भरुच झाडेश्वर: संस्कार परिवर्तन भट्ठी का शुभारंभ और गुरुपोर्णिमा अलौकिक रीति से मनाया गया

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भरुच झाडेश्वर, गुजरात। पहली बार ज्ञान सरोवर के भाई – बहनों के लिए ब्रह्माकुमारीज़ भरुच -झाडेश्वर सेवा केंद्र पर संस्कार परिवर्तन योग भट्टी का आयोजन किया गया। ज्ञानसरोवर के 25 से 30 राजयोगियों का चार ग्रुप बनाकर योग भट्ठी कार्यक्रम में सहभागी बने। अनुभूतिधाम, झाडेश्वर, भरूच सेवाकेंद्र और ज्ञानसरोवर की डायरेक्टर राजयोगिनी बी.के. प्रभादीदीजी ने दिनांक 20/07/2024 से 24/07/2024 तक तीसरा ग्रुप की अनोखी त्रि-दिवसीय योग – भट्ठी का कार्यक्रम का अमृतवेला करके मुरली क्लास के बाद विधिवत शब्दों, पुष्पगुच्छ और तिलक द्वारा स्वागत किया । योग – भट्ठी का आयोजन करने का मुख्य हेतु परमात्मा के महावाक्यों का मनन चिंतन करके संस्कार परिवर्तन करना और परमात्मा की याद से अपने विकर्मों को विनाश करके पुरुषार्थ को आगे बढ़ाना है।
तत्पश्चात योग – भट्ठी का दीप प्रज्वलित करके उदघाटन किया गया और गुरुपूर्णिमा के विशेष अवसर पर कु. आराध्या और कु. दिव्या दो नन्ही सी बालिकाओं ने स्वागत नृत्य किया किया।
गुरुपूर्णिमा के विशेष दिन पर राजयोगिनी बी.के. प्रभादिदी जी ने सभी को गुरुपूर्णिमा का महत्व समझाया और सतगुरु की कृपा, आशीर्वाद एवं उनका साथ कैसे बना रहे इस पर ज्ञान का प्रकाश डाला। अपनी खुशी को प्रदर्शित करते हुए बी.के. अनिला बहन ने राजयोगिनी बी.के. प्रभादीदी जी को अपना गुरु समझकर उनका पुष्पगुच्छ से स्वागत किया और आशीर्वाद लिया। इस कार्यक्रम के दौरान भरूच सब जोन के सेवा केंद्रों की टीचर्स ब्रह्माकुमारी हेतल बहन, नीमा बहन, जवनिका बहन, अमिता बहन, अनिला बहन, संगीता बहन, पन्ना बहन, चैताली बहन, सुनीता बहन, योगी बहन और भाई – बहन उपस्थित रहकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

ब्रह्माकुमारी हेतल बहन ने पूरे कार्यक्रम का संचालन किया । बी. के. दिलिपभाई, ओमशांति मीडिया, रोहितभाई, विलासभाई, सत्यनारायण भाई श्यामभाई और आये हुए सभी भाइयों की ओर से राजयोगिनी बी.के. प्रभादीदीजी को गुरुपोर्णिमा के सुअवसर पर पुष्पगुच्छ देकर बधाई दी ।

सभी ने भट्ठी के अंतिम दिवस पर अपने गहन एवं तपस्यापूर्ण अनुभव साझा किये। किसीने कहा भरुच मधुबन की भासना देता है, तो किसीने कहा मुझे आत्मिक स्थिति का, अशरीरी स्थिति का अच्छा अनुभव हुआ, किसी के बहुत समय से भरुच आने की कामना पूरी हुई , किसीने एकरस, अचल शक्तिशाली अवस्था का अनुभव किया। अंत में राजयोगिनी बी.के. प्रभादीदी जी ने स्वागत करते हुए बधाई दी, अपने लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ने के आशीर्वचन देते हुए आनंद व्यक्त किया और सभी को ईश्वरीय उपहार, टोली–मिठाई देकर मुख मीठा कराया।

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