कादमा(हरियाणा): पर्यावरण वअध्यात्म का गहरा संबंध है सवेरे जागते ही धरती मां को नमन करने की संस्कृति भारतीय है संपूर्ण मानव का अस्तित्व केवल प्रकृति पर निर्भर है यह उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की कादमा शाखा में पृथ्वी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सेवाकेंद्र प्रभारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने व्यक्त किए । पृथ्वी दिवस पर सेवाकेंद्र में वृक्षारोपण के साथ कविता, पेंटिंग व भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें पेंटिंग में कुमारी नव्या ने प्रथम शिवम व रश्मि ने द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया । निधि, विधि, केशव जतिन ने कविता में तथा आरती,जया, प्रोमिला आदि ने भाषण प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय तृतीय स्थान प्राप्त किया। ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि धरती को माता इसलिए कहा गया है की धरती मां के समन बिना किसी स्वार्थ के हमारा पालन पोषण करती है। उन्होंने बच्चों को अपने जन्मदिन पर तथा विशेष स्मृति दिवसों पर वृक्षारोपण कर धरती मां की सेवा करने के लिए कहा कि पृथ्वी एक ऐसा अनोखा ग्रह है जिस पर जीवन जीने के लिए जल,वायु ऑक्सीजन के साथ सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने धरती मां को अनैतिक कर्म से होने वाले नुकसानों से बचाने के लिए कहा। ब्रह्माकुमारी नीलम बहन ने कहा कि पृथ्वी हमारी माता है मनुष्य के अनैतिकता व अपने स्वार्थ पूर्ति के कारण आज सभी जीवो के जीवो को संकट में डाल दिया जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा की जल व वायु प्रदूषण के साथ बढ़ते ग्लोबल वार्मिंग से धरती मां की रक्षा करना हम सभी का परम कर्तव्य है। इस अवसर पर झोझूकलां सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन ने पृथ्वी दिवस के इस वर्ष के थीम प्लानेट वर्सिज प्लास्टिक विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि आज की दुनिया को प्लास्टिक को दुनिया को प्लास्टिक की दुनिया का सकते हैं एक तरफ प्लास्टिक ने जीवन को सुगम बनाया लेकिन दूसरी तरफ पर्यावरण के लिए खतरनाक और जानलेवा भी है। इसके अंधाधुंध प्रयोग से पर्यावरण खतरे में है। ब्रह्माकुमारी बहन ने कहा कि धरती पर मानवता के अस्तित्व को बचानेके लिए प्लास्टिक प्रदूषण निवारण के लिए कठोर कदम उठाना बहुत जरूरी है।