संबलपुर,ओडिशा: पावन सरोवर रिट्रीट सेंटर में दिनांक-22 नवंबर 2023 को राष्ट्रीय अभियान “नई भारत के लिए नई शिक्षा” का शुभारंभ भारत के राष्ट्रपति महामहिम श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी के कर कमलों द्वारा हुआ।
इस कार्यक्रम में महामहिम राष्ट्रपति जी अपने प्रेरणादायी उद्बोधन में कहा कि परिवार से ही मनुष्य की शिक्षा आरंभ होती है और माँ ही हमारी पहली शिक्षक है। शिक्षा का माध्यम मातृभाषा होना चाहिए | शिक्षा के साथ साथ मानवीय मूल्य एवं नैतिक शिक्षा का समावेश होना अति आवश्यक है। नई शिक्षा नीति भारत को पुनः विश्व गुरु की पदवी से सुशोभित करेगा। ब्रह्माकुमारीज विश्व स्तर में मानव समाज के कल्याण अर्थ आध्यात्मिक शिक्षा को जन जन तक पहुँचाने के लिए प्रयासरत। ब्रह्माकुमारी संस्था भारत सरकार की नशा मुक्त अभियान , जैविक खेती सहित सामाजिक जागरण कार्यक्रमों में प्रमुख सहयोगी हैं ।
इस अवसर पर ओडिशा के राज्यपाल माननीय श्री रघुवर दास जी अपने अभिभाषण में कहा कि आधुनिक और विकसित भारत के लिए आध्यात्मिक शिक्षा आवश्यक है। ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय इस दिशा में सबसे आगे है। केंद्र शिक्षा मंत्री माननीय श्री धर्मेन्द्र प्रधान जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि वर्तमान समय में बच्चों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से अधिक हुमन इंटेलिजेंस (HI) जरूरी है। ब्रह्माकुमारीज अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू से पधारे हुए शिक्षा विभाग की उपाध्यक्षा राजयोगिनी बीके शीलू दीदी जी ने कहा कि भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए इंटेलिजेंस कोशेंट IQ के साथ स्पिरिचुअल कोशेंट (SQ) को बढ़ाना जरूरी है।
ब्रह्माकुमारीज पश्चिम ओडिशा की सबजोन निर्देशिका राजयोगिनी बीके पार्वती जी ने आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया। मान्यवर राष्ट्रपति, राज्यपाल एवं शिक्षा मंत्री पावन सरोवर रिट्रीट सेंटर के परिसर में वृक्षारोपण किये । इस कार्यक्रम में पश्चिम ओडिशा के विभिन्न स्थानों से आए 4000 से अधिक भाई बहन उपस्थित थे । कार्यक्रम के प्रारंभ में उड़ान ग्रुप के बच्चों ने संबलपुरी गीत पर बहुत सुंदर स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया |
कार्यक्रम के अंतिम पर्याय में राष्ट्रपति जी ने अपने कर कमल से ब्रह्माकुमारी बहनों को झण्डा और कलश देकर “नूतन भारत के लिए नूतन शिक्षा” कार्यक्रम का शुभारंभ किया | इस कार्यक्रम में स्थानीय विधायक श्री नाउरी नायक एवं कटक से पधारे हुए वरिष्ठ भ्राता ब्र. कु नथमल जी भी उपस्थित थे | कार्यक्रम का संचालन माउंट आबू से पधारे बी के डॉ. लीना दीदी जी ने किया।











