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बड़ौत: खुशनुमा जीवन जीने की कला कार्यक्रम में दीप प्रज्वलन करते हुए

बड़ौत,उत्तर प्रदेश: “खुशनुमा जीवन जीने की कला”  कार्यक्रम में दीप प्रज्वलन करते हुए अंतरराष्ट्रीय मार्गदर्शक बीके शिवानी दीदी , बड़ोत ब्रह्माकुमारी सेंटर इंचार्ज बीके मोहिनी बहन, डॉक्टर मनीष तोमर जी और दिगंबर जैन डिग्री कॉलेज के सेक्रेटरी डॉक्टर धरेंद्र कुमार जैन जी|

नगर बड़ौत तीर्थंकर ऋषभदेव सभागार  में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के द्वारा आयोजित  “खुशनुमा जीवन जीने की कला”  कार्यक्रम में विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु और महामहिम राष्ट्रपति भारत सरकार द्वारा नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी ने जीवन को खुशनुमा बनाने की कला सिखाई|  शिवानी दीदी के  ऋषभदेव सभागार पहुंचने पर उनका भविष्य स्वागत किया गया| जिसमें ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी ने कहा कि हमारे जीवन शैली सकारात्मक होनी चाहिए|उसमें तनिक भी नकारात्मकता नहीं होनी चाहिए| और कहा कि हमको ना तो किसी में कोई बुराई ढूंढनी है और ना ही किसी की कोई बुराई करनी है|  उन्होंने कहा कि नकारात्मक सोच से मानसिक और शारीरिक ऊर्जा में कमी आती है और कहा कि हर पल अच्छे विचारों को ग्रहण करें, रात को सोने से पहले सभी नकारात्मक विचारों का त्याग करके सोए और सुबह उठने के बाद परम पिता परमेश्वर का ध्यान करें और जीवन को सकारात्मक बनाने का संकल्प ले|

उन्होंने कहा हम अधिकतर दूसरों के व्यवहार के कारण खुद को दुखी करते हैं, अपने मन का नियंत्रण अपने पास रखें| व्यक्ति को खुद के अतिरिक्त कोई दुखी नहीं कर सकता| अपने मन की स्थितियों के लिए व्यक्ति खुद जिम्मेवार है| नकारात्मक शक्तियों को सकारात्मक शक्तियों से दूर भगाओ|  मन जैसा सोचता है वैसी अनुभूति होने लगता है| अच्छा महसूस करना है तो अच्छा सोचना होगा, जीवन की बैटरी यानी आत्मा की शक्ति को रोजाना चार्ज करने की आवश्यकता है| हमें यह देखना होगा कि दिनभर में हम ऐसे कौन से कार्य या व्यवहार करते हैं जिनसे मन की बैटरी डिस्चार्ज हो जाती है अक्सर बात बात में गुस्सा करना, काम को ठीक प्रकार से नहीं करना और किसी बात विशेष को पकड़ कर बैठ जाने से मन की बैटरी डाउन होती है |उन्होंने कहा कि घर के वातावरण को खुशनुमा बनाएं दिन की शुरुआत सकारात्मक ऊर्जा के साथ करें योग ध्यान और रात्रि को सोने से पहले दिन का अंत भी आध्यात्मिक तरीके से ही करें |उन्होंने यह भी बताया कि साधनों का मालिक बनना  है ना की गुलाम | हमारा व्यवहार ,संयम और नियम मर्यादा पूर्वक होनी चाहिए|

रोजाना यह संकल्प दोहराएं कि -1.मैं शक्तिशाली आत्मा हूं| 2.मैं शांत हूं व स्थिर हूं|3.मैं परिवार का शक्ति स्तंभ हूं |4.मैं निडर हूं |5.मेरा शरीर निरोगी है|6. मेरे पास परमात्मा की शक्ति का सुरक्षा कवच है|

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यावरण राज्यमंत्री के पी मलिक जी ,एसडीएम  बड़ौत अमरचंद वर्मा जी ,डॉक्टर मनीष तोमर जी, दिगंबर जैन कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉक्टर वीरेंद्र सिंह जी, नगर पालिका  बड़ौत परिषद की अध्यक्षा बबीता तोमर तीर्थंकर ऋषभदेव सभागार समिति बड़ौत के अध्यक्ष धन कुमार जैन जी और महामंत्री डॉक्टर धनेंद्र कुमार जैन जी आदि लोग उपस्थित थे|

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