होशियारपुर (पंजाब):
समाज में बढ़ती हिंसा तथा अपराध एक चिंतनीय विषय है । नैतिक शिक्षा के द्वारा अपराध मुक्त समाज का निर्माण किया जा सकता है। नैतिक शिक्षा की कमी ही वर्तमान समय अपराधों के मूल कारण है | इसलिए अपराध मुक्त समाज के लिए नैतिक शिक्षा की आवश्यक है। कुसंग , सिनेमा , मोबाईल , टीवी और फैसन से युवाओं में अनैतिकता आती है |उक्त उदगार माउंट आबू राजस्थान से पधारे हुए प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहीं । वे बाल सुधारगृह में अपराधमुक्त समाज हेतु नैतिक शिक्षा की आवश्यकता विषय पर बोल रहे थे |
भगवान भाई ने कहा कि कुसंग, व्यसन, सिनेमा , मोबाईल और फैशन से आज की युवा पीढ़ी भटक रही है। इन्हीं कारणों से वर्तमान समय अपराध बढ़ते जा रहे हैं। काम, क्रोध, लोभ , मोह ,अंहकार , इर्ष्या, नफरत आदि मनोविकारो के वश होने से अपराध होते है |उन्होंने कहा कि नैतिक शिक्षा द्वारा इन विकारो पर सयम कर अपराध मुक्त बन सकते है | नैतिक शिक्षा और आध्यात्मिकता से ही युवा पीढ़ी को सही दिशा मिल सकती है। नैतिक शिक्षा से ही मानवीय मन में रचनात्मक और सकारात्मक चेतना का विकास होता है।
उन्होंने कहा कि हम विकसित देशो के लाइन में जाने की कल्पना कर रहे है | देश को विकसित बनाने में लगे हुए है लेकिन समाज में हो रहे युवा के द्वारा अपराध जिसे भावी समाज, देश व विश्व की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। उन्होंने कहा वर्तमान का युवा भावी समाज है |अगर भावी समाज को अपराध मुक्त बनाना चाहते है तो वर्तमान के युवाओं को नैतिक शिक्षा द्वारा अपराधमुक्त , संस्कारित और सशक्त बनाने की आवश्यकता है |
भगवान भाई ने कहा कि नैतिक शिक्षा से समाज में फैली हुई घृणा, नफरत, बैर विरोध और अहंकार को नष्ट किया जा सकता है। शिक्षा का मूल उद्देश्य बताते हुए उन्होंने कहा कि चरित्रवान बनना, विकार, व्यसन, नशा और बुराइयों से स्वयं को मुक्त करना ही शिक्षा का मूल उद्देश्य होना जरुरी है। जो ज्ञान, अज्ञान रूपी अंधकार से ज्योति या प्रकाश की ओर असत्य से सत्य की ओर ले जाए वहीं सच्चा ज्ञान है । जब तक हमारे व्यवहारिक जीवन में परोपकार, त्याग, उदारता, नम्रता, सहनशीलता, आदि सदगुण नहीं आते तब तक हमारी शिक्षा अधूरी है।
अधिक्षक नरेश कुमार जी ब्रह्माकुमारीज ऐसे कार्यक्रम की सहराना किया और कहा ऐसे कार्यकर्म युवा को सशक्त बनाकर अपराध मुक्त समाज बन सकता है |
स्थानीय ब्रह्माकुमारी राजयोग सेवाकेंद्र जगतपुरा की राजयोग शिक्षिका बी के लक्ष्मी बहन जी ने बी के भगवन भाई जी का परिचय देते हुए कहा कि बी के भगवान् भाई जी ने अब तक 5000 से अधिक स्कुलो कालेजो में और 800 जेलों (कारागृह ) में नैतिक शिक्षा का पाठ पढाया है जिस कारण उनका नाम इण्डिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज हुआ है | उन्होंने ब्रह्माकुमारी सस्था का विस्तार से परिचय दिया |
कार्यक्रम में रिटायर SDO सुरेन्द्रकुमार जी ने कहा की आध्यात्मिकता को मूल्यों का स्रोत बताते हुए कहा कि शांति, एकाग्रता, ईमानदारी, धैर्यता, सहनशीलता आदि सद्गुणमानव जाती का श्रृंगार है।
यह कार्यक्रम स्थानीय ब्रह्माकुमारी राजयोग सेवाकेंद्र जगतपुरा की सचालिका बी के उषा बहन जी के शुभ कामना से सम्पन्न हुआ |
कार्यक्रम में रमेशचंद्र शर्मा , सिचाई विभाग रिटायर सुपरिटेड , कौंसलर पुतिन कुमार, कौंसलर सुधीरकुमार , बिन्द्र्दिंह हॉउस फादर भी उपस्थित थे |
कार्यक्रम के अंत में बी के भगवान भाई जी ने मन को एकाग्र करने हेतु राजयोग मेडिटेशन कराया |