प्रशासनिक सेवा प्रभाग अभियान नागौर ब्रह्माकुमारीज़ सेवाकेंद्र में पहुंचने पर भव्य समारोह का आयोजन

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नागौर,राजस्थान । दैनिक दिनचर्या में सकारात्मक सोच को प्राथमिकता देने की जरूरत है। इससे प्रशासनिक अधिकारियों की कार्य क्षमता में इजाफा होने के साथ बेहतरीन परिणाम मिलेंगे। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत निकाले जा रहे प्रशासक सेवा प्रभाग का अभियान नागौर के प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के सभागार में  आयोजित कार्यशाला के दौरान  बी.के .डॉ. रीना दीदी जी ने यह बात कही।
इस दौरान बी.के. डॉ. रीना दीदी ने कहा कि प्रशासनिक सेवा में रहते हुए कई मर्तबा दबाव महसूस होता है। वहीं कई मर्तबा निर्णय को लेकर असमंजस की स्थिति होती है। ऐसे में सकारात्मक सोच के माध्यम से स्वयं निर्णय लेने की क्षमता विकसित होती है। उन्होंने अपने सेवाकाल के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि आतंरिक कमजोरियों के कारण कार्य एवं निर्णय प्रभावित होते हैं। सकारात्मक सोच तन और मन दोनो को स्वस्थ्य रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह सोच न केवल जीवन को संतुलित रखने में मदद करती है, बल्कि रोजमर्रा के अनुभव को सुखद बना देती है। उन्होंने कहा कि इससे जीवन में किसी भी बदलाव के साथ खुद को भी बदलने में मदद मिलती है। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों से जीवन में आध्यात्म से जुड़ने की जरूरत जताई। 
माउंट आबू से पधारे प्रशासक सेवा प्रभाग के मुख्यालय संयोजक ब्रह्माकुमार राजयोगी भ्राता हरीश जी ने ने कहा कि बेहतरीन परिणाम के लिए जीवन में सकारात्मक सोच जरूरी है। प्रशासनिक सेवा के दौरान अधिकारियों का आमजन से सीधा संपर्क रहता है। आपने कहा कि सकारात्मक सोच रखते हुए अपने पास आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को संतोषजनक जबाव देने का प्रयास करें। अगर कोई कार्य संभव नहीं है तो भी संबंधित व्यक्ति को संतोषजनक जबाव देते हुए आश्वस्त करें। उन्होंने कहा कि नकारात्मक सोच रखने से तनाव के साथ संबंधित व्यक्ति की कार्य क्षमता प्रभावित होती है। जबकि सकारात्मक सोच की बदौलत जीवन के हर क्षेत्र में बेहतरीन परिणाम मिलते है। आपने कहा कि हम हम अपने जीवन में सकारात्मक सोच रखेंगे तो उसके बेहतर परिणाम मिलेंगे। उन्होंने कहा कि जो लोग खुश रहते है वे अपने जीवन में सकारात्मक सोच रखते है। उन्होंने कार्यशालामें उपस्थित सभी से आग्रह करते हुऐ कहा कि जीवन के हर क्षेत्र में सकारात्मक पहलुओं पर जोर देने की वर्तमान में नितांत आवश्यकता है। भाईसाहब ने कहा कि राजयोग को अपनाने से मन को शक्ति मिलती है। उन्होंने राजयोग के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि कोई भी कार्य हो उसको मुस्करातें हुए संपादित करें। माउंट आबू प्रशासनिक विभाग के हरीश भाई जी ने ईश्वरीय विश्व विद्यालय के संगठन एवं गतिविधियों के बारे में विस्तार से अवगत कराते हुए कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के तहत पूरे देश में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोच के जरिए मनुष्य के जीवन में आने वाली हर समस्या का समाधान किया जा सकता है। आपने सभी को माउंट आबू का भी निमंत्रण दिया।
कार्यक्रम का कुशल संचालन ब्रह्माकुमारी बसु बहन जी ने किया। 
कार्यक्रम की शुरूआत में अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में नागौर शहर के कई प्रशासनिक अधिकारी एवं गणमान्य बंधु उपस्थित रहे।
सेवाकेंद्र प्रभारी बीके अनिता दीदी जी ने सभी को ईश्वरीय संदेश देते हुए आध्यात्मिकता को जीवन में अपनाने का आह्वान किया दीदी जी ने उपस्थित सभी का कार्यक्रम में उपस्थित सभी का सबका स्वागत एवं आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम के पश्चात राजयोगिनी बी.के. शीतल दीदी जी ने सभी को ईश्वरीय सौगात भेंट की।


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नगर परिषद सभागार,नागौर में कार्यक्रम का हुआ आयोजन

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के प्रशासक सेवा प्रभाग के द्वारा आयोजित अभियान माउंट आबू से 28 जून 2022, नागौर शहर पहुंचा। 
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राजयोगिनी बी.के. डॉ. रीना दीदी जी ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आध्यात्मिक होने का मतलब अपनी ज़िम्मेदारियों से मुंह मोड़ना या सांसारिक सुखों का त्याग करना नहीं है, बल्कि इसका असली अर्थ है अपने अस्तित्व की पहचान करना है। इस बात का एहसास होना कि हम जिस स्थिति में है, जैसे भी हैं उसके लिए कोई और नहीं, बल्कि हम स्वयं ही ज़िम्मेदार है। यानी खुद को जानना और समझना ही आध्यात्मिकता है। साथ ही आध्यात्मिक होने का मतलब यह भी है कि हर हाल में खुश रहना और अपने अंदर सकारात्मक सोच का विस्तार करना। और जब आप अच्छा सोचेंगे, पॉज़िटिव बने रहेंगे, तो दिमाग भी स्वस्थ रहेगा। आज प्रशासनिक कार्यप्रणाली में थोड़ा परिवर्तन लाने की आवश्यकता है। एक प्रशासक को सिर्फ प्रशासक बनकर नहीं बल्कि प्रिय शासक बन कर कार्य करने की जरूरत है। दीदी ने बताया प्रशासन में मूल्यों के समावेश से ही मूल्यनिष्ट प्रशासन बना सकते हैं और मूल्यनिष्ट प्रशासन के आधार पर एक स्वस्थ और सुखी समाज की स्थापना कर सकते हैं। उन्होंने प्रशासनिक पदों पर आसीन सभी से आह्वान किया कि अपने जीवन में आध्यात्मिकता और मेडिटेशन को अपनाएं, जिससे तनाव मुक्त होकर प्रशासनिक सेवाएं कर सकते हैं, जिससे समाज को एक क्रियाशील, कर्तव्यनिष्ठ प्रशासनिक कार्य प्रणाली प्रदान कर सकते है। दीदी ने सभी को राजयोग की गहन अनुभूति भी कराई।
मुख्यालय संयोजक प्रशासक सेवा प्रभाग माउंट आबू से पधारे राजयोगी बीके हरीश भाई जी ने कहा कि हम जिस प्रकार की सोच को निर्मित कर रहे हैं उससे केवल निरन्तर बंधन का जाल और तनाव निर्मित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमेशा हमें सकारात्मक और शक्तिशाली संकल्प ही करना चाहिए । अपनी सोच को बहुत ही शुभ और कल्याणकारी बनाना चाहिए । सकारात्मक सोच ही हमें उत्तम प्रशासनिक कार्य प्रणाली प्रदान कर सकती है। प्रशासनिक पदों पर रहते हुए हमें सदा संतुष्ट और समभाव रखने की आवश्यकता है। भाई साहब ने सभी को माउंट आबू का आमंत्रण भी दिया।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से नागौर नगर परिषद की सभा पति महोदया श्रीमती मीतू बोथरा जी उपस्थित थी। आपने अभियान के प्रति अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की ।
राजयोगिनी बीके अनिता दीदी जी ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी को आशीर्वचन दिए एवं सभी का आभार व्यक्त किया।
बीके शीतल दीदी राजयोग शिक्षिका ने  सभी को सेवाकेंद्र पर पधारने के लिए सादर आमंत्रण दिया ।
बी के मंजुबहन जी ने कार्यक्रम का कुशल संचालन किया।

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