छतरपुर,मध्य प्रदेश। बसंत पंचमी अर्थात बसंत बहार का आगमन, प्रकृति का नया स्वरूप मनुष्य के मन में नई आशाओं का संचार करने लगता है। मां सरस्वती की उत्पत्ति का पर्व जो हमें याद दिलाता है कि हमारा स्वर, हमारे बोल हमारे नहीं बल्कि प्रभु प्रसाद है जो एक देवी के द्वारा प्रभु ने हमें दिए। हमारी विद्या हमारा ज्ञान जो हमें मिल रहा है वह भी विद्या की देवी मां सरस्वती का वरदान है, हमारी कलाएं गुण शक्तियां सब प्रभु प्रसाद है और इन सब प्राप्तियों के लिए हमें प्रतिदिन ईश्वर का धन्यवाद करना चाहिए। जब हम प्रभु प्राप्तियों से संपन्न रहेंगे मन सदा प्रफुल्लित प्रसन्न रहेगा तो हमारे लिए हर ऋतु बसंत बन जाएगी तो आइए हम सब मिलकर ईश्वर से सर्व की खुशहाली की कामना कर सच्ची बसंत पंचमी मनाएं।
उक्त उद्गार ब्रह्माकुमारीज पेप्टेक टाउन में बसंत पंचमी के पावन पर्व पर आयोजित कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी रीमा बहन ने व्यक्त किये।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी बहनों ने ईश्वर को धन्यवाद देने के लिए सभी से पत्र लिखवाया और वह धन्यवाद से भरपूर पत्र परमात्मा को समर्पित कर मेडिटेशन किया इस कार्यक्रम में छोटे बच्चों ने भी भाग लिया।