खजुराहो: गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में गुरुजनों (शिक्षकों) का किया गया सम्मान

0
232

खजुराहो,मध्य प्रदेश। विश्व पर्यटन नगरी के ब्रह्माकुमारीज़ में स्वस्थ एवं स्वच्छ समाज बनाने में शिक्षकों की भूमिका विषय को लेकर कार्यक्रम किया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती पूजन एवं शिव परमात्मा के पूजन के साथ किया गया। तत्पश्चात सभी ने दीप प्रज्वलन करके परमात्मा शिव का आवाहन किया और ज्योति जगा कर स्वयं प्रकाश की ओर ले जाने का संकल्प लिया।

कार्यक्रम में राजनगर तहसील के भिन्न-भिन्न ग्राम पंचायतों के विद्यालयों के शिक्षक गण एवं प्राचार्य भी सम्मिलित रहे। मुख्य अतिथि के रूप में भ्राता अतुल चतुर्वेदी जी (बी. आर .सी .) उपस्थित रहे। साथ ही साथ इस कार्यक्रम में बालकृष्ण त्रिपाठी जी ,रामगोपाल शर्मा जी ,पी सी खरे जी, संजय द्विवेदी जी, प्रभात सिंह जी, गुड्डन अग्निहोत्री जी, बहन नमिता जी, बहन रितु जॉन, सुमन सिंह जी, जगदीश सोनी जी, पन्नालाल अहिरवार जी ,एस बी अवस्थी जी ,राममिलन सिंह जी उपस्थित रहें। इनके साथ करीब 200 शिक्षकों ने कार्यक्रम का लाभ लिया।

कार्यक्रम में बिजावर से पहुंची ब्रह्माकुमारी प्रीति बहन जी ने कहा हम सभी जानते हैं हमारा भारत देश एक भावना प्रधान देश हैं, यहां की संस्कृति हैं कि जहां से भी हमें कुछ भी सीखने को मिलता हैं, हम उसे देवता या गुरु की नजर से देखते या पूजने लगते हैं। लेकिन अच्छे शिक्षक या गुरु को योग्य शिष्य का होना आवश्यक हैं। समाज में गुरु तो अनेक हैं, परंतु सतगुरु केवल एक परमात्मा हैं। और यदि सर्वोच्च शिक्षक अथवा सतगुरु की शरण में हम जाते हैं, तो निश्चित रूप से हमारे जीवन में आंतरिक संपन्नता का सर्वांगीण विकास होता हैं। परंतु सीखने के लिए कई बार झुकना पड़ता हैं, सहन करना पड़ता हैं, त्याग करना पड़ता हैं, तब जीवन निखरता हैं।

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित भ्राता अतुल चतुर्वेदी जी ( बी.आर. सी. ) ने शुभकामनाएं देते हुए कहा की कोई भी कोयला इतना काला नहीं होता कि आग उसको जलाकर लाल ना कर दे इसी प्रकार हमें भी जलते रहना हैं और इस समाज को प्रकाश देना है। कहते हैं मोमबत्ती की तरह होते हैं शिक्षक , जब तक जलते रहे तो प्रकाश देते हैं शिक्षक, हमें भी जलना है इस समाज को स्वस्थ स्वच्छ समाज बनाने की हमारी जो भूमिका है उस भूमिका को बखूबी निभाना हैं ,हमें स्वयं को परिवर्तन करना हैं । कुशल मंच संचालन खजुराहो सेवा केंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी विद्या बहन जी ने किया। कार्यक्रम के अंत में सभी का सम्मान किया गया एवं ईश्वरीय सौगात दी गई । अंत में सभी को प्रसाद खिलाकर मुख मीठा कराया गया ।

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें