नागपुर (महाराष्ट्र):
गुणवान और चरित्रवान बच्चे देश और समाज के लिए कुछ रचनात्मक कार्य कर सकते हैं। प्राचीन संस्कृति आध्यात्मिकता की रही जिस कारण प्राचीन मानव भी वंदनीय और पूजनीय रहा। नैतिक शिक्षा से ही मानव के व्यवहार में निखार लाता है। आज के बच्चे कल का भावी समाज हैं। अगर कल के भावी समाज को अच्छा देखना चाहते हो तो वर्तमान के युवाओं को नैतिक सद्गुणों की शिक्षा की आधार से चरित्रवान बनाए। तब समाज बेहतर बन सकता है। गुणवान व चरित्रवान बच्चे देशकी सच्ची सम्पत्ति हैं| उक्त उदगार माउंट आबू से ब्रह्माकुमारी के पधारे हुए बी के भगवान भाई जी ने कहे | वे हिन्दू गर्ल्स स्कुल में नैतिक शिक्षा का महत्व विषय पर बोल रहे थे |
ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहा कि हमारे मूल्य हमारी विरासत है। मूल्य की संस्कृति के कारण भारत की पूरे विश्व में पहचान है। इसलिए नैतिक मूल्य, मानवीय मूल्यों की पुर्नस्थापना के लिए सभी को सामूहिक रूप में प्रयास करने चाहिए। सकारात्मक चिन्तन का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि सकारात्मक चिन्तन से समाज में मूल्यों की खुशबू फैलती है। सकारात्मक चिन्तन से जीवन की हर समस्याओं का समाधान होताहै। उन्होंने शिक्षा का मूल उद्देश्य बताते हुए कहा कि चरित्रवान, गुणवान बनना ही शिक्षा का उद्देश्य है। उन्होंने आध्यात्मिकता को मूल्यों का स्रोत बताते हुए कहा कि शांति, एकाग्रता, ईमानदारी, धैर्यता, सहनशीलता आदि सद्गुणमानव जाती का श्रृंगार है।
बी के अर्चना बहन जी राजयोग शिक्षिका जी ने भी अपना उद्बोधन देते हुए कहा की नैतिक शिक्षा से ही छात्र-छात्राओं में सशक्तिकरण आ सकता है। उन्होंने आगे बताया कि नैतिकता के बिना जीवन अंधकार में हैं। नैतिक मूल्यों की कमी के कारण अज्ञानता, सामाजिक, कुरीतियां व्यसन, नशा, व्यभिचार आदि के कारण समाज पतन की ओर जाता है |
कार्यक्रम की शुरुवात स्वागत से की गयी और अंत में बी के भगवान भाई जी ने मन की एकाग्रता बढाने हेतु राजयोग मेंडिटेशन भी कराया |
मुख्याध्यापिका माया बमनोटे जी ने ब्रह्माकुमारी के इस कार्यक्रम के लिए अभार व्यक्त किया और भविष्य में ऐसे कार्यक्रम हेतु निमन्त्रण भी दिया|
कुछ बच्चो ने आज के इस नैतिक शिक्षा के कार्यक्रम के लाभ भी सूनाये|
पल्लवी देशमुख सीनियर शिक्षिका मंच संचालन का कार्य किया
कार्यक्रम में पल्लवी देशमुख सीनियर शिक्षिका , राहुल बोबडे- परिवेक्षेक , ठोम्बरे सर के साथ सभी शिक्षक स्टाफ उपस्थित था |