अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर ब्रह्मा कुमारी संस्था ने ‘पूरे मानवता के लिए योग’ कार्यक्रम कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया

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अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर ब्रह्मा कुमारी संस्था ने ‘पूरे मानवता के लिए योग’ कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया-“प्राचीन भारतीय योग सिर्फ़ एक दो घंटे की नहीं, अपीतु पूरे जीवन ही योगी जीवन है”भागवत गीता योग का शास्त्र है, युद्ध की शास्त्र नहीं। गीता, आत्मा का परमात्मा से मन बुद्धि की मिलन वा योग सिखाती है , कोइ शारीरिक योग वा हठ योग नहीं सिखाती है”- राजयोगी बी के बृजमोहन”सच्चा योग देहिक योग नहीं, बल्कि राजयोग वा अध्यात्मिक योग है जो मानवता को आत्मिक सुख शांति, प्रेम व सदभावना का पाठ पढ़ाती है”-त्रिनिदाद के हाई कमीशनर, रोजर गोपाल”सर्वांगीण स्वास्थ्य देने वाला राजयोग ही सच्चा योग है, जिसकी सार्वजानिक कार्यक्रम हर महीने होना चाहिए, न की साल में एक बार”– गिरीश सोनी, विधायक पंजाबी बाग” इस महीने बिहार विधान सभा में जेसे ब्रह्मा कुमारियों ने विधायकों के लिऐ योग ध्यान का कार्यक्रम किया, ऐसे ही दिल्ली विधान सभा में ब्रह्मा कुमारिओं के द्वारा राजयोग ध्यान का कार्यक्रम रखा जाएगा”-शिव चरण सिंह, मोती नगर क्षेत्र विधायक
नई दिल्ली : इस बार इंटरनेशनल योगा डे पर आज आयुष मंत्रालय और दिल्ली स्थित ब्रह्माकुमारी संगठन के संयुक्त तत्वाधान में योग दिवस को पूरे मानवता के लिए समर्पित करते हुए स्थानीय पंजाबी बाग जन्माष्टमी ग्राउंड में योग व ध्यान का एक भव्य सार्वजानिक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस मौके पर हजारों श्रद्धालुओं ने राजयोग मेडिटेशन कर चारों ओर शांति व सदभावना के वाइब्रेशन फैलऐं। साथ ही, योगा एक्सरसाइज कर मानवता को स्वस्थ तन, मन, वातावरण और सुखी जीवन का संदेश दिया।
भारत के प्राचीन योग विषय पर अपनी मुख्य वक्तव्य देते हुए संस्था के अतिरिक्त महा सचिव राजयोगी बी के ब्रजमोहन आनंद ने कहा की भगवत गीता में भगवान के द्वारा ही विश्व के सबसे प्राचीन योग राजयोग सिखाई गई है। यह राजयोग कोई शारारिक हठ प्रक्रिया आसन प्राणायाम नहीं जिसको बूढ़े, बीमार व विकलांग लोग आसानी से नहीं कर सकते। अपितु परमात्मा के द्वारा शिखाया गया योग अति सहज, सरल और स्वाभाविक है, जिसे कोई भी, कभी भी, कहां भी और किसी भी हालत में अभ्यास कर सकता है। 
क्योंकि यह राजयोग कोई एक घंटा वा दो घंटे की सीमित दैहिक व्यायाम नहीं, अपीतु सकारात्मक, स्वस्थ व खुशहाल जीवन जीने की कला और शैली है। यह योग तो मन बुद्धि से परमात्मा की सप्रेम याद में रहकर सांसारिक कर्तव्य सुचारू रूप से करने की एक अध्यात्मिक ज्ञान, विज्ञान व विधि है, जो कोई भी धर्म, जाति, उम्र वा शारारीक अवस्था वाली व्यक्ति आराम से कर सकता है, उन्होंने कहा।
उन्होंने कहा योग के साथ आहार, विचार और व्यवहार की शुद्धि भी होना चाहिए, और भारतवासियों का आहार आज भी दुनिया में सबसे शुद्ध व सात्विक है। 
उन्होंने आगे कहा की हठ योग से इंसान को शाररिक और मानसिक स्वास्थ प्राप्त होता है, जबकि सहज राजयोग से मानव को सर्वांगीण स्वास्थ, सुख शांति, सदभावना व समृद्धि हासिल होता है। उन्होंने कहा की भगवत गीता वर्णित अध्यात्मिक ज्ञान व राजयोग ध्यान की नियमित अभ्यास द्वारा आज की मानव अपने में दानव से देव बनने की आंतरिक शक्ति, गुण व क्षमता विकसित कर सकता है। इसलिए, गीता असल में योग की शास्त्र है, न की कोई स्थूल युद्ध की शास्त्र है। हां ए सच है की गीता रूपी योग शास्त्र द्वारा इंसान अपने अंदर की बुराई, विकार व दुर्गुणों रूपी शत्रुओं का नाश कर सकता है, उन्होंने कहा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में त्रिनिदाद एंड टोबागो के हाई कमिश्नर रोजर गोपाल ने कहा की सच्चा योग देहिक योग नहीं, बल्कि राजयोग वा अध्यात्मिक योग है। जो मानवता को आत्मिक सुख शांति, प्रेम व सदभावना का पाठ पढ़ाती है। उन्होंने इस योग दिवस को पीस, हारमनी व यूनिटी का दिन कहा। 
सन्मानिय अतिथि के रूप में पंजाबी बाग एमएलए गिरीश सोनी ने कहा कीसर्वांगीण स्वास्थ्य देने वाला राजयोग ही सच्चा योग है। उन्होंने कहा, इस प्रकार योग ध्यान की आयोजन हर साल के बजाए हर महीने होना चाहिए। उन्होंने कहा की सारे विमारियों का कारण मानसिक तनाव व अस्वस्थ जिवन शैली है। राजयोग मेडिटेशन व हेल्दी जीवन पद्धति उसका निदान है। योग ध्यान के लिए समय निकालना बेहद जरूरी है। अगर स्वयं स्वस्थ होंगे तो औरों से भी स्वस्थ व सभ्य व्यवहार कर सकते हैं।
विशेष अतिथि के रूप में मोतीनगर एमएलए शिवचरण गोयल ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि ब्रह्माकुमारी ने योगा डे पर हमारी स्थानीय पंजाबी बाग एरिया में योग का विशाल कार्यक्रम किया, और मेडिटेशन कर पूरे क्षेत्र में पवित्र व पॉजिटिव वाइब्रेशन फैलाऐं। उन्होंने बिहार विधान सभा में ब्रह्मा कुमारियों के द्वारा इस महीने विधायकों के लिऐ की गईं राजयोग मेडिटेशन कार्यक्रम का जिक्र किया और कहा की ब्रह्मा कुमारी संस्था द्वारा दिल्ली विधान सभा के विधायकों के लिए भी ऐसे ही योग ध्यान का कार्यक्रम रखने का पूरी प्रयास करेंगे। 
इस दौरान ब्रह्मा कुमारी संस्था की गुड़गांव स्थित रिट्रीट सेंटर की निर्देशिका राजयोगिनी बी के आशा में सामूहिक राजयोग ध्यान का अभ्यास व अनुभव कराते हुए कहा की अंतरात्मा की ज्योति बिंदु स्वरूप व शांति रूपी स्वधर्म में स्थित होकर सर्व आत्माओं के परम पिता, परम ज्योती विंदू निराकार परमात्मा की याद में रहते हुए सांसारिक कर्म करना ही सहज राजयोग है। जिसे गीता में, योगस्थ कुरू कर्माणि एवं योगः कर्मेशू कौशलम कहा गया है। जिस योग साधना द्वारा व्यक्ति कम समय, संकल्प व शक्ति की विनियोग से, कोई भी कार्य में, अधीक प्राप्ति कर सकता है।
इस अवसर पर, संस्था के महिला प्रभाग के अध्यक्षा राजयोगिनी बी के चक्रधारी, संस्था के सुरक्षा सेवा प्रभाग के उपाध्यक्षा राजयोगिनी बीके शुक्ला आदि ने अपनी विचार रखें। इस कार्यक्रम में कई हज़ार लोगों ने यूट्यूब के माध्यम से भी भाग और लाभ लिया।

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