हरिद्वार: स्वर्णिम भारत के निर्माण में आध्यात्मिकता के योगदान पर ब्रह्माकुमारीज में हुई संगोष्ठी

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-महिला प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका बीके शारदा दीदी ने किया संबोधित

हरिद्वार,उत्तराखंड: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के हरिद्वार सेवा केंद्र द्वारा जगजीतपुर स्थित अनुभूति धाम में स्वर्णिम भारत के निर्माण में आध्यात्मिकता के योगदान विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में समाज के विभिन्न वर्गों से जुड़े लोगों ने बड़ी संख्या भाग लिया। 

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई।‌ कुमारी आराध्या ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। ब्रह्माकुमारीज महिला प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका बीके शारदा दीदी ने कहा कि शास्त्र कहता है ‘धारयति इति धर्म:’ अर्थात श्रेष्ठ गुणों को जो धारण करता है, वही सही मायने में धर्म का पालन करता है। स्वर्णिम भारत बनाने में हमारी व्यक्तिगत भूमिका यही होगी कि हम अपने अंदर श्रेष्ठ गुणों को धारण करें।उन्होंने कहा कि व्यक्ति से ही समाज बनता है और समाज से ही देश। व्यक्ति के अंदर की सोच बदलने से ही समाज बदलेगा।

अवधूत मंडल आश्रम के स्वामी रूपेंद्र प्रकाश ने कहा कि पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है, भारत विश्व गुरु था और हमेशा से दुनिया को आध्यात्मिकता का संदेश देने वाला विश्व गुरु ही रहेगा। स्वामी सोमेश्वरानंद महाराज ने कहा कि मनुष्य अपने आध्यात्मिक गुणों को भूल गया है, उन्होंने सदाचरण करने पर बल दिया और सभी से 9 सद्गुणी बिंदुओं पर चलने का आग्रह किया, जिनमें सत्य, ब्रह्मचर्य अस्तेय आदि गुण समाहित है। 

‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ की ब्रांड एंबेसडर मनु शिवपुरी ने कहा कि हम सब अपने आप में एक शक्तिपुंज है और इसी आध्यात्मिक शक्ति को हमें जन-जन तक लेकर जाना है।‌ अध्यात्म ही भारत की रीढ़ है। उन्होंने आगे कहा कि अगर एक भी भ्रूण हत्या होती है तो उसके लिए हम सब जिम्मेदार हैं, हमें अपने आसपास भी ध्यान देना होगा और दैवी गुणों को अपने अंदर धारण करना होगा।राजयोगिनी ब्रह्मकुमारी मीना दीदी ने अतिथियों का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया।

ब्रह्माकुमार सुशील भाई के कुशल संचालन में इस संगोष्ठी में समाजसेवी जगदीश लाल पाहवा,  आराधना गिरी आदि भाई बहन मौजूद रहे।

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