्वामी राजशेखरानन्द, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सबकी जिज्ञासाओं का समाधान कर राष्ट्र की प्रगति जरूरी
आबूरोड,राजस्थान। परमात्मा का सत्य स्वरूप क्या है विषय पर अखिल भारतीय संत सम्मेलन का ब्रह्माकुमारीज संस्थान के शांतिवन में आगाज हो गया। देशभर से पहुंचे प्रतिष्ठित संत समाज ने खुले मन से पूरे विश्व में शांति, सौहार्द और एकता की कामना की। 
शंकर शक्ति आश्रम वृंदावन महामंण्डलेश्वर श्रीश्री 1008  स्वामी राजशेखरानन्द जी ने कहा कि आज पूरे विश्व में शांति और सद्भाव की अति आवश्यकता है। इसके लिए परमात्मा के सत्य स्वरूप को पहचानना जरूरी है। यदि एक परमात्मा और एक परिवार का सिद्धांत प्रतिपादित हो जाये तो निश्चित तौर पर पूरे विश्व में असमानता समाप्त हो जायेगी। वे अखिल भारतीय संत सम्मेलन के उदघाटन में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्थान के शांतिवन से एक लौ निकलेगी जो पूरे विश्व को आलोकित करेगी। यह संत सम्मेलन उसकी नींव है। ब्रह्माकुमारीज संस्थान का ज्ञान और परमात्मा के पहचान की परिभाषा में कोई विरोधाभास नहीं हैं। हम सबको मिलकर विश्व शांति का प्रयास करना चाहिए। 
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने कहा कि पूरा विश्व एक परिवार है। हम केवल शरीर के रूप में बंटे हैं। परन्तु हमारी वह पहचान नहीं हैं। परमात्मा शिव ने हमारी पहचान आत्मा के रूप में दी है। इसलिए हम आत्मा के रूप में भाई-भाई है। राजयोग ध्यान से ही हमारे जीवन में बदलाव आयेगा। 
येल्लुरू आन्ध्र प्रदेश से आये यग्यनवालय राजाश्रमम के पीठाधिपति श्रीश्रीश्री कृष्ण् चरणानन्द भारती जी महाराज ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्थान में प्रवेश करते ही यह एहसास हो जाता है कि भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक ज्ञान में कितनी ताकत है। यहा चारों ओर परमात्मा ही परमात्मा नजर आता है। मैं इस सम्मेलन में बुलाने के लिए ब्रह्माकुमारीज संस्थान को बधाई देता हूॅं। 

कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज संस्थान के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन ने कहा कि इस सम्मेलन को बुलाने का एक ही मकसद है कि परमात्मा के सत्य स्वरूप को पहचाना जाये। क्योंकि हम सब एक ही परमात्मा के बच्चे हैं। इसको भूलने के कारण ही तमाम विषमतायें पैदा हो रही हैं। 
समारोह में राजपुरा से आये आचार्य अरविन्द मुनी ने कहा कि आज हिंसा की खबरें विचलित करती हैं। ऐसे में जरूरी है कि हम एक ऐसे माहौल का निर्माण करें ताकि विश्व में शांति हो और परमात्मा की पहचान हो। 
संन्यास आश्रम मुंबई से आये महामंडलेश्वर श्री प्रेमानन्द गिरी जी ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज बहनों की त्याग और तपस्या पूरे विश्व को आलोकित कर रही है। परमात्मा शिव बाबा है इसमें कोई दो राय नहीं है। पूरे विश्व में यह संस्थान फैल गया है इसी सिद्धांतों के साथ यह इसका प्रमाण है। 

इस कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज संस्थान के कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय, दिल्ली पांडव भवन की प्रभारी बीके पुष्पा, धार्मिक प्रभाग की अध्यक्षा बीके मनोरमा तथा मुख्यालय संयोजक बीके रामनाथ ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किये। 
प्रधानमंत्री ने भेजा संदेश:देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संदेश भेजकर संत सम्मेलन की सफलता की कामना की है। उन्होंने कहा है कि लोगों की जिज्ञासाओं का समाधान कर राष्ट्र प्रगति के लिए प्रयास करना है। मुझे विश्वास है संत समाज इस सम्मेलन से पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति की झलक जायेगी।
इन्होंने भी दी शुभकामनाएं:लोक सभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, ब्रह्माकुमारीज की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका बीके मोहिनी, बीके जयंती
 ने भी लंदन से संदेश भेजा। कार्यक्रम का संचालन बीके आशा ने किया।  

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