छतरपुर: ब्रह्माकुमारीज प्रांगण में स्थापित हुए द्वादश ज्योर्तिलिंगम

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सावन मास की महिमा अपार, द्वादश ज्योर्तिलिंगम एक साथ पहली बार

 गुरु वही जो सतगुरु से मिलाने का मार्ग बताएं- बीके शैलजा

छतरपुर, मध्य प्रदेश। सावन के पहले सोमवार को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय किशोर सागर के प्रांगण में द्वादश ज्योर्तिलिंगम की अद्भुत और अनुपम झांकी सजाई गई। जिसमें चहूं दिशाओं में स्थित 12 ज्योर्तिलिंगम के स्वरूप की स्थापना की गई।
शिव के स्वरूपों की स्थापना के साथ-साथ गुरु पूर्णिमा भी बड़े धूमधाम से मनाई गई इसी के निमित्त 12 ज्योर्तिलिंगम के विधिवत प्रथम पूजन के लिए संत समाज को आमंत्रित किया गया जिसमें जानराय टोरिया महंत श्री श्रृंगारी दास महाराज जी, मोटे की महावीर मंदिर महंत श्री कमलेश बब्बाजू एवं अन्य संत महंत भी उपस्थित रहे।
सर्वप्रथम सभी ने मिलकर द्वादश ज्योर्तिलिंगम की पूजा आराधना करके परमात्मा को भोग स्वीकार कराया तत्पश्चात गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में सभी गुरुओं का ब्रह्माकुमारीज़ के द्वारा सम्मान किया गया।
इस अवसर पर छतरपुर सेवाकेंद्र प्रभारी बीके शैलजा ने कहा सावन मास परमात्मा शिव की आराधना, उपासना, व्रत, कीर्तन, जप- तप आदि कर शक्ति संचय करने का मास है। और इसी महीने में आने वाली गुरु पूर्णिमा हमें याद दिलाती है कि गुरु हमें सतगुरु से मिलाने का रास्ता बताते हैं क्योंकि गुरुओं का भी गुरु महासतगुरु परम पिता परमात्मा शिव है जो हमें मुक्ति और जीवन मुक्ति प्रदान कर हमारी भक्ति का फल देते हैं।
इस अवसर पर श्रृंगारी दास जी महाराज ने कहा कि जिन ज्योर्तिलिंगम के दर्शन करने हम दूर-दूर जाते हैं उन्हीं 12 ज्योतिर्लिंगम को ब्रह्माकुमारी बहनों ने एक साथ यहीं पर लाकर स्थापित कर दिया। यह पहली बार है कि 12 ज्योर्तिलिंगम एक साथ हम दर्शन कर पा रहे हैं और उनका पूजन भी कर पा रहे हैं यह हमारी मातृ शक्तियों की ही देन है इसके लिए ब्रह्माकुमारी बहनें धन्यवाद की पात्र हैं।

झांकी के प्रथम दिवस दर्शन के लिए सुबह से शाम तक भक्तों का सैलाब उमड़ता रहा जिसमें नगर पालिका अध्यक्ष सुरेंद्र ज्योति चौरसिया, जिला अधिकारी आयुष विभाग डॉक्टर विज्ञान देव मिश्रा, समाजसेवी शंकर लाल सोनी, जेपी मिश्रा, महेंद्र सिंह परमार, लखन लाल तिवारी, ए के अवस्थी, दर्शना वृद्धा आश्रम संचालिका प्रभा विदु का आना हुआ।
इस मौके पर बीके रमा ने बताया कि इन सभी ज्योतिर्लिंगम के दर्शन का लाभ आप सभी 22 जुलाई से 29 जुलाई तक ले सकते हैं।

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