भिलाई ,छत्तीसगढ़: स्वयं एवं सर्व के प्रति शुभ भावना, शुभकामना रखना स्वच्छ मन की निशानी है, यदि मन में व्यर्थ व निगेटिव संकल्प आते हैं तो हमारा मन स्वच्छ नहीं है। बुद्धि की लाइन सदा क्लीन और क्लियर रहे दिल की सच्चाई व सफाई है तो परमात्मा साहब राजी है इसीलिए कहावत है सच्चे दिल पर सब राजी।
यह बातें सेक्टर 7 स्थित पीस ऑडिटोरियम में गुजरात से आए डॉक्टर अनिल भाई जो की संस्था के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू में हार्ट पेशेंट के लिए चल रहे CAD ग्रुप के एक्टिव सदस्य तथा गुजरात के मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट डीन ने कहीं।
सुबह जल्दी उठने के चमत्कार…
आपने सुबह जल्दी उठने के चमत्कार को मेडिकल साइंस के वैज्ञानिक विधि द्वारा बताया कि सुबह 4 बजे जिसे हम अमृतवेले ब्रह्ममुहूर्त कहते हैं हमारे शरीर एवं ब्रेन से 17 हार्मोन निकलते हैं पिट्यूटरी ग्रंथि (Pituitary Gland)इसे शरीर की “मास्टर ग्रंथि भी कहते है, हाइपोथैलेमस (Hypothalamus) एक महत्वपूर्ण अंतःस्रावी ग्रंथि है, जो मस्तिष्क के आधार पर स्थित होती है इन दोनों से शरीर के सभी अंगो में (हार्मनी) सामंजस्य बनकर शरीर स्वच्छ होता है, जिससे हार्मोन का स्तर बैलेंस रह जो हार्मोन जीतना जरूरी होता है वह उतना ही शरीर में बनता है इसीलिए इस समय को अमृत वेले कहते हैं अर्थात शरीर से अमृत रूपी हार्मोन (रिलीज )निकलते हैं जिससे हमारा शरीर स्वस्थ रहता है जीवन में हेल्थ और वेल्थ दोनों की प्राप्ति होती है।
मॉर्निंग वॉक इस क्वीन ऑफ ऑल एक्सरसाइज…
अपने मॉर्निंग वॉक के बारे में बताते हुए कहा कि मॉर्निंग वॉक को मॉर्निंग वॉक इस क्वीन ऑफ ऑल एक्सरसाइज भी कहते हैं।
क्योंकि सुबह की सैर से फ्रेश ऑक्सीजन अंदर जाती है,जिससे ब्रेन सहित शरीर के सभी अंगो को फ्रेश ऑक्सीजन मिलती है।
मॉर्निंग वॉक को उजाले में ही करे,अंधेरे में नहीं क्योंकि अंधेरे में पेड़ पौधे भी ऑक्सीजन लेते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते हैं।
तले हुए भोजन के दुष्परिणाम…
हमारे गलत खानपान मीठा और तला हुआ भोजन के दुष्परिणाम बताते हुए आपने कहा कि इससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल जमा होकर हार्ट, पेट, पैरों में,घुटनों की नसों में फैटी लीवर के रूप में चिपक जाता है जिससे ब्लड सप्लाई कम होकर हमारी आर्टरी ब्लॉक हो जाती है।
मैं आत्मा पॉइंट ऑफ लाइट एनर्जी चैतन्य ऊर्जा हूं …
अपने सर्व शास्त्र शिरोमणी श्री भगवत गीता में वर्णित नष्टों मोहा स्मृति लब्धः के बारे में बताते हुए कहा कि आत्मा के सबसे नजदीक का साधन शरीर है, इसीलिए हमें सबसे अधिक परेशानी शरीर से विभिन्न बीमारियों के रूप में होती है।
ब्रह्माकुमारीज में राजयोग द्वारा इसका अभ्यास कराया जाता है कि मैं आत्मा पॉइंट ऑफ लाइट एनर्जी चैतन्य ऊर्जा हूं इस स्मृति से हमें शरीर को चलाना है। राजयोग मेडिटेशन द्वारा मन और कर्मेंद्रियों को कंट्रोल करना है।
इस कार्यक्रम में माउंट आबू से ब्रह्माकुमार पुरुषोत्तम भाई तथा नरेश भाई भी उपस्थित रहे जिनका भिलाई सेवाकेंद्रों की निदेशिका ब्रह्माकुमारी आशा दीदी ने स्वागत किया ।