बलदेव (दाऊजी)-यू.पी.: आज दुनियां में हो रही तमाम गतिविधियों से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न हो रही है जिस से बचाव के लिये मिडिया को आध्यात्मिक चेतना को जागृत करना होगा,इससे जहां एक और नकारात्मक ऊर्जा के जरिए हम स्वर्णिम भारत के निर्माण में योगदान कर सकेंगे।
यह विचार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय बलदेव के अंतर्गत आयोजित मीडिया गोष्ठी आध्यात्मिक सशक्तिकरण में मीडिया की भूमिका विषय पर आगरा से आए मीडिया विंग ब्रह्माकुमारीज के जोनल कोर्डिनेटर बी.के.अमर गौतम जी ने चर्चा के दौरान प्रकट किए गए
उन्होंने कहा कि आध्यात्म और देश दोनों को सशक्त बनाने के लिये देवर्षि नारद की तरह मीडिया की भूमिका होगी।
कार्यक्रम में मंचासीन अतिथियों व सभा में उपस्थित सभी पत्रकार बंधुओं का स्वागत व सम्मान बी.के. रेनू बहन , बी. के.रश्मि बहन ने किया।
मुख्य अतिथि नेशनल यूनियन जर्निलिस्ट एडवोकेट डॉ.कमलकांत ने कहा कि मीडिया समाज का आधार है। आज चारों ओर जहां नकारात्मकता का माहौल है ऐसे में मीडिया को समस्या के साथ समाधान पर भी बात करनी होगी, तभी समृद्ध भारत का निर्माण हो सकेगा।जब मानव का स्वभाव देव तुल्य हो जायेगा तो इस धरा पर स्वर्णिम भारत आ जायेगा। मीडिया की दशा_ दिशा पर चिंतन जरूरी। मैं खुद मुख्यालय माउंट आबू होकर आया हूं मुझे यहां की गतिविधियों व यहां की सेवाओं से बहुत प्रभावित हूं ।सभी को एक बार माउंट आबू जरूर जाना चाहिए।
इस अवसर पर हाथरस जिला प्रभारी राजयोगिनी बी के सीता दीदी ने कहा कि हम कि सब पत्रकारों को ध्यान देने की जरूरत है कि हम कितना अपने धर्म और कर्म का अनुसरण कर रहे हैं या अपनी दिशा से भटक गए हैं। नागरिकों को भी देखना होगा कि हम किस दिशा की पत्रकारिता को बढ़ावा दे रहे है।मीडिया में अंतरावलोकन होना बहुत जरूरी है क्योंकि कई बार कई समाचार जो भ्रमित करते हैं उनकी फैक्ट चेकिंग होना जरूरी है,क्योंकि मीडिया बहुत शक्तिशाली है और उसके नुकसान की संभावना भी बहुत है। अतः न्यूज और व्यूज के अंतर को स्पष्ट रूप से समझना होगा और निश्चित रूप से इसके लिए आत्म निरीक्षण जरूरी है। ये आत्म निरीक्षण की शक्ति हमें राजयोग मेडिटेशन से प्राप्त होता है।
बलदेव चेयरमैन डॉ मुरारी लाल ने कहा कि हम सभी भी एक एक मिडिया है।मीडिया में देने की शक्ति से ही संचार होगा। मात पिता समाज , परिवार ने जो हमें दिया है वो हमें वापस देना देना है,दिवाली का दिया प्रतीक है सर्व ज्योतियों के परम ज्योति परमात्मा से लेना और समाज व संसार को देते रहना इसे ही मेडिटेशन कहते हैं। सादाबाद से पधारी राजयोगिनी बी के भावना बहन ने अपने उद्बोधन में कहा आध्यात्म और मीडिया ऐसे शब्द है जिसका अर्थ समझना और कहना दोनों मुश्किल मगर नामुमकिन नहीं है।मुमकिन इस लिए कि हम आज आपके सामने और आप हमारे सामने ।दरअसल ,हम दोनों आपस में जुड़े हुए हैं।वर्तमान में इनका संबंध और ही गहरा हो गया है।अध्यात्म और मीडिया में एक बात कॉमन है।इंसान की जिंदगी पर सीधा असर होता है।क्योंकि दोनों की वजह से इंसान जिंदगी में क्रांति मुमकिन है।
कार्यक्रम में स्थानीय प्रभारी बी के सीमा बहन ने सभी को कार्यक्रम में आने की शुभकामनाएं व बधाई दी। इस अवसर पर मीडिया जगत से आए सुरेंद्र चौधरी,राजेश पाठक,मुनेश कुमार,राकेश पचौरी,अतुल जिंदल,डब्बू ,नारायण सिंह,सुनील शर्मा,डिंपल गोयल, अनुज उपमन्यु ,कोमल पराशर,पवन गोयल,बिपिन , सुखवीर , अमित भारद्वाज आदि मौजूद रहे।