मुख पृष्ठआजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओरत्रिवेन्द्रम: अभिमान पतन का मूल कारण है- भगवान भाई

त्रिवेन्द्रम: अभिमान पतन का मूल कारण है- भगवान भाई

त्रिवेन्द्रम (केरल):

अभिमान हमारा सबसे बड़ा शत्रु है, जो हर मनुष्य को भटकाता है और आदमी अपने क्षणभंगुर जीवन को भूल कर अभिमान के झूले में झूलने लगता है। वह सच को जानते हुए भी अनभिज्ञ बना रहता है।  अभिमान मानव को कैसे विवेकहीन बना देता है | अभिमान से मुक्त होना ही सच्चा ज्ञान । उक्त उदगार माउंट आबू राजस्थान से प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय से आये हुए ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहे | वे पल्लिचल में स्थानीय ब्रह्माकुमारीज राजयोग सेवाकेंद्र पर कुमार और अधर कुमारो  के लिए दो दिन के लिए राजयोग साधना कार्यक्रम पर बोल रहे थे |

भगवान भाई ने राजयोग की विधि बताते हुए कहा कि स्वंम को आत्मा निश्चय कर चाँद, सूर्य, तारांगण से पार रहनेवाले परमशक्ति परमात्मा को याद करना, मन-बुद्धि द्वारा उसे देखना, उनके गुणों का गुणगान करना ही राजयोग हैं । राजयोग के द्वारा हम परमात्मा के मिलन का अनुभव कर सकता हैं । उन्होनें कहा की राजयोग के अभ्यास द्वारा ही हम काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, ईर्ष्या, घृणा, नफरत आदि मनोविकारों पर जीत प्राप्त कर जीवन को अनेक सद्गुणों  से ओतप्रोत  वा भरपूर कर सकते हैं । राजयोग के द्वारा मन को दिशा निर्देशन मिलती हैं जिससे मन का भटकना समाप्त हो जाता हैं।

राजयोगी भगवान भाई ने अपने अनुभव के आधार से बताया की राजयोग के अभ्यास से विपरीत परिस्थिति में भी सकारात्मक चिंतन के द्वारा मन को एकाग्र किया जा सकता है। उन्होनें कहा कि वर्तमान की तनावपूर्ण परिस्थितियों में मन को एकाग्र और शांत रखने के लिए राजयोग संजीवनी बूटी की तरह काम आता हैं | उन्होनें कहा कि राजयोग के अभ्यास द्वारा सहनशीलता, नम्रता, एकाग्रता, शांति, धैर्यता, अंतर्मुखता ऐसे अनेक सद्गुणों का जीवन में विकास कर सकते है । राजयोग द्वारा ही मन की शांति संभव है। उन्होनें बताया की राजयोग के अभ्यास से अतींद्रिय सुख की प्राप्ति होती हैं । जिन्होनें अतींद्रिय सुख की प्राप्ति कर ली उनको इस संसार के वस्तु, वैभव का सुख फीका लगने लगता हैं ।

स्थानीय ब्रह्माकुमारीज राजयोग सेवाकेंद्र की संचालिका बी के मिन्नी बहन ने कहा कि राजयोग के द्वारा हम अपने इंद्रियों पर सयंम रखकर अपने मनोबल को बढा  सकते हैं । राजयोग द्वारा आंतरिक शक्तियाँ और सद्गुण को उभार कर जीवन में निखार ला सकते हैं

कांकेर ब्रह्माकुमारीज राजयोग सेवाकेंद्र की संचालिका बी के साइनी बहन जी नें राजयोग को अपनी दिनचर्या का अंग बनाने की अपील किया उन्होंने कहा वर्तमान की विपरीत परिस्थितियों में राजयोग हमे तनाव मुक्त रखने में बहुत ही मददगार बनेगा |

कार्यक्रम के अंत बी के भगवान भाई ने राजयोग का अभ्यास कर सभी को शांति का अनुभव कराया |

RELATED ARTICLES

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Most Popular

Recent Comments