नई दिल्ली : नए कल की परिकल्पना विषय पर दिल्ली लोधी रोड में पब्लिक कार्यक्रम

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नई दिल्ली-लोधी रोड: भारत की सबसे सभ्रांत बस्तियों में से एक है तथा जोर बाग़ कॉलोनी में कई देशों के दूतावास हैं तथा दिल्‍ली की नामीग्रमी हस्‍तियां यहां रहती हैं, के सामुदायिक केन्‍द्र में नये कल की परिकल्‍पना (Envisioning a New Tomorrow)  विषय पर पब्लिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्‍या में स्‍थानीय तथा अन्‍य लोगों ने भाग लिया।

वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे, पूर्व उप प्रमुख, भारतीय नौसेना, नई दिल्‍ली कहा अच्‍छे कल के निर्माण के लिए हमारी स्‍वस्थिति ऊंची रहे। हम प्रतिदिन राजयोग का अभ्‍यास करें तथा सबके सहयोगी बन कर रहें। नया कल कुछ और नहीं है अपितु हमारे आज के श्रेष्‍ठ कर्मो का प्रतिफल ही है।

ब्र.कु. विद्या बहनजी, राष्‍ट्रीय संयोजिका, न्‍यायविद प्रभाग, ब्रह्मा कुमारीज़, बेलगावी, कर्नाटक ने कहा हमें अपने अंदर की वृत्ति को बदलना है भीतर जब शांति होती है तो बाहर भी उसका प्रभाव पड़ता है। नये कल की परिकल्‍पना के लिए सकारात्‍मक परिवर्तन लाना है। दिन का आरंभ नवीनता से हो तो वर्तमान और भविष्‍य दोनों ही श्रेष्‍ठ बन जाते हैं।  

बीके पीयूष भाईजी, अंतरराष्‍ट्रीय प्रेरक वक्‍ता, लोधी रोड, नई दिल्‍ली ने कहा नया कल तब होगा जब हम वर्तमान को अच्‍छा बनायेंगे। श्रेष्‍ठ कल का शुभारंभ आज से ही करना होगा। संकल्‍प सकारात्‍मक हों तो जीवन भी सुखदायी बन जाता है। इसलिए नज़रों को बदलो तो नजारे बदल जायेंगे, सोच को बदलो तो सितारे बदल जायेंगे। जब मैं केवल आज की परिधि में रहना सीख लेता हूं तो अवश्‍य ही मेरा कल नवीनता से भरपूर हो जाता है।  

ब्र.कु. गिरिजा बहनजी, संचालिका, ब्रह्माकुमारी सेवा केन्‍द्र, लोधी रोड, नई दिल्‍ली  मनुष्‍य भविष्‍य के विषय में सोचकर-2 अपने वर्तमान को खराब कर लेता है। हमें बीती हुई बातों से शिक्षा लेकर आगे बढ़ जाना है। सबसे गुण ग्रहण करने हैं, सदैव शुभ चिंतन करना है। आने वाले कल को नया बनाने के लिए आज, इसी पल, इसी क्षण कुछ नया करने का संकल्‍प लें।

कुमारी आराध्‍या, कुमारी कृष्‍णा और कुमारी तृष्‍णा ने मनमोहक नृत्‍य प्रस्‍तुत किया। कार्यक्रम में सामूहिक योगाभ्‍यास और प्रश्‍नोत्‍तर भी हुए। 

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