भोरा कलां: बड़े हर्षोल्लास से मनाया गया ओम शान्ति रिट्रीट सेंटर का 22 वाँ वार्षिकोत्सव

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– भारत को विश्व गुरु बनाने में ब्रह्माकुमारीज की है अहम भूमिका – डॉ. शंकर प्रसाद शर्मा
– भारत भूमि पर जन्म लेना भी है एक वरदान – स्वामी दिनेशानंद जी महाराज
– बड़े हर्षोल्लास से मनाया गया ओम शान्ति रिट्रीट सेंटर का 22 वाँ वार्षिकोत्सव
– ब्रह्माकुमारीज संस्थान के उत्तरी भारत का सबसे बड़ा केंद्र है ओआरसी
5000 से भी अधिक लोगों ने कार्यक्रम में की शिरकत
– संस्थान द्वारा एक नए गीत की हुई लॉन्चिंग

भोरा कलां,गुरुग्राम हिरयाणा।
ब्रह्माकुमारीज के बहोड़ा कलां स्थित ओम शान्ति सेंटर का 22 वाँ वार्षिकोत्सव बड़े हर्षोल्लास से मनाया गया। 30 एकड़ के विशाल भूभाग में फैला ओआरसी परिसर संस्थान के उत्तरी भारत का सबसे बड़ा केन्द्र है। कार्यक्रम का आयोजन ओआरसी के दादी प्रकाशमणी सभागार में हुआ। नेपाल के राजदूत डॉ. शंकर प्रसाद शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि नेपाल और भारत दोनों आपस में जुड़े हैं। ब्रह्माकुमारीज ने नेपाल को आध्यात्मिक रूप से जोड़ा है। क्योंकि नेपाल में संस्था के कई सेवाकेंद्र हैं, जो मानवहित का महान कार्य कर रहे हैं। भारत को विश्व गुरु बनाने में ब्रह्माकुमारीज की अहम भूमिका है।

हरिद्वार से पधारे महामंडलेश्वर स्वामी दिनेशानंद जी ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्था मानव को जीवन का वास्तविक महत्व बता रही है। ब्रह्माकुमारीज का सेवा भाव बड़ा ही अद्भुत है। उन्होंने कहा कि भारत की भूमि पर जन्म लेना भी एक वरदान है।

– संस्थान का हर व्यक्ति है शान्ति और प्रेम से ओतप्रोत

महामंडलेश्वर स्वामी अभिषेक चैतन्य ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज एक चलती-फिरती संस्था है। क्योंकि इसका हर सदस्य मूल्यों से भरपूर है। संस्थान का हर व्यक्ति प्रेम और शान्ति से ओतप्रोत हैं। ब्रह्माकुमारीज का कार्य सभी के लिए अनुकरणीय है।

– एक सुंदर परिवार के रूप में कार्य कर रहा है ब्रह्माकुमारीज संस्थान

संस्थान के अतिरिक्त महासचिव राजयोगी बृजमोहन ने कहा कि आज परछाई का जमाना है। जिस कारण मानव की भावनाएं शून्य हो गई हैं। इसलिए जरूरत है सच्चे स्नेह की। उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्थान एक परिवार है। जहाँ हर व्यक्ति अपने सम्पूर्ण समर्पण भाव से सेवा कर रहा है। उन्होंने कहा कि बीती हुई बातों को भूलकर ही हम नए विश्व का सृजन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ओआरसी वैश्विक सेवाओं का मुख्य केंद्र बने यही उनकी शुभकामना है।

ओआरसी की निदेशिका राजयोगिनी आशा दीदी ने अपने स्वागत वक्तव्य में कहा कि ओआरसी वास्तव में सहयोग की मिसाल है। क्योंकि सभी ने इसके निर्माण में कुछ न कुछ सहयोग अवश्य दिया है। उन्होंने कहा कि सभी की शुभकामनाओं से ही आज ओआरसी इतने ऊंचे स्तर तक पहुँचा है।

आइआइएम, रोहतक के निदेशक डॉ. धीरज शर्मा ने कहा कि योग से आधी बीमारियों का निदान हो जाता है। ब्रह्माकुमारीज संस्था लोगों को विकट परिस्थितियों से उबरने की शक्ति प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि श्रेष्ठ कर्मों के द्वारा ही हम चीजों को ठीक कर सकते हैं।

दिल्ली हरीनगर सेवाकेंद्र निदेशिका राजयोगिनी शुक्ला दीदी, दिल्ली सिरी फोर्ट सेवाकेंद्र निदेशिका राजयोगिनी गीता दीदी, दिल्ली करोल बाग सेवाकेंद्र निदेशिका पुष्पा दीदी एवं राजस्थान माउंट आबू से राजयोगिनी उषा दीदी ने भी कार्यक्रम के प्रति अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की।

कार्यक्रम में संस्थान द्वारा एक नए गीत की भी लॉन्चिंग हुई। क्लासिकल सिंगर पंडित बृजेश मिश्रा द्वारा गीत की सुंदर प्रस्तुति दी गई।
कार्यक्रम में वार्षिकोत्सव के अवसर पर आयोजित खेलकूद प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम में संस्थान के 5000 से भी अधिक सदस्यों सहित अन्य लोगों ने शिरकत की। बीके सुनैना और बीके हुसैन ने मंच संचालन किया।

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