जबलपुर,मध्य प्रदेश। आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु हैं…….. परमात्मा यह मानव तन सिर्फ स्वार्थ भरा जीवन जीने के लिए नहीं प्रदान किया। यह जीवन स्वयं कों समझने और जानने के किये मिला हैं। जब हम स्वयं कों समझ पाते हैं तभी परमात्मा कों भी समझ पाते हैं। स्वयं कों जो जानता हैं वही परमात्मा के बताये हुए मार्ग पर चलकर जीवन का उद्देश्य पूर्ण कर पाता हैं । परमात्मा द्वारा बताये गए राजयोग के जरिये हमारा मन धीरे धीरे शाश्वत सुख ओर आंनद प्राप्त करता हैं । जिससे हम परमात्मा की अनुभूति कर सकते हैं। यह बात प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय शिव स्मृति भवन की ब्रह्माकुमारी मीना बहन ने झूलेलाल मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में कही।
साधना बहन ने बताया की वर्तमान जीवन में अनिश्चित्ता और तनाव एक साधारण सी बात हो गयी हैं। ऐसे में आवश्यकता हैं की हम उस परम शक्ति के साथ निरंतर जुड़े रहने का प्रयास रखे और अपने जीवन में संतुलन कों बना कर रखे। उन्होंने राजयोग का महत्व बताते हुए कहा की राजयोग एक ऐसी विधा हैं जो हमें एक दिव्य अलौकिक ऊर्जा प्रदान करता हैं। दीदी ने सभी कों राजयोग का अभ्यास कराया सभी ने ईश्वरीय याद में नृत्य किया और ईश्वरीय प्रसाद ग्रहण किया।