अंबिकापुर: हास्य जादूगर सम्राट हैरी आश्चर्य जनक करने वाले जादू

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 प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की मुख्य प्रशासिका दादी हृदयमोहिनी जी का 3 पुण्यस्मृति दिवस दिव्यता दिवस के रूप में मौन साधना में रहकर नव विश्व भवन चोपड़ापारा में मनाया गया

अंबिकापुर,छत्तीसगढ़:- प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा बनारस चौक अम्बिका पेट्रोल पम्प के बगल में सर्कस मैदान अम्बिकापुर में इंडिया, एशिया वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर जादूगर सम्राट हैरी का जादू शो आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथिों के द्वारा द्वीप प्रज्जवलित कर किया गया।
हास्य जादूगर सम्राट हैरी आश्चर्य जनक करने वाले जादू को दिखाकर लोगों का खूब मनोरंजन किया। सबसे बड़ा आश्चर्य तो ये था कि एक ब्लेड खाकर, मुँह से लम्बी कतार में अनेकों ब्लेड निकाले और साथ ही साथ खाली बाँक्स से उन्होंने दिल्ली का मीना बाजार और साक्षात् माँ दुर्गा सहित नौ देवियों का भी दर्शन कराया। आगे उन्होंने राजयोग मेडिटेशन के अभ्यास का अद्भुत चमत्कार को प्रदर्शित करते हुये अपने दाँतों से 32 सीटर बस को खींचा।
जादू शो का प्रदर्शन देखने के लिये जन सैलाब उमड़ पडा था।
जादू जैसी विघा वर्तमान समय विलुप्त होती रही है, इस विधा को पुनः जागृत करने एवं बच्चों के अन्दर छिपा विलक्षण प्रतिभाओं को उभारने के उद्देश्य से सरस्वती शिशु मन्दिर स्कूल देवीगंज एवं सुभाषनगर स्कूल में विद्यार्थियों के लिये भी जादू शो का कार्यक्रम आयोजित किया गया। विद्यार्थी और शिक्षकगण काफी बड़ी संख्या में उपस्थित होकर जादू शो देखें और बच्चों ने इस जादू शो से बहुत अच्छी प्रेरणा भी लिया कि अनजान व्यक्ति यदि बुलाये या वो कुछ दे तो नहीं लेना चाहिये एवं मोबाइल में अपने अनमोल, कीमती समय को न लगाकर बल्कि उस समय को कुछ अच्छी चीजों को सीखने में अपने अन्दर के प्रतिभाओं को लगाये।
सरगुजा संभाग की सेवाकेन्द्र संचालिका ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी ने कहा कि राजयोग मेडिटेशन के प्रतिदिन अभ्यास से विल पॉवर बहुत स्ट्रांग होता है जिससे हम असम्भव कार्य को भी सम्भव बना सकते है और तो और असाध्य बीमारियों पर भी विजय प्राप्त कर सकते है। तत्पश्चात् उन्होंने कॉमेन्ट्री के माध्यम से सभी को राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास कराया। उसके बाद नौ देवियों का आरती कर सभा को भक्तिभावना से परिपूर्ण कर दिया।   प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की मुख्य प्रशासिका दादी हृदयमोहिनी जी का 3 पुण्यस्मृति दिवस दिव्यता दिवस के रूप में मौन साधना में रहकर नव विश्व भवन चोपड़ापारा अम्बिकापुर में मनाया गया।
सरगुजा संभाग की सेवाकेन्द्र संचालिका ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी गुलजार दादी के साथ का अनुभव सांझा करते हुये कहा कि दादी जी महज नौ वर्ष की आयु से संस्थान से जुड़ी हुई थी। दादी जी मौन और एकांत की जैसे साक्षात् प्रतिमूत्रि थीं। बाल्यकाल से ही धीर- गंभीर स्वभाव, मनन चिंतन उनके जीवन का अभिन्न अंग था। आगे उन्होंने कहा कि दादी जी जग से न्यारी लेकिन सारे जगत की प्यारी, सत्यता और सभ्यता की प्रतिमूर्ति, सरलता और सहनशीलता की खान, स्नेह और शक्ति से सम्पन्न थी।
विद्या दीदी ऐसी महान दादी जी के छायाचित्र पर मार्ल्यापण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया और सभी भाई- बहनों ने भी मौन में रहकर दादी जी को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दिये और दादी जी के शिक्षाओं को जीवन में आत्मसात करने की प्रतिज्ञा भी किया।

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