– सादगी और स्नेह के अवतार थे ब्रह्मा बाबा – आशा दीदी
– ब्रह्मा बाबा के 55 वें स्मृति दिवस के उपलक्ष में हुआ कार्यक्रम
– ब्रह्माकुमारीज के ओम शांति रिट्रीट सेंटर में हुआ आयोजन
भौरा कलां, गुरुग्राम,हरियाणा:
ब्रह्मा बाबा का जीवन सदा ही सादगी और स्नेह से भरपूर रहा। बाबा निंदक को भी अपना मित्र समझते थे। उक्त विचार ओआरसी की निदेशिका राजयोगिनी आशा दीदी ने व्यक्त किए। ब्रह्माकुमारीज के बहोडा कलां स्थित ओम शान्ति रिट्रीट सेंटर में ब्रह्मा बाबा के 55 वें स्मृति दिवस के उपलक्ष में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने ये बात कही। आदि देव का जीवन दर्शन विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि ब्रह्मा बाबा का जीवन हमारे लिए एक आदर्श उदाहरण है। ब्रह्मा बाबा अपने श्रेष्ठ क्रमों के द्वारा ही नई दैवी सृष्टि के सृजन का संवाहक बने। ब्रह्मा बाबा के हर कर्म में सदा ही विश्व कल्याण का भाव समाहित होता था। उन्होंने कहा कि दादा लेखराज के नाम से प्रसिद्ध हीरों के व्यापारी अपनी उदारता के कारण ही स्वयं शिव परमात्मा का माध्यम बने। परमात्मा शिव ने उनका कर्तव्य वाचक नाम प्रजापिता ब्रह्मा रखा। उन्होंने कहा कि परमात्मा कलयुग के अंत में परकाया प्रवेश कर नई सतयुगी दुनिया का निर्माण करते हैं। उन्होंने कहा कि बाबा मातृ शक्ति का बहुत सम्मान करते थे। इसलिए उन्होंने ब्रह्माकुमारीज संस्था की बागडोर माताओं-बहनों के हाथ में सौंपी।
– बदला नहीं लेना बदल कर दिखाना ही ब्रह्मा बाबा का मूल मंत्र
संस्था के दिल्ली, करोल बाग सेवाकेंद्र की निदेशिका पुष्पा दीदी ने कहा कि ब्रह्मा बाबा सदा कहते थे कि बदला नहीं लेना बदल कर दिखाना। कोई कैसा भी रहा ब्रह्मा बाबा ने सबको स्वीकार किया। निमित, निर्माण और निर्मल भाव सदा ही उनके रोम-रोम में समाया हुआ था। जो भी उनसे मिलता उनके मुख से यही निकला बाबा तो मेरा है।
कार्यक्रम में बाबा के जीवन चरित्रों पर आधारित वीडियो के माध्यम से बहुत सुंदर फिल्म दिखाई गई।
संस्था के सदस्यों ने बाबा को गीत एवं कविता के द्वारा भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए। बीके येशु ने राजयोग का अभ्यास कराया। बीके अशोक ने कार्यक्रम के प्रारम्भ में संस्था का परिचय दिया। डॉ. दुर्गेश ने अंत में अपने शब्दों से सबका आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन बीके ख्याति एवं बीके रजनी ने किया। कार्यक्रम में 400 से भी अधिक लोगों ने शिरकत की।