कुरुक्षेत्र: अंतर्राष्ट्रीय गीता उत्सव के उपलक्ष में विशेष कार्यक्रम

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कुरुक्षेत्र,हरियाणा: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेवा केंद्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता उत्सव के उपलक्ष में विशेष कार्यक्रम “क्या वर्तमान समय धर्मग्लानि और गीता के भगवान के पुनः अवतरण का समय नहीं है?”विषय पर आयोजित किया गया। बी.के मुकेश अग्रवाल ने मंच संचालन करते हुए मंच पर आसीन सभी महानुभावों का परिचय देते हुए अभिनंदन किया और बी. के विद्या बहन ने पुष्प गुच्छ भेंट कर सम्मानित किया। दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया । नन्ही बालिका गोरी ने सत्यम ,शिवम ,सुंदरम गीत के माध्यम से आगंतुकों का स्वागत किया। मुख्य अतिथि मातृभूमि सेवा मिशन के संयोजक श्री प्रकाश मिश्रा जी ने अपने संबोधन में कहा कि आज जहां आप बैठे हैं वह दिव्य स्थान है। वास्तव में महाभारत का युद्ध असत्य पर सत्य की जीत, आचार- विचार, व्यवहार, संस्कृति का युद्ध है। भारत पुनः विश्व गुरु कैसे बने, केवल ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा ही यह कार्य किया जा सकता है। अनेक शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षा तो है पर मूल्य का अभाव है। उन्होंने कहा कि जीवन में मूल्यों को सिखाना होगा तो ब्रह्माकुमारीज के नजदीक जाना होगा। सकारात्मक गुणों के आदान-प्रदान से जीवन बदल जाएगा। शांति ,आनंद, परमार्थ, प्रेम, दया का जीवन जहां हो तो वहां कुछ सीखने की आवश्यकता नहीं है। आज धर्म ग्लानि का युग है। आप सब पांडव वंश के प्रतिनिधि हैं। सरकार केवल साधन दे सकती है ,मूल्य नहीं।

मुख्य वक्ता का कर्नाटक हुबली से पधारी राजयोगिनी बीके वीणा दीदी ने कहा कि आज मंच पर हिंदू ,मुस्लिम, सिक्ख, कर्नाटक, तेलगांना, केरला और उत्तर प्रदेश का कैसा अनोखा संगम है? परमात्मा के अवतरण का समय है। दुनिया में हम सब लोग 10 बार हाथ साफ करते हैं, दो बार दांत साफ करते हैं, घर की सफाई करते हैं पर क्या हम मन को साफ करने की सोचते हैं? गीता के प्रथम श्लोक”धर्म क्षेत्रे कुरुक्षेत्रे-को विस्तार से व्याख्या करते बताया कि आज धर्म ग्लानि का समय शुरू हो गया है और उसके लक्षण बताते हुए कहा कि आज दूसरे की कमियां तो नजर आ रही है पर अपनी नहीं। दूसरों को उपदेश देना आसान काम है लेकिन गीता को मानना अलग बात है। गीता में भी भगवान ने स्वयं कहा है जब धर्म की अति ग्लानि होती है तो मुझे अवतरित होकर आना पड़ता है। परमात्मा के अवतरण को पहचाने और धर्म ग्लानि को भी। कलियुग अभी ऑक्सीजन पर है तो हमें अपने स्वधर्म पर टिका रहना है और एकजुट होकर कलियुग को सतयुग में बदलना होगा।

विशिष्ट अतिथि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार न्याय परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार जसवीर सिंह दुग्गल जी ने गीता जयंती की बधाई देते हुए कहा कि ब्रह्मा कुमारीज ने बहुत सुंदर चर्चा का विषय रखा है। आज जब चारों तरफ मानवता का ह्रास, भाई भाई का दुश्मन, एक ही परिवार के लोग आपस में एक दूसरे से बात तक नहीं करना चाहते। आज हालात ऐसे बन रहे हैं कि धर्म का प्रचार तो हो रहा है पर समाज पर धर्म की बातों का कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा। आज श्री कृष्ण जैसे उपदेशक की जरूरत है, वही अर्जुन जैसे अनुयायी की भी। आज हर व्यक्ति के मन में महाभारत चल रही है। आदमी दूसरों को संभालने की बात कर रहा है लेकिन हमें केवल अपने को सुधारना होगा। ब्रह्माकुमारी संस्था की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस संस्था से जुड़े हर व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कुराहट है। यह ज्ञान केवल अर्जुन के लिए नहीं, हम सबके लिए हैं। हम अर्जुन की तरह बनना नहीं चाहते, सुनना नहीं चाहते क्योंकि सहनशीलता की कमी है।

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के मास कम्युनिकेशन एवं मीडिया विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर आबिद अली ने कहा कि धर्म क्या है? धर्म ग्लानि क्यों हो रही है? आदि प्रश्नों का समाधान एक कहानी के माध्यम से किया। उन्होंने बताया कि जब मुझे ओम शांति शब्द का मतलब समझ आया तो मेरे जिस्म के रोम रोम में शांति का अनुभव होने लगा। आज धर्म और अनपढ़ता के नाम पर तोड़ना आसान हो गया और जोड़ना मुश्किल। श्री कृष्ण ने गीता के माध्यम से हम सबको रास्ता दिखाया और मोहब्बत का पाठ पढ़ाया। हर इंसान की एक समय के बाद लालसा समाप्त हो जाती है। तेलंगाना से आए बी.के त्रिनाथ भाई ने अपने वक्तव्य में कहा कि केवल मनुष्य को परमात्मा ने दिव्य बुद्धि दी है। आज मनुष्य को बुद्धि रूपी नेत्र खोलने की आवश्यकता है। भगवान से सदा हमारा संबंध होना चाहिए और निरंतर प्यार से उसे याद रखने का संदेश दिया। गीता जयंती के शुभ अवसर पर केरल से पहुंचे बी.के राधा कृष्ण भाई ने गीता जयंती की बधाई देते हुए कहा कि आत्मा का परमात्मा से संबंध तभी होगा जब हम उसे पहचान जाएंगे और टेक्नोलॉजी को संसार के लिए चुनौती बताया।

महिला कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती निशी गुप्ता जी ने महानुभावों की बातों का समर्थन करते हुए कहा कि परमात्मा उन्हीं का साथ देते हैं जो सदा उन्हें याद रखते हैं। हमें भी श्री कृष्ण की तरह स्व दर्शन चक्र चलाना है। ब्रह्मा कुमारीज की प्रशंसा करते हुए कहा कि अनुशासन और दूरदर्शिता यहां देखने को मिलती है उतनी कहीं नहीं।अंत में सेंटर इंचार्ज राज योगिनी सरोज बहन जी ने आए हुए महानुभावों का हार्दिक धन्यवाद करते हुए कहा कि आज सारी दुनिया में मेरा- मेरा हो रहा है और हम धर्म ग्लानि के चिन्ह भी देख रहे हैं।

अपने आचरण में परिवर्तन तब ला सकते हैं जब हम गॉडफादर को पहचानेंगे और बुद्धि रूपी नेत्र द्वारा अनुभव करेंगे। उन्होंने सभी बहन भाइयों को पुनः आने का निमंत्रण देते हुए कहा कि यहां आकर आप अपना दिव्य जीवन अनुभव कर सकते हैं‌। गीता ज्ञान को प्राप्त कर सुख शांति का अनुभव होगा क्योंकि परम पिता इस समय आकर आदि सनातन देवी देवता धर्म की स्थापना कर रहे हैं। बी.के राधा बहन ने मेडिटेशन की अनुभूति करवा कर रूहानी यात्रा करवाई। कार्यक्रम के समापन पर सेंटर इंचार्ज राजयोगिनी सरोज बहन ने मंच की शोभा महानुभावों को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया और आभार व्यक्त किया

इस अवसर पर नंद गोपाल शास्त्री, हरबंस सिंह औजला, एडवोकेट रणधीर सिंह, रघुवीर सिंह, डॉक्टर आर.डी शर्मा, उषा देवी, राजमाता, विमला देवी, निर्मल सैनी,सुनीता मित्तल, अदिति आदि अनेक बहन भाई उपस्थित थे।

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