कोल्लम: सकारात्मक चिन्तन मानसिक बिमारी से मुक्त करेगा —भगवान भाई                      

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कोल्लम (केरल):

भगवान भाई जी ने कहा कि मन में चलने वाले लगातार नकारात्मक विचार वर्तमान में अनेक समस्याओं का कारण बनते है। मन के नकारात्मक विचारों से ही तनाव उत्पन्न होता है। क्षणिक क्रोध या आवेश मनुष्य को कभी न सुधरने वाली भूल कर बैठता है। क्रोध से मानसिक तनाव बढ़ता है।  क्रोध से मनुष्य का विवेक नष्ट होता है | क्रोध मुर्खता से शुरू होता और  कई वर्षो के बाद के पश्चाताप से समाप्त होता है | क्रोध के कारण मनोबल और आत्मबल कमजोर हो जाता है | क्रोध ही अपराधो के मूल कारण बन जाते है |  इसलिए वर्तमान में तनाव से मुक्ति के लिए सकारात्मक विचारों की आवश्यकता है। उक्त उदगार ब्रह्माकुमारी संस्था के मुख्यालय माउंट आबू राजस्थान से  आये हुए ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने व्यक्त किया ।  वे स्थानीय ब्रह्माकुमारीज राजयोग सेवाकेंद्र पर सकारात्मक विचार विषय पर बोल रहे थे ।

भगवान भाई जी ने कहा कि सकारात्मक रहने से हर समस्या का समाधान निकलता है। बुराई में भी अच्छाई देखने का प्रयास करने से मन पर काबू पाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि मन में चलने वाले विचारों से ही स्मृति, वृत्ति, भावना, दृष्टिकोण और व्यवहार बनता है। अगर मन के विचार नकारात्मक होंगे तो स्मृति, दृष्टि, वृत्ति, भावना, व्यवहार भी नकारात्मक बनता है। ऐसा होने से मन में तनाव पैदा होता है। मन के विचार ही वास्तव में बीज है।

 भगवान भाई ने सकारात्मक विचारों को तनाव मुक्ति की संजीवनी बूटी बताया। | विकारों वश होने से तनाव की उत्पति होती है विकारों से स्वयं की रक्षा करना है | सकारात्मक विचारों का स्त्रोत आध्यात्मिकता है। उन्होंने बताया वर्तमान समय स्वयं को सकारात्मक बनाने की आवश्यकता है। सकारात्मक सोचने वाला हर परिस्थिति को स्वीकार कर विजयी बन सकता है। उन्होंने बताया कि तनाव से नशा व्यसन आदि बुरी आदते लगती है जिससे हमसे भूले होने कि संभावनाए है |

•        रघुनाथन जी ने अपना उद्बोधन दते हुए कहा  की यदि हमारे विचार  सकारात्म है तो उसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा । जीवन को सफल बनाने के लिए हमें सबसे पहले विचारों को सकारात्मक बनाना चाहिए।

•        रघूकुमार जी ने सकारात्मक चिंतन से सहनशीलता आती जिससे कई समस्याओं का समाधान हो जाता है। है। मन के विचारों का प्रभाव वातावरण , स्वयं के और दूसरों जीवन पर पड़ता  हे|

•        बी के रजनी बहन जी ने कहा राजयोग के नित्य अभ्यास से ही हमारा मनोबल और आत्मबल बढ़ता है।  उन्होंने ने बताया  हम कोन ,परमात्मा कोन राजयोग का महत्व भी बताया |उन्होंने ने कहा कि  वर्तमान की परिवेश में हर एक को किसी न किसी बात का तनाव जरूर होता है।उन्होंने  कहा की ध्यान साधना और अच्छे कर्म हमें तनाव मुक्ति दिलाता है |

•        बी के ज्योतिबिंदु बहन जी ने राजयोग कि जानकारी विस्तार से दिया और कामेंट्री द्वारा अनुभव कराया  |

•        कार्यक्रम में बीके राजेश्वरी माता जी ने धन्यवाद ज्ञापित किया |

•        कार्यक्रम कि शुरुवातमें अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन किया 

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