सेवा और साधनामय होता है चिकित्सकों का जीवन

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चिकित्सक की मुस्कान से ही दूर हो जाते हैं कष्ट – ब्रह्मा कुमारी मंजू दीदी
*बच्चों को चिकित्सा के साथ-साथ स्प्रिचुअल काउंसलिंग बहुत जरूरी – डॉ सुशील कुमार, शिशु रोग विशेषज्ञ
*राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस पर ब्रह्माकुमारी बहनों ने चिकित्सकों को श्रीफल व ईश्वरीय सौगात देकर किया सम्मान…

बिलासपुर राजकिशोर नगर,छत्तीसगढ़ : राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर ब्रह्मा कुमारी बहनों ने चिकित्सकों के पास जाकर पुष्प, श्रीफल व ईश्वरीय सौगात देकर सम्मानित किया। इस पर सभी चिकित्सकों ने ख़ुशी जाहिर की। राजकिशोर नगर सेवा केंद्र में कोट पटना सूरजपुर से पधारे नाड़ी वैद्य सुनील गुप्ता जी का भी सम्मान किया गया। अपोलो हॉस्पिटल के शिशु रोग विशेषज्ञ व वरिष्ठ सलाहकार डॉ सुशील कुमार जी* ने कहा कि आज के समय में बच्चों को मेडिटेशन व स्पिरिचुअल काउंसलिंग की बहुत आवश्यकता है। इस आवश्यकता की पूर्ति के लिए ब्रह्मा कुमारी संस्था के सहयोग की अपेक्षा जताई जिसे बहनों ने सहर्ष स्वीकार किया। ब्रह्मा कुमारी मंजू दीदी जी ने चिकित्सकों का जीवन सेवा और साधना का बताते हुए कहा कि डॉक्टर को ऑपरेशन के दौरान कई घंटे कार्य करना पड़ता है और यदि रोगी की स्थिति गंभीर हो तो रात में भी बार-बार जांच करनी पड़ती है। इस प्रकार डॉक्टर मनुष्य को जीवन दान देकर उस पर उपकार करता है। जिस प्रकार सैनिक देश की रक्षा करते हैं उसी प्रकार डॉक्टर हमारे स्वास्थ्य की रक्षा करते हैं। इसलिए डॉक्टर को भगवान के बाद का दर्जा मिला हुआ है। मृदुल स्वभाव और मुस्कान भरा व्यवहार एक अच्छे डॉक्टर की पहचान है जो रोगी को दिलासा व विश्वास दे कर उसके कष्ट हर लेता है। डॉक्टर का दृष्टिकोण केवल पैसा कमाना नहीं होना चाहिए। आज भी अनेक डॉक्टर ऐसे हैं जो धर्मार्थ रोगियों की सेवा करते हैं और बहुत कम वेतन लेते हैं ऐसे डॉक्टर मानवता के सेवक और प्रशंसा के पात्र हैं।

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