हरिद्वार: राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सुदेश दीदी जी के हरिद्वार शुभागमन पर विशेष कार्यक्रम

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दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए  बी के मन्जू , बी के सुदेश दीदी, महामंडलेश्वर स्वामी डॉ हरिहरानंद महाराज, भ्राता सुधीर कुमार गुप्ता,महंत जगजीत सिंह शास्त्री,महंत रविंद्र पुरी महाराज व् अन्य

आध्यात्मिकता मनुष्य को अंधकार से रोशनी की ओर ले जाती है- सुदेश दीदी जी 

अहंकार आत्मा और परमात्मा के मिलन में सबसे बड़ी बाधा- महंत रवींद्र पुरी जी 

हरिद्वार,उत्तराखंड। राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सुदेश दीदी जी ( संयुक्त मुख्य प्रशासिका, ब्रह्माकुमारीज  एवं  जर्मनी ब्रह्माकुमारीज की  निर्देशिका) के हरिद्वार शुभागमन पर विशेष कार्यक्रम “स्वयं एवं समाज के लिए आध्यात्मिकता का महत्व” विषय पर रखा गया।  

इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए महा निर्वाणी पंचायती अखाड़ा कनखल के सचिव एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी महाराज ने कृष्ण और सुदामा की मित्रता का उदाहरण देते हुए कहा कि अहंकार मनुष्य को परमात्मा से मिलने नहीं देता है। आत्मा और परमात्मा के मिलन में अहंकार ही सबसे बड़ी बाधा है। उन्होंने कहा कि अहंकार परमपिता परमेश्वर का भोजन है। मनुष्य अहंकार का विनाश करने के बाद ही परमात्मा को पा सकता है। उन्होंने सत्संग का महत्व बताया। गरीबदासी आश्रम के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी डॉ हरिहरानंद महाराज ने कहा कि आध्यात्मिकता अंतर्मुखी है और धार्मिकता बाह्यमुखी है। समाज में परिवर्तन अध्यात्म और धार्मिकता दोनों से ही आता है। 

निर्मल संतपुरा के अध्यक्ष  महंत जगजीत सिंह शास्त्री महाराज ने कहा कि कोई भी धर्म हो वह हमें परमात्मा से मिलने का ही रास्ता दिखाता है। गुरुवाणी में कहा गया है कि गुरु ही मनुष्य को परमात्मा से मिलाता है।

ब्रह्मकुमारी सुदेश दीदी ने कहा कि आध्यात्मिकता मनुष्य को अंधकार से रोशनी की ओर ले जाती है। मनुष्य समाज में व्याप्त ईर्ष्या राग द्वेष जैसे पापों से मुक्ति आध्यात्मिकता से ही पा सकता है। उन्होंने हिंदू धार्मिक ग्रंथों एवं गुरु ग्रंथ साहिब की वाणी के उदाहरण देते हुए कहा कि स्वराज परमात्मा और आत्मा के मिलन से ही आता है। आत्मा ऐसी जोत है जो हमें परमात्मा से मिलाती है।  

श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष समाजसेवी सुधीर कुमार गुप्ता ने कहा कि संतों का सानिध्य ही आत्मा को परमात्मा के मिलने का एक प्रमुख रास्ता है। सत्संग का जीवन में बहुत महत्व है। आध्यात्मिकता समाज को नई दिशा देती हैं।

ब्रह्माकुमारीज सेवा केन्द्र की सन्चालिका बी के  मीना दीदी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। और अतिथियों को अंग वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।  कार्यक्रम का संचालन ब्रह्मा कुमार सुशील ने किया। इस अवसर पर साध्वी पवित्रता, देहरादून ब्रह्माकुमारीज केंद्र की प्रभारी मंजू दीदी , अभिषेक आदि ने विचार रखें।

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