मैसूर (कर्नाटक): प्रतिदिन अंधेरी रात के बाद सुनहरी सुबह होती है। यह परिवर्तन प्रकृति का अटल नियम है। सकारात्मक परिवर्तन से जीवन में उन्नति और विकास होता है, इसलिए परिवर्तन को सकारात्मक सोच से स्वीकार करने से हम सफल होते हैं और आत्मा में शक्ति आती है। खुद में सकारात्मक परिवर्तन करके ही विश्व परिवर्तन कर सकते हैं यही आज के समय की पुकार है। उक्त विचार प्रजापिता ब्रहमाकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के प्रशासक सेवा प्रभाग की राष्ट्रीय अध्यक्षा ब्रहमाकुमारी आशा दीदी जी, नई दिल्ली ने ज्ञान सरोवर रीट्रीट सेंटर मैसूर में प्रशासकों के लिए आयोजित सेमिनार में व्यक्त किए । उन्होंने कहा कि दूसरों की सेवा के साथ में अपने स्वयं की आत्मा की सेवा भी सकारात्मक चिंतन से करनी चाहिए। राजयोग मेडीटेशन के अभ्यास से शांति, प्रेम, धीरज, हिम्मत जैसे सदगुणों का विकास होता है। प्रशासकों से नियमित मेडिटेशन का अभ्यास करने का आव्हान करते हुए उन्होंने कहा कि मेडिटेशन से हमारी आत्मा का सर्वोच्च सत्ता परमात्मा के साथ संबंध स्थापित होता है तथा हम निष्पक्ष और पारदर्शी निर्णय लेकर अधिकाधिक कल्याणकारी कार्य कर सकते हैं । इसलिए प्रशासकों को प्रतिदिन कुछ मिनट समय निकालकर मेडिटेशन अवश्य करना चाहिए। मेडिटेशन हमारे दृष्टिकोण को व्यापक बनाता है । हम आत्मिक रूप से सशक्त बनते हैं जिससे राह में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए वैकल्पिक मार्ग की खोज कर अपना तथा दूसरों को सफलता प्राप्ति का मार्ग दिखा सकते हैं । उन्होंने कहा कि प्रशासक को शुभ भावना और शुभकामना से संपन्न हो खुशी खुशी से लोगों की समस्याओं का निराकरण करना चाहिए जिससे आपसी संबंधों में, परिवार में तथा समाज में सभी की प्रसन्नता से तनाव और निराशा से मुक्त हो खुशहाल जीवन जीने की प्रेरणा प्राप्त होती है।
सेमिनार के प्रारंभ में प्रशासक सेवा प्रभाग के मुख्यालय संयोजक ब्रहमाकुमार हरीश भाई माउंट आबू ने विंग की गतिविधियों जानकारी देते हुए कहा कि प्रति वर्ष माउन्ट आबू में दो राष्ट्रीय स्तर पर सम्मेलन का आयोजन किया जाता हैं साथ ही देश में विभिन्न राज्यों की राजधानी में तथा अन्य स्थानों पर भी प्रशासकों के लिए सम्मेलन कार्यशाला एवं अभियानो का आयोजन स्थानीय सेवा केन्द्रों के समन्वय से किया जाता है, इसमें बड़ी संख्या में प्रशासक कार्यपालक एवं प्रबंधक लाभांवित होते हैं । उन्होंने कहा कि गांधीजी भी रामराज चाहते थे और उसी रामराज्य की परिकल्पना को साकार देने के लिए सकारात्मक चिंतन की आवश्यकता है जो कि मेडिटेशन से बहुत सहज संभव है। यह कार्य ब्रह्माकुमारी संस्था कर रही है इससे शासकीय एवं निजी क्षेत्र के अनेक संस्थान मैं निमित्त रुप से यह कार्यक्रम किया जाते हैं और वह के प्रबंधक को प्रशिक्षण दिया जाता है।
इस अवसर पर मैसूर प्रशासक सेवा प्रभाग की कोऑर्डिनेटर ब्रह्माकुमारी शारदा दीदी ने सभी का स्वागत किया। ब्रह्माकुमारी अवधेश दीदी, भोपाल, राष्ट्रीय संयोजक, प्रशासक सेवा प्रभाग ने मेडिटेशन का अभ्यास करवाया। Mysore subzone incharge ब्रह्माकुमारी लक्ष्मी दीदी ने आशीर्वचन से सभी को लाभान्वित किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में कुमारी वृंदा ने बहुत ही सुंदर गजानन वंदना का नृत्य प्रस्तुत किया । दीप प्रचलन कर सभी अतिथियों ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मैसूर की डॉक्टर शिल्पा माहेश्वरी ने परमात्मा स्मृति के मधुर गीतो की प्रस्तुति से सभा में सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया। श्रीमती शिल्पी अग्रवाल जी, रेलवे डिविजनल मैनेजर, मैसूर डिवीजन एवं प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट जज श्याम प्रसाद जी ने भी अपने अनुभव युक्त विचार रखें। वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्मा कुमारी वीणा दीदी, सिरसी ने कार्यक्रम का सुंदर संचालन किया। कार्यक्रम के पश्चात पैनल डिस्कशन में अध्यक्षा ब्रह्माकुमारी पूनम दीदी, जयपुर सब जोन इंचार्ज, पेनलिस्ट के रूप में ब्रहमाकुमार सीताराम मीणा, पूर्व आई.ए.एस. उत्तर प्रदेश सरकार, प्रोफेसर ई वी गिरीश, ब्रह्मा कुमारी हुसैन दीदी एवं डाक्टर सविता जी ने प्रश्नों के जवाब में बहुत सुंदर जवाब दिए।
इस कार्यक्रम का करीब 800 भाई बहनों ने लाभ लिया।
मुख पृष्ठ आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर मैसूर : “समय की पुकार – सकारात्मक परिवर्तन” विषय पर प्रशासकों के...