वाराणसी: ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा डी.ए.वी. पी.जी. कालेज के छात्र-छात्राओं हेतु दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन, एन.एस.एस. के सदस्य और शिक्षिकाओं ने लिया भाग

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·              वाराणसी के गायघाट स्थित शाखा पर सौ से अधिक युवाओं ने किया प्रतिभाग

·              क्षेत्रीय कार्यालय सारनाथ की ब्र.कु. तापोषी बहन के साथ ब्र.कु. विपिन भाई ने किया सम्बोधितदिए टिप्समेडिटेशन से कराई शांति एवं एकाग्रता की अनुभूति

·              ब्र.कु. मोहीनी दीदीब्र.कु. मोहन भाई व ब्र.कु. गीता बहन ने दी शुभकामना 

युवाओं की अभिव्यक्ति

·              ब्रह्माकुमारीज़ का ज्ञान जीवन में टर्निगं प्वाइंट बनकर आयामिली नवीन चेतना 

·              तीन बार किया सुसाईड का प्रयासचेहरे से गायब थी हंसीमिला जीवनदान

·              दिव्य प्रेरणा का भंडार है यहाँमिला जीवन के प्रति सकारात्मक और सशक्त दृष्टिकोण

·              छात्र-छात्राओं ने कहा – ऐसे संगोष्ठी की युवाओं को नितांत आवश्यकता

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वाराणसी ,उत्तर प्रदेश। डी.ए.वी. पी.जी. कालेज द्वारा वाराणसी के गायघाट स्थित ब्रह्माकुमारीज कार्यालय में दो दिवसीय प्रेरणात्मक कार्यशाला का आयोजन किया गया । वर्तमान समय युवाओं, छात्र-छात्राओं में बढ़ता तनाव, जीवन के प्रति यथार्थ और सकारात्मक दृश्टिकोण की कमी एवं प्राचीन उच्चतम् भारतीय संस्कृति और आध्यात्म के प्रति अरूचि जैसे विषयों को लेकर आयोजित उक्त कार्यशाला में सौ से अधिक युवा छात्र-छात्राओं के साथ शिक्षिकाओं ने प्रतिभाग किया ।

संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए मोटिवेशनल एवं राजयोगा ट्रेनर ब्र.कु. तापोषी बहन ने कहा कि आज का युवा सकारात्मक मार्गदर्शन और समुचित प्रेरणा के अभाव में अपने रास्ते से भटक रहा है। नये विश्व के नव सृजन के लिए जिस युवा शक्ति का उपयोग होना चाहिए, दिशाबोध की कमी के चलते उसका आज दुरूपयोग हो रहा है। ऐसे में आध्यात्मिक ज्ञान के द्वारा प्राप्त होने वाली सकारात्मक और संतुलित जीवनशैली युवा छात्र-छात्राओं के जीवन में आमूल परिवर्तन लाकर उन्हें बेहतर विश्व के नव निर्माण की दिशा में अग्रसर कराती है।

आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग हमें अपनी आंतरिक दिव्य ऊर्जा और ओज़ से परिपूर्ण करती है। आत्मबल, एकाग्रता और मानसिक शांति की प्राप्ति से अपने हम जीवन में आने वाली अनेक समस्याओं और नकारात्मक चुनौतियों का सहज समाधान कर आगे बढ़ सकते हैं।

कार्यक्रम में उपस्थित छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए राजयोगी ब्र.कु. विपिन भाई ने कहा कि मानव जीवन एवं मस्तिष्क ईश्वर निर्मित एक सुपर कम्प्यूटर है । हम अपने विद्यालय में इस सुपर कम्प्यूटर के हार्डवेयर की अनेक ज्ञान हासिल कर लेते हैं लेकिन मन और बुद्धि रूपी साॅफ्टवेयर और उसमें आने वाली वायरस से स्वयं को सुरक्षित कर जीवन को समृद्ध बनाने की कला नही सिख पाते जो कि ब्रह्माकुमारीज़ में सिखाया जाता है ।  उक्त अवसर पर वरिश्ठ राजयोगिनी ब्र.कु. मधु दीदी, ब्र.कु. मोहिनी दीदी, ब्र.कु. मोहन भाई, ब्र.कु. गीता बहन ने भी छात्र-छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी ।

कार्यक्रम में डी.ए.वी. पी.जी. कालेज की अध्यापिका डा. वंदना सिंह आदि ने ब्रह्माकुमारीज़ परिवार का हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जीवनोपयोगी आध्यात्मिकता के अभाव में आज का युवा दिग्भ्रमित हो रहा है। ऐसे में ब्रह्माकुमारीज़ का यह प्रयास युवाओं के साथ समग्र समाज के परिवर्तन में अहम् भूमिका निर्वहन करेगा।

अंत में संगोष्ठी में प्रतिभागी छात्र-छात्राओं ने अपने अनुभव प्रस्तुत करते हुए कहा कि – यह हमारे जीवन के लिए एक टर्निंग प्वाइंट बनकर आया। यहाँ आकर हमें जीवन के प्रति सकारात्मक, संतुलित और समुचित मार्गदर्शन मिला। अपने जीवन में आए हुए मानसिक झंझावत का जिक्र करते हुए एक छात्र ने बताया कि अपने जीवन से निराष होकर मैंने तीन बार आत्महत्या का प्रयास किया, जीवन से खुशी एवं आश खत्म सा हो गया था लेकिन यहाँ दो दिवसीय संगोष्ठी से मुझे नया जीवन मिला । मैं ब्रह्माकुमारीज़ परिवार का हार्दिक आभारी हूँ । छात्राओं ने अपने अनुभव प्रस्तुत करते हुए कहा कि यहाँ दिव्य प्रेरणाओं का भंडार है। इस संगोष्ठी से हमें जीवन के प्रति नई दृष्टिकोण और नवीन चेतना का बोध हुआ है। हमारे मन में अपने जीवन के प्रति बहुत से प्रश्न थे जिनका जवाब इस संगोष्ठी से मिल गया ।

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